दिल्ली जा रहे नाबालिग बेटे को रास्ते से वापस बुलवाकर पुलिस ने किया एनकाउंटर, आरोपी जुनैद के पिता का दावा
पिता ने उपलब्ध कराई स्कूल मार्कशीट, आधारकार्ड व कॉल डिटेल। जुनैद के नाबालिग होने के प्रमुख साक्ष्य द मूकनायक टीम के पास सुरक्षित, आरोपी के पिता ने कहा – पुलिस के कहने पर मैंने बेटे को वापस आने को कहा था
द मूकनायक टीम लखीमपुर खीरी में दलित बहनों के साथ बलात्कार फिर उनकी हत्या मामले में लगातार ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहा है। उसी कड़ी में, वहां पर मामले से जुड़े जो अन्य घटनाएं सामने आईं उसके बारे में पढ़िए यह आगे की रिपोर्ट..
यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन क्षेत्र में दो सगी दलित बहनों के साथ रेप और हत्या के मामले में पीड़िताओं-आरोपियों के परिजनों के दावे व पुलिस की कहानी मेल नहीं खा रही है। पूरी घटना में पुलिस ने 12 घण्टे में खुलासा कर सभी आरोपियों को पकड़ने का दावा किया था।
पुलिस का कहना है कि युवक पहले से ही लड़कियों के सम्पर्क में थे। जबकि आरोपियों के परिजनों का कहना है उनके बच्चे गांव के 40 अन्य लोगों के साथ हैदराबाद में रहते थे। गांव में कम रुकते थे। सभी मई 2022 में हैदराबाद गए थे। मोहर्रम के बाद बीसवाँ के कार्यक्रम में 2 सितम्बर 2022 को ही गांव आए थे। परिवार ने पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए युवकों के रेलवे टिकट भी दिखाए। इधर, पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी बेटियों को घर से अगुवा करके ले जाया गया है, जिनकी बाद में हत्या कर दी गई। पूरे मामले को समझने के लिए द मूकनायक व खबर लहरिया की टीम ने एक बार फिर से निघासन क्षेत्र का दौरा कर अहम कडि़यों को जोड़ा। पेश है विस्तृत रिपोर्ट।
जानिए पूरा घटना क्रम
यूपी में लखीमपुर के निघासन के एक गांव में 14 सितम्बर 2022 को शाम लगभग 4 बजे दो सगी बहनों की पेड़ से लटकती लाश मिली थी। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया था। उसके मुताबिक दो बेटियों की मौत के मामले में 6 गुनहगार हैं। इनके नाम है जुनैद, सुहैल, आरिफ, हफीजुर्रहमान, करीमुद्दीन और छोटू। पुलिस छोटू की भूमिका को बेहद अहम बता रही है। छोटू उन दो बहनों का पड़ोसी हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। दोनों एक ही गांव और एक ही बिरादरी के हैं। दोनों घरों के बीच महज 300 मीटर की दूरी है।
पुलिस का दावा है कि, दोनों लड़कियां तीनों लड़कों को जानती थीं और उन्हें बहला-फुसला कर ले जाया गया, लेकिन पीडि़त परिवार इस बात को कबूल नहीं कर रहा। मृतक लड़कियों की मां ने बताया कि दोनों लड़कियों को घर से जबरन घसीट कर ले जाया गया। परिवार की मानें तो इन दो बहनों के साथ ज्यादती की इंतेहा हुई है। परिवार का आरोप है दोनों को अगवा किया गया, उनसे रेप हुआ और फिर दोनों की हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए गए।
पीड़ित परिवार का यह भी आरोप है कि जुनैद और उसके साथी दोनों लड़कियों को बाइक पर ले गए तब मां और पिता सूचना देने पुलिस थाने पहुंचे, जहां उनके साथ मारपीट की गई। हालांकि, पुलिस इन आरोपों से इनकार कर रही है। यही नहीं उसने सुबह होते-होते इस केस की गुत्थी सुलझाने का दावा भी कर दिया। फिलहाल पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को जेल भेज दिया है।
जानिए क्या कहना है आरोपियों के परिवार का
पुलिस द्वारा घटना का मुख्य आरोपी छोटू बताया गया है। छोटू की पत्नी का कहना है, "मेरे पति घटना के दिन रिश्तेदार उत्तम के घर गए हुए थे। वह शाम को घर लौटे। वह घर में ही लेटे हुए थे। कुछ पुलिस वाले आए। पूछताछ के बाद छोड़ दिए जाने की बात कहकर वह उसे अपने साथ ले गए।"
जबरन जुल्म कबुलवाने के आरोप
छोटू की पत्नी का आरोप है, "पुलिस ने मेरे पति छोटू को बहुत पीटा। उनके हाथ पैर सूजे हुए थे। पुलिस की मार के कारण उन्होंने कुछ नहीं करते हुए भी जुर्म कबूल कर लिया। मेरे पति की बाइक उत्तम के घर खड़ी थी। पुलिस उसको भी उत्तम के गांव जाकर उठा लिया। कुछ समय पहले ही बाइक हमने लोन पर खरीदी थी। मेरे पति निर्दोष हैं।"
जुनैद को बुलाकर पकड़ा, दिखा दिया एनकाउंटर
मामले में आरोपी बनाए गए जुनैद के पिता ने बताया, "मेरा बेटा नाबालिग है। उसकी उम्र मात्र 14 साल है। वह दिल्ली जा रहा था। पुलिस घर आई थी। पुलिस के कहने पर मैंने उसे बुलाया। वह पीलीभीत पहुंचा था। वापस आते समय निघासन से 90 किमी दूर खुटार टोल प्लाजा से पुलिस ने पकड़ा। उसे निघासन से 7 किमी दूर झंडी में ले जाकर एनकाउंटर दिखा दिया।"
जुनैद के पिता का कहना है, "जब मेरे कहने पर बेटा आ ही गया था तो एनकाउंटर क्यों कर दिया।" उन्होंने जुनैद नाबालिग है इसके कई सबूत द मूकनायक व खबर लहरिया की टीम को उपलब्ध कराए, जिनमें आधारकार्ड, स्कूल की मार्कशीट मुख्य है। जुनैद दिल्ली में अपने चाचा के घर रहकर पढ़ाई करता था। लॉकडाउन के बाद वह गांव चला आया। लॉकडाउन खत्म होने के बाद वह गांव के ही दोस्तों के साथ हैदराबाद काम करने चला गया था। वहा फीस के रुपए जुटाने के बाद वापस दिल्ली अपने स्कूल में एडमिशन के लिए जा रहा था।
जुनैद के पिता का मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किया
जुनैद के पिता इसराइल ने बताया, "जुनैद दिल्ली जाने के लिए निकला था। निघासन से दिल्ली के लिए अंतिम बस शाम 5 से 6 बजे तक ही मिलती है। वह बस पकड़कर निकल गया था। रात में जब पुलिस घर आई तब मैंने उसे फोन किया। वह पीलीभीत पहुंच चुका था। मैंने उसे वापस बुला लिया। वह दूसरी बस पकड़कर वापस आ रहा था। पुलिस दो सफेद गाडि़यों से मुझे 90 किमी दूर खुटार टोल प्लाजा के पास ले गई। जब मेरा बेटा वहां पहुंचा। पुलिस ने उसे गाड़ी में बैठाया और साथ लेकर कहीं चले गए। सुबह खबर में देखा की मेरे नाबालिग बेटे को पुलिस ने झंडी में ले जाकर पैर में गोली मारकर एनकाउंटर दिखा दिया है। मेरा बेटा नाबालिग है। उसके साथ पुलिस ने ज्यादती की है।"
इस घटना में गिरफ्तार अन्य आरोपियों सोहेल और करीमुद्दीन के परिजनों की ही तरह जुनैद के पिता इसराइल भी अपने बेटे को बेगुनाह बता रहे हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा तो हैदराबाद में ग्रिल का काम करता है, उसका इन लड़कियों से कोई सरोकार नहीं। जुनैद का परिवार दो सगी बहनों के हत्याकांड में उसके शामिल होने से साफ इनकार कर रहा है।
घटना के समय आरिफ अपने पिता के साथ पलिया गांव में मौजूद था!
मामले में पुलिस द्वारा आरिफ को आरोपी बताया गया है। जबकि आरिफ के पिता का कहना है, "14 सितंबर को मैं अपने बेटे के साथ बाइक से पलिया गया था। मुझे जोड़ों में दर्द की समस्या थी। इसलिए देशी इलाज के लिए हकीम के पास गए थे। मैं और मेरा बेटा आरिफ सुबह 11 बजे निकले थे। शाम को साढ़े तीन बजे घर के लिए वापस निकले। मझगईं में सरस्वती विद्या मंदिर के पास फैब्रिकेटर की दुकान पर रुके थे। वहां प्रदीप की दुकान से चाय और समोसा भी खाया था। लगभग आधे घण्टे बाद घर के लिए निकल गए। शाम 6 बजे घर लौटे हैं।"
द मूकनायक टीम इस बात की तस्दीक के लिए घटनास्थल से लगभग 40 किमी दूर पलिया गई। हकीम ने भी आरिफ के पलिया में होने की जानकारी दी। इसके साथ ही मझगईं में मौजूद फैब्रिकेटर दुकान संचालक ने भी आरिफ की मौजूदगी की जानकारी दी है।
अधिकारियों ने क्या कहा!
इस मामले में पुलिस अधीक्षक लखीमपुर खीरी संजीव सुमन से सम्पर्क किया गया। एसपी ने बताया, "सुहैल और जुनैद की मई से ही उन युवतियों से बात हो रही थी। सभी आपस में सम्पर्क में थे। पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। मामले की विवेचना चल रही है। कुछ चीजें गोपनीय है जो बताई नहीं जा सकती हैं। इसके अलावा इस मामले में कुछ नहीं कहना है।"
पूरे मामले को लेकर द मूकनायक संवाददाता सत्यप्रकाश भारती ने पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ परिक्षेत्र लक्ष्मी सिंह से सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन दूरभाष पर उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।
क्या बोले क्षेत्रीय विधायक!
मामले को लेकर लखीमपुर खीरी के निघासन के क्षेत्रीय विधायक शशांक वर्मा से बात की गई। उनका कहना है, "पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है। हमें उस पर भरोसा रखना चाहिए।"
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