मासूम की जिंदगी से खिलवाड़: गलत जगह इंजेक्शन लगाने से बच्चे को हुआ गैंग्गरीन

मासूम की जिंदगी से खिलवाड़: गलत जगह इंजेक्शन लगाने से बच्चे को हुआ गैंग्गरीन

निमोनिया से पीड़ित दो साल के बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद हुए इंफेक्शन से हाथ में गैंग्गरीन रोग फैल गया।
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उत्तर प्रदेश। डॉक्टरों के प्रति लोगों की धारणा किसी भगवान से कम नहीं रही है। लेकिन कभी-कभी पैसे ज्यादा कमाने के चक्कर में मासूमों की जान से खेलने के मामले भी सामने आते रहे हैं। ताजा मामला रायबरेली का निजी नर्सिंग होम सत्यम हॉस्पिटल का है। निमोनिया से पीड़ित दो साल के बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद हुए इंफेक्शन से हाथ में गैंग्गरीन रोग फैल गया। इंफेक्शन फैलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जबरन मरीज के परिजनों से मरीज ले जाने का नोट लिखा लिया और उसे अस्पताल से बाहर भेज दिया।

गैंग्गरीन फैलने के बाद मासूम जिंदगी की जंग हारा

गैंग्गरीन होने के बाद बच्चे का इलाज के दौरान उसकी हालत बहुत नाजुक थी। डीएम ने मासूम को एम्स में भर्ती भी कराया था। जहां संक्रमण की वजह से डॉक्टरों ने उसका हाथ काट दिया था। जिससे संक्रमण और ज्यादा ना फैले। स्थिति बहुत ही नाजुक थी, जिसकी वजह से नवजात ने दम तोड़ दिया।

निमोनिया का इलाज कराने गए बच्चे को डाक्टरों ने दे दिया गैंग्गरीन रोग

खबर सामने आई है कि लालगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी सुरेंद्र शर्मा के 2 साल के मासूम बच्चे राघव को निमोनिया होने के कारण 13 जून 2023 को प्राइवेट सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। यहां पहुंचने के बाद बच्चे को कई इंजेक्शन लगाए गए, जिससे हाथ में इंफेक्शन हो गया और गैंग्गरीन रोग फैल गया। इंफेक्शन फैलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जबरन मरीज के परिजनों से मरीज ले जाने का नोट लिखा लिया और उसे अस्पताल से बाहर कर दिया।

मोटी रकम देने के बाद भी दिया रोग

बच्चे के पिता ने बताया कि जब बच्चे के हाथ में इंफेक्शन फैल गया तो यह बात उन्होंने डॉक्टरों को बताई। इस पर आश्वासन देते हुए डाक्टरों ने कहा कि परेशान ना हो ठीक हो जाएगा, लेकिन एक-दो दिन बाद भी जब कोई लाभ नहीं मिला, तो फिर डाक्टरों से कहा तो उन्होंने उनको बच्चे के साथ भगा दिया। जिसके बाद पिता मासूम बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकता रहा। इसके बाद जब पिता ने बच्चे को एम्स रायबरेली में दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के हाथ में गैंग्गरीन रोग फैल चुका है। जिसकी वजह से उसका हाथ काटना पड़ेगा। जिसका इलाज यहां संभव नहीं है।

मरीजों और डॉक्टरों से पूछताछ

इस पूरी घटना के बाद पीड़ित बच्चे के पिता सुरेंद्र शर्मा ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए एसीएमओ व एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाकर पुलिस मामले की जांच करके विस्तृत रिपोर्ट मांगी। मामले की जांच करने के लिए एसीएमओ डॉ. अरविंद अस्पताल पहुँचे और अभिलेख के साथ साथ मरीजों और डॉक्टरों से पूछताछ कर मामले की जाँच शुरू की। एसीएमओ डॉ. अरविंद का कहना है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आ रही है। जांच करने के बाद पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। इसी के साथ जिलाधिकारी ने ये भी भरोसा दिलाया है कि अस्पताल के विरुद्ध जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं अपने बचाव में ज़िम्मेदार अस्पताल के डॉक्टर केएस सिंह ने कहा है कि हमने इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती। इसी के साथ ये भी खबर सामने आ रही है कि कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए सत्यम हॉस्पिटल ने जुगत भिड़ानी शुरू कर दी है।

अपने बच्चे के लिए हर चौखट पर जाने को तैयार हूं - पिता

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मासूम के पिता सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि सत्यम हॉस्पिटल के गलत इलाज की वजह से मेरे बेटे की जान चली गई है। जो मेरे बच्चे के साथ हुआ, वह किसी दूसरे के साथ नहीं होना चाहिए। मेरा बच्चा तो इस दुनिया में नहीं रहा लेकिन मैं उसको न्याय दिला कर रहूंगा।

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