लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने निकाय चुनावों के लिए 5 दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट अधिसूचना रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट का आदेश है कि बिना ट्रिपल टेस्ट के यह चुनाव नहीं कराया जा सकता। इसके लिए कोर्ट ने प्रशासक नियुक्त करने का आदेश भी रद्द कर दिया है। जिन नगर निकायों के कार्यकाल खत्म होंगे वहां प्रशासनिक अफसरों की एक कमेटी काम करेगी। यह कमेटी निकायों के नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी, केवल प्रशासनिक कार्यों का संचालन करेगी। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ पारित किया। वहीं यूपी सीएम योगी ने अब ट्रिपल टेस्ट के बाद ही यूपी में नगर निकाय कराने का फैसला लिया है। वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश को लेकर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कर रही है।
यूपी की इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार 27 दिसम्बर 2022 को अहम फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला सुना दिया है। यह आदेश हाईकोर्ट में 5 दिसम्बर को जारी की गई नगर निकाय चुनाव के आरक्षण अधिसूचना को लेकर दायर की गई लगभग 93 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा, सरकार या निर्वाचन आयोग बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवा सकता है।
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