उत्तर प्रदेश: जमीन से कब्जा हटाने का विरोध कर रही मां-बेटी संदिग्ध परिस्थितियों में झोपड़ी में जिंदा जले

एडीजी स्तर के अधिकारी कर रहे जांच, मंडलायुक्त कानपुर ने पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया
उत्तर प्रदेश: जमीन से कब्जा हटाने का विरोध कर रही मां-बेटी संदिग्ध परिस्थितियों में झोपड़ी में जिंदा जले
Graphic by Rajan Chaudhary, The Mooknayak
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कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान घर में लगी आग में मां-बेटी जिंदा जल गए। प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। घटना से जुड़ा 2:30 मिनट का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में अतिक्रमण हटाने के दौरान महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है और दरवाजा बंद कर देती है। पुलिस भी दौड़कर वहां पहुंचती है और दरवाजा तोड़ देती है। पुलिस द्वारा साथ लाए गए बुलडोजर से झोपड़ी गिराने की शुरुआत होते ही संदिग्ध परस्थितियों में झोपड़ी में आग लग जाती है, और हर तरफ अफ़रा-तफरी मच जाती है। इसी आग में महिला और उसकी बेटी जलकर राख हो जाते हैं। आरोप है कि भू-माफियाओं के साथ मिलकर अफसरों ने झोपड़ी में आग लगा दी।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के कानपुर देहात में मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत में चालहा गांव में 13 फरवरी 2023 को पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची थी। इस दौरान गांव में रहने वाली प्रमिला दीक्षित (44) की झोपड़ी को हटाने की कार्रवाई पुलिस ने शुरू की। प्रमिला अपनी बेटी नेहा दीक्षित (21) के साथ झोपड़ी में घुसकर उसे अंदर से बन्द कर लिया। इस दौरान झोपड़ी के अंदर कुछ बकरियां भी मौजूद थीं।

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जानिए क्या था जमीनी विवाद?

जानकारी के मुताबिक, मड़ौली गांव के रहने वाले गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी। इस पर 13 जनवरी 2023 को SDM मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था। पीड़ित कृष्ण गोपाल व उनके पुत्र शिवम ने परिजनों के साथ लोडर से बकरियां आदि लेकर माती मुख्यालय में धरना देकर आवास मुहैया कराए जाने की मांग की, लेकिन एसडीएम मैथा व ADM प्रशासन केशव गुप्ता ने उनको माफिया बता दिया। 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मौजूदा समय में वह लोग फूस का छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे। उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी।

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SDM और पुलिस को ग्रामीणों ने दौड़ाया

आग लगते ही SDM और पुलिस को ग्रामीणों ने दौड़ा लिया। सभी ने भागकर अपनी जान बचाई। घटना की जानकारी मिलने पर कानपुर के कमिश्नर राज शेखर, डीएम नेहा जैन, ADG आलोक कुमार समेत अन्य अफसर भी मौके पर पहुंचे हैं। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस और PAC तैनात कर दी गई है। कानपुर कमिश्नर राज शेखर ने कहा, "हम लोग पीड़ित के लगाए आरोपों की जांच कर रहे हैं। इस मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होगा छोड़ा नहीं जाएगा।"

कमिशनर (मंडलायुक्त) राजशेखर ने बताया, "पूरे मामले की ADG आलोक कुमार जांच कर रहे हैं। परिवार के लोग जिनके खिलाफ भी तहरीर देंगे जांच कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।"

विरोध के दौरान महिला और बेटी ने खुद को झोपड़ी में बंद किया

कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने घटना स्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक ने बताया, मौके पर एसडीएम व अन्य कर्मचारी अवैध कब्जे को हटाने के लिए आए थे। इस दौरान कुछ लोग कब्जा नहीं हटाए जाने का विरोध कर रहे थे। महिला और उनकी बेटी भी प्रदर्शन में शामिल थीं। विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया। थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई, जिसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है। आग लगने का कारण पता लगाया जा रहा है। घटना में कुछ लोग और लेखपाल का नाम सामने आ रहा है। साथ ही अतिक्रमण हटाने के दौरान जो वीडियो बना है उसको भी देखा जाएगा। जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई होगी।

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अवैध कब्जे की शिकायत पर पहुंची थी टीम

कानपुर देहात मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। 13 फरवरी 2023 को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे।

अधिकारियों ने मेरी झोपड़ी पर आग लगा दी

इस मामले में पीड़ित परिवार का कहना है, "एसडीएम, तहसीलदार, गांव के अशोक दीक्षित और अनिल दीक्षित के साथ कई और लोग सोमवार को हमारी झोपड़ी पर आए थे। वो लोग बोले झोपड़ी में आग लगा दो। जिसके बाद हमारी झोपड़ी में आग लगा दी गई। तब हम लोग अंदर ही थे। हम लोग बहुत मुश्किल से निकल पाए। गांव का गौरव दीक्षित नाम का युवक दिल्ली में नौकरी करता है। वो लेखपाल और SO से मिला हुआ है। उसी ने इन लोगों के साथ मिलकर पैसा देकर हमारी झोपड़ी गिरवा दी है। इन लोगों ने हमारा मंदिर भी तोड़ दिया। मेरी बेटी और पत्नी को मार दिया है।"

क्या बोले जांच करने वाले अफसर

मामले की जांच कर रहे एडीजी कानपुर जोन आलोक सिंह ने बताया, अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत हुई है। मामले की जानकारी मिलते ही मौका-मुआयना करने के लिए वह खुद मौके पर जाने के लिए रवाना हो गए हैं।

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