उत्तर प्रदेश: बहुजन नेताओं की स्मृति सभा में बिखरे समाज को एकजुट करने पर 'मंथन'

मुलायम सिंह यादव के साथ ही कांशीराम और फातिमा शेख के परिनिर्वाण दिवस पर दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों को एक एकजुट होने का आह्वान.
कार्यक्रम में उपस्थित हुई महिलाएं
कार्यक्रम में उपस्थित हुई महिलाएं फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक
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निजामाबाद (आजमगढ़)। यूपी के पूर्वांचल में बहुजनों और पिछड़ों के हितों को लेकर चर्चा में रहे मुलायम सिंह यादव, कांशीराम और फातिमा शेख को एक स्मृति सभा के दौरान याद किया गया। तीनों के परिनिर्वाण दिवस और हालिया राजनीति को लेकर दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग एक जुट हुए। खिरियाबाग किसान दल के तत्वाधान में आयोजित स्मृति सभा में इन बहुजन चिंतक के विचारों को एक बार फिर याद किया गया। इस दौरान विभिन्न राज्यों और जिलों से लोग एकजुट हुए। नर्मदा बचाओ आंदोलन को अस्तित्व में लाने वाली मेधा पाटेकर, मध्य प्रदेश से आये पूर्व विधायक सुनीलम और आकर्षण का केंद्र रहे। इन्होंने अपने विचारों से लोगों को प्रभावित किया।

दरअसल, आज़मगढ़ जिले के निजामाबाद में 10 अक्टूबर 2023 मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि पर किसान नेता राजीव यादव के प्रयास से फातिमा शेख, मान्यवर कांशीराम, मुलायम सिंह यादव, डॉ. राममनोहर लोहिया स्मृति सभा आयोजित की गई। इसमें देशभर के बहुजनवादी, समाजवादी, गांधीवादी नेताओं और बुद्धजीवी एकत्र हुए। सभी ने एक स्वर में राहुल, कैफ़ी, हरिऔध की धरती पर एक बार फिर से मुलायम कांशीराम की विरासत सांप्रदायिकता को ध्वस्त करके संविधान और लोकतंत्र स्थापित करने की बात कही। स्मृति सभा की शुरुआत फातिमा शेख, मान्यवर कांशीराम, डाक्टर राम मनोहर लोहिया, मुलायम सिंह यादव को श्रद्धा सुमन अर्पित करके हुई। स्मृति सभा में खिरिया बाग और अंडिका बाग की महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की।

नर्मदा बचाओ आंदोलन को अस्तित्व में लाने वाली मेधा पाटेकर कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करती हुई।
नर्मदा बचाओ आंदोलन को अस्तित्व में लाने वाली मेधा पाटेकर कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करती हुई। फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

इस अवसर पर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटेकर ने कहा कि जो आज सत्ताधीश है उसका सब वादा झूठा निकाला। कांशीराम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कुल ताकत सत्य की है। "हम सबको भी सत्य और अहिंसा का मार्ग ही सांप्रदायिकता से मुक्ति दिलाएगा। संविधान ही हमारी मूल धरोहर है।"

पाटेकर ने कहा, सरकार सिर्फ झूठे वादों से लोगों को रिझाकर धनाढय और पूंजीवादी लोगों को लाभ दे रही है।

मध्य प्रदेश से आए किसान नेता पूर्व विधायक डाक्टर सुनीलम ने कहा कि डाक्टर अंबेडकर और लोहिया दोनों जाति तोड़ने के सवाल पर एक मत थे। हमें भी जातिविहीन समाज की स्थापना के लिए आगे आना चाहिए। मुलायम सिंह यादव और कांशीराम की एकता ही सामाजिक न्याय दिला सकती है। इटावा से आए पूर्व महाधिवक्ता, लखनऊ, एडवोकेट राज बहादुर यादव ने कांशीराम और मुलायम सिंह के संबंधों को याद करते हुए कहा कि कांशीराम अपनी सभा में कहा करते थे कि संघी ताकतें मुलायम सिंह को अपने मार्ग का पत्थर बताती हैं। मैं मुलायम सिंह को पत्थर नहीं पहाड़ बनाना चाहता हूं, जिससे टकराकर ऐसी ताकतें चूर-चूर हो जाएं।

कार्यक्रम में उपस्थित लोग
कार्यक्रम में उपस्थित लोगफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए...

किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति सभा में संकल्प लेते हैं कि नब्बे के दौर में जिस तरह से यूपी में मुलायम और कांशीराम के गठजोड़ ने कमंडल को बुलडोज कर मंडल को स्थापित किया था। आज फिर से हम जातिगत जनगणना को करवाकर ही दम लेंगे। महिला आरक्षण से लेकर नौकरियों तक जिस तरह दलित, आदिवासी, पिछड़ों के साथ अन्याय किया जा रहा है उसको लेकर सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे। मंडल कमीशन की सभी सिफारिशों को लागू किया जाए, लूट के राज को ध्वस्त कर संविधान के राज को स्थापित किया जाए। यादव ने नब्बे के दशक में कांशीराम द्वारा मुलायम के गठबंधन के दौरान चर्चा में रहे नारे -"मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए ..." फिर से दोहराया।

यादव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार यादव ने कहा कि जाति देखकर बुलडोजर चलाया जा रहा है। दलित, पिछड़ों का दमन नहीं सह जाएगा। योगी का बुलडोजर उनके सजातीय गुंडों अपराधियों के खिलाफ क्यों नहीं चलता।

सुल्तानपुर से आए कुलदीप यादव ने कहा कि महिला आरक्षण नहीं सवर्ण महिला आरक्षण है। बहुजन नेता डॉक्टर आरपी गौतम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "आज के तीन दशक पूर्व कांशीराम, मुलायम सिंह यादव ने सांप्रदायिक ताकतों को रोककर उत्तर प्रदेश में समता स्थापित किया था। आज कांशीराम और मुलायम सिंह की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राजीव यादव ने आज़मगढ़ की ज़मीन पर यह एक अनोखा प्रयास किया है। राजीव यादव के शब्दों में मैं यह कहना चाहता हूं कांशीराम तुम मत घबराना तेरे पीछे नया जमाना।"

बहुजन नेताओं, और शोषितों, वंचितों के न्याय की आवाज बनने वाली वीरांगनाओं को लोगों ने याद किया।
बहुजन नेताओं, और शोषितों, वंचितों के न्याय की आवाज बनने वाली वीरांगनाओं को लोगों ने याद किया। फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

राष्ट्रीय बांसशिल्पी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संतोष कुमार धरकार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "मान्यवर कांशीराम व फातिमा शेख और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर नब्बे के दशक के बाद किसान नेता राजीव यादव ने फिर से बहुजन आंदोलन और ओबीसी को लेकर जो धार दिया है वो प्रशंसनीय है। इस मंच के माध्यम से कहना चाहता हूं कि आज पूर्वांचल की धरती आज़मगढ़ से फिर से आगाज़ किया गया है कि आज़ादी के बाद से जो समाज वंचित रह गया है। हेला, धरकार, बांसफोर जिनकी पूर्वांचल में संख्या ज्यादा है इनके पूर्वज बांस से बने सामान को बेचकर अपनी जीविका चलाते थे आज ये जातियां शून्य हैं, सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्र में उनके भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।"

स्मृति सभा में यह लोग रहे मौजूद

स्मृति सभा में भंते विनयाचार्य, पवन यादव, निशांत राज, प्रेम चंद्र भारतीय, समाजवादी बाबा साहेब आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजू पासी, सचेंद्र यादव, मनीष शर्मा, डाक्टर राजेंद्र यादव, संदीप यादव, सत्यम प्रजापति, श्रीराम यादव, किस्मती, नीलम, बिंदु यादव, योगेंद्र यादव, मोलनापुर के प्रधान चंद्रशेखर यादव, ओहनी के पूर्व प्रधान बालकृष्ण यादव, लालजीत यादव, मंगेश, प्रवेश कुमार, दीपक यादव, गुलशन कुमार, संतोष कुमार सिंह, आकाश यादव, चन्दन यादव, महेंद्र यादव, समाजवादी बाबा साहेब आंबेडकर वाहिनी के रामजीत यादव, एडवोकेट अनिल यादव, आनंद यादव मौजूद रहे।

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