उत्तर प्रदेश। उन्नाव जिले में 24 जून की रात यूट्यूब के एक पत्रकार को गोली मार दी गई। पत्रकार ने कुछ दिन पहले ही अपने और अपने परिवार के जान का खतरा बताते हुए पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। आरोप है कि पुलिस ने पत्रकार की सहायता नहीं की। वहीं जिले की पुलिस से सहायता न मिलने पर पत्रकार ने लखनऊ जोन कार्यालय जाकर पुलिस महानिरीक्षक से सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी।
हालांकि उन्नाव पुलिस का दावा है कि उसने सुरक्षा मुहैया कराई थी। 24 जून की रात पत्रकार पर हमला हो गया। जिसके बाद उसे गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब हालत स्थिर बताई जा रही है। शुरुआती इलाज के बाद उन्हें कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इस मामले में पत्रकार के पिता की तहरीर पर बीती रात (25 जून) को दो नामजद सहित पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी है।
यूपी में उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र लोक नगर निवासी मनु अवस्थी पेशे से पत्रकार हैं। जानकारी के मुताबिक 24 जून की देर रात मनु अवस्थी अपनी स्कूटी से किसी काम से शुक्लागंज की ओर गए हुए थे। काम निपटाने के बाद वह वापस घर लौट रहे थे। इस दौरान मगरवारा चौकी क्षेत्र के शराब मिल के पास पहले से ही घात लगाए बैठे अज्ञात लोगों ने उस पर फायरिंग कर दी। फायरिंग से गोली कंधे में जा लगी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। साथ मौजूद साथी सचिन मिश्रा ने एंबुलेंस की मदद से उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गए। प्राथमिक उपचार के बाद पत्रकार को कानपुर के हैलेट अस्पताल शिफ्ट किया गया। वर्तमान समय में वह खतरे से बाहर हैं।
मनु अवस्थी के मुताबिक उन्होंने 17 मार्च को पुलिस में जान से मारने की धमकी मिलने की शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत में लिखा था, "भू-माफिया अंशु गुप्ता, फहाद सिद्दीकी, दीपक सिंह करोवन और गोलू सिंह ने 14 मार्च को बीजेपी नेता विनय सिंह के घर चढ़ाई कर फायरिंग की थी। ये खबर मैंने अपने यूट्यूब चैनल पर चलाई। इसी वजह से ये लोग मेरे ऊपर हमला कर जान से मारने के लिए रेकी कर रहे हैं।"
शिकायत में मनू ने जिनके नाम लिखे थे उन्हें हिस्ट्रीशीटर बताया था। आरोप लगाया था कि दीपक सिंह को एक महीने पहले 10 अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया, लेकिन दो दिन बाद ही जमानत मिल गई। अंशु गुप्ता पर गैंगस्टर एक्ट सहित कई केस दर्ज हैं। वहीं दीपक सिंह अवैध तरीके से हॉस्पिटल चला रहा है, जिसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
घटना के बाद पत्रकार का तीन महीने पुराना वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वो धमकी मिलने की बात कह रहे हैं। मनू ने वीडियो में कहा है, "जब मैंने खबर चलाई थी, तभी से जान से मारने की धमकी मिलने लगी। अज्ञात गाड़ियों से पीछा किया जाता है। इसलिए मैंने पुलिस से शिकायत भी की।"
मनू ने तब कहा था कि पुलिस ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनके ऊपर कोई हमला होता है तो उसके लिए भू-माफिया अंशु गुप्ता, फहाद सिद्दीकी, दीपक सिंह और गोलू सिंह जिम्मेदार होंगे।
उन्नाव पुलिस ने दावा किया कि धमकी मिलने के बाद पत्रकार मनू अवस्थी को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी। गोली मारे जाने के दौरान क्या उनके साथ सुरक्षाकर्मी थे? इस सवाल पर उन्नाव एएसपी शशि शेखर सिंह ने मीडिया वालों से कहा कि सुरक्षाकर्मी की बात अलग है, सुरक्षा की बात अलग है। उन्होंने आगे कहा कि पहले भी नामजद लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। जिन लोगों के नाम थे, अगर उनकी भूमिका पाई जाती है तो उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।
इस मामले में पत्रकार मनु अवस्थी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने 25 जून की रात लगभग दस बजे आईपीसी की धारा- 143,147,148,149,307 व 506 के तहत अंशु गुप्ता, दीपक सिंह सहित पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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