मंझनपुर क्षेत्र से नाबालिग लड़की गायब हुई थी, पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने बुलाया था।
लखनऊ। यूपी के कौशाम्बी से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मंझनपुर कोतवाली के शमशाबाद चौकी के दरोगा ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। आरोप है कि दो दलितों भाइयों को पूछताछ के लिए चौकी बुलाया और कमरे में बंद कर उनकी बेरहमी से पिटाई की। पीड़ितों ने एसपी दफ्तर पहुंचकर अफसरों को अपने पिटाई के जख्म दिखाकर इंसाफ की गुहार लगाई है। एसपी हेमराज मीणा ने पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लिया और दरोगा अजीत उपाध्याय को लाइन हाजिर कर दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला!
कौशाम्बी के मंझनपुर के बापुर शमशाबाद गांव से पिछले दिनों एक नाबालिग लड़की गायब हो गई। मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने तहरीर मिलने पर स्थानीय चौकी शमशाबाद पुलिस के इंचार्ज को मामले की जांच साैंपी थी। चौकी प्रभारी ने जांच के बहाने कई लोगों को चौकी बुलाया और पूछताछ की, लेकिन नाबालिग का कोई सुराग नहीं मिल सका।
आरोप है कि, 31 जुलाई को गांव के सीताराम और जीतलाल पर पुलिस ने किशोरी को बहला फुसलाकर भगाने का जुर्म कबूल करने का दबाव बनाया। पुलिस की बात नहीं मानने पर चौकी प्रभारी ने उन्हें लॉकअप में बंद कर रातभर डंडे से पीटा और नाजुक अंगों में मारा। घटना के बाद 3 अगस्त को दोनों पीड़ित एसपी ऑफिस में हाजिर हुए। इस पर एसपी ने कार्रवाई की।
एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि, पीड़ित की शिकायत पर जांच कराई गई। दरोगा पर लगे आरोप सही पाए गए। प्रकरण की विभागीय जांच एडिशनल एसपी को सौंपी गई है। जांच पूरी होने तक दरोगा को चौकी इंचार्ज से हटा कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.