लूट के फर्जी खुलासे में सीएम योगी के आदेश पर भी नहीं दर्ज हुई FIR, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने की FIR की मांग

लूट के फर्जी खुलासे में सीएम योगी के आदेश पर भी नहीं दर्ज हुई FIR, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने की FIR की मांग
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2 अगस्त 2014 में कानपुर के बर्रा में सर्राफा व्यापारी से हुई थी लाखों की लूट। द मूकनायक ने पूरे मामले पर प्रकाशित की थी रिपोर्ट। पांच साल पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने SSP कानपुर को तत्काल FIR के दिए थे आदेश।

लखनऊ। यूपी के कानपुर के बर्रा थाने में 2 अगस्त 2014 को दुकान से घर लौट रहे सर्राफ ललित सोनी से लाखों की लूट हुई थी। पूरे मामले में तत्कालीन आईजी ने घटना का खुलासा करने के लिए थानेदार पर दबाव बनाया था। इस पर थानेदार ने तीन लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाकर पहले वसूली की, बाद में बर्बरता से पीटने के बाद घटना का फर्जी खुलासा कर जेल भेज दिया था। इस पूरे मामले की पड़ताल द मूकनायक ने बारीकी से की थी। द मूकनायक की खबर को संज्ञान में लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने सीएम और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर FIR की मांग की है।

अमिताभ ठाकुर और डॉ. नूतन ठाकुर ने ललित सोनी पुत्र अनिल सोनी निवासी जरौली फेज-2, बर्रा, कानपुर नगर की सुनार की दुकान पर 2 अगस्त 2014 को लूटपाट की घटना में तीन व्यक्ति नीतू नाई, मनोज गुप्ता तथा मोनू सिंह को फर्जी फंसाए जाने एवं लूट के जेवर तथा कट्टे की फर्जी बरामदगी के आरोपों के संबंध में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य सीनियर अफसरों को भेजी शिकायत के साथ उसने कहा कि, आरोपों के अनुसार इस घटना के खुलासे के नाम पर तत्कालीन बर्रा थानाध्यक्ष संजय मिश्रा ने कई लोगों को थाने पर बुला कर वसूली की और बाद में तीन लोगों को जेल भेज दिया।

मामले में, मनोज गुप्ता की पत्नी मधु गुप्ता ने पुलिस पर 50000 माँगने के आरोप लगाये और ऑडियो प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर सिर्फ थाने के दीवान दयाशंकर वर्मा पर मुक़दमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया, जबकि उन्होंने साफ बताया था कि उन्होंने थानाध्यक्ष के कहने पर ही सब कुछ किया था।

जेल से निकलने के बाद दयाशंकर वर्मा ने जुटाए गए तमाम साक्ष्यों और अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर बताया कि, किस प्रकार स्थानीय पुलिस ने लोगों को पूछताछ के नाम पर लोगों को बुला कर वसूली की, और कैसे माल और कट्टे की फर्जी बरामदगी दर्शायी गयी। इन आरोपों को मधु गुप्ता तथा ललित सोनी ने भी शपथपत्र के जरिये सत्यापित किया।

तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दयाशंकर वर्मा के प्रार्थनापत्र पर 8 जुलाई 2017 को एसएसपी कानपुर नगर को एफआईआर के आदेश दिए किन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

मामले के प्रकाश में आने के बाद, अब अमिताभ और नूतन ने इस मामले को कई कारणों से अत्यंत गंभीर बताते हुए तत्काल एफआईआर तथा कार्यवाही की मांग की है।

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