उत्तर प्रदेश। "पुलिस हमें टॉर्चर कर रही है। एक इंस्पेक्टर हमें ज्यादा टॉर्चर कर रहा है। जहां भी हमें जाना होता है, पुलिस हमें जाने नहीं देती है। पुलिस को पता रहता है कि अधिकारी कितने बजे बैठते हैं, कितने बजे कार्यालय से उठ जाते हैं। इसलिए वह हमें कहीं भी समय से पहुंचने नहीं देती है। इस कारण हमारी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। हम अधिकारियों से नहीं मिल पा रहे हैं। जहां भी जाना होता है हमसे ढेरों प्रश्न किये जाते हैं," यह गम्भीर आरोप जमीनी विवाद में हुई हिंसा के दौरान मारे गए प्रेमचंद यादव की बेटी ने लगाए हैं। द मूकनायक पूरे मामले में ग्राउंड रिपोर्ट के लिए देवरिया जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव पहुंची, जहां दो पक्षों के बीच हिंसक संघर्ष में कुल छः लोगों की मौत हो चुकी है।
देवरिया के रूद्रपुर तहसील के पखरी बाजार के शहीद चौक से सटा हुआ रास्ता फतेहपुर गांव जाता है। फतेहपुर गांव में प्रवेश करते ही पुलिस का पहरा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। गांव में इतनी भारी संख्या में पुलिस के बीच गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। जो कोई भी गांव में जा रहा है पुलिस उससे पूछताछ कर उनके नाम नोट रही है। गांव में घुसते ही आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस चेक पोस्ट बनाये गए हैं। एक पुलिसकर्मी के मुताबिक 150 से ज्यादा थाने की पुलिस सहित दो कम्पनी पीएसी तैनात है। इसके साथ ही क्षेत्र में धारा 144 लागू है। एक साथ दो से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर मनाही है।
प्रेमचंद के परिवार की वर्तमान स्थिति जानने के लिए द मूकनायक की टीम प्रेमचंद यादव के घर खेतों से होते हुए पहुंची। चेक पोस्ट पर तैनात पुलिस ने प्रेमचंद यादव के घर जाने से कई बार रोका। किसी तरह मशक्कत करके द मूकनायक की टीम घर तो पहुंच गई, लेकिन घर में प्रवेश नहीं मिला। प्रेमचंद यादव के घर सहित आस-पास के घरों में सन्नाटा दिख रहा था। प्रेम चंद यादव के घर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है।
द मूकनायक टीम के साथ मौके पर मौजूद रिहाई मंच के राजीव यादव सहित पूर्वांचल किसान यूनियन के नेता बारी-बारी से पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रेम यादव की पत्नी सहित उनकी बेटा-बेटियों से मुलाकात की।
इस बीच प्रेमचंद यादव की बेटी ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। प्रेमचंद की बेटी ने बताया, "पुलिस हमें टॉर्चर कर रही है। मेरे दादा और चाचा को भी पुलिस ने झूठे तरीके से फंसा दिया है। मेरे दादा बुजुर्ग हैं। मेरे चाचा देवरिया में रहते हैं, मैं भी उनके साथ वहीं रहकर पढ़ाई करती थी।"
"मैं अपने चाचा के साथ देवरिया में रहकर पढ़ाई करती हूँ। जिस दिन यह घटना हुई, हमारे घर से फोन आया था। हमें बताया गया कि हमारे पिता की हत्या कर दी गई है। जिसके बाद मैं और मेरे चाचा गांव पहुंचे थे। पुलिस ने दुबे परिवार की शिकायत पर मेरे बुजुर्ग बाबा और मेरे चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया", प्रेमचंद यादव की बेटी ने बताया।
देवरिया के फतेहपुर गांव में हुई घटना के बाद गांव के अधिकांश पुरुष घर छोड़कर फरार हो गए हैं। घरों पर महिला और बच्चे हैं। कई घरों में रोजमर्रा की चीजें नहीं मिलने से दिनचर्या प्रभावित हो रही है। घटना के बाद से ही गांव में फेरी वाले भी नहीं आ रहे हैं। गांव में दहशत है। पुलिस के कड़े पहले के बीच रोजमर्रा के सामान भी न मिल पाने से लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को गांव के बाहर भटौली गांव निवासी नगीना निषाद पहुंचे थे। वह मोपेड से घर-घर जाकर सब्जी बेचते हैं। गांव के मोड़ पर पुलिस का पहरा देख लौट गए। उन्होंने कहा कि हर मोड़ पर पुलिस जांच कर रही है। ऐसे में गांव में जाने पर भय बना है। घटना के 12 दिन बीतने के बाद भी हालात सामान्य नहीं दिख रहे हैं। बच्चों का खिलौना बेचने वाले भी गांव में नहीं जा रहे।
द मूकनायक की टीम दूसरे पक्ष के पीड़ित परिवार से मिलने उसके घर पहुंची। घर पर कोई मौजूद नहीं था। सत्य प्रकाश दुबे के परिवार में उसका बेटा देवेश है। क्षेत्र के वर्तमान जिला पंचायत सदस्य रामनिवास पासवान ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "देवेश इस समय बीजेपी सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के साथ रह रहा है।"
इस बात की पुष्टि करने के लिए द मूकनायक प्रतिनिधि ने सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी से बातचीत की। सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया, "देवेश दुबे का घर टूट गया है। उसे देवरिया में कार्यकर्ताओं के साथ सुरक्षा में रखवाया गया है।"
इस मामले में मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से परिवार के सदस्यों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
देवरिया जिले के थाना रुद्रपुर के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में एक जमीन को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव और सत्य प्रकाश दुबे के बीच विवाद चल रहा था। सत्य प्रकाश दुबे का आरोप था कि प्रेम यादव ने 2014 में उनके भाई ज्ञानप्रकाश दुबे उर्फ साधू की सम्पत्ति अपने नाम बैनामा करा ली थी। जिसके बाद सत्य प्रकाश दुबे ने एक मुकदमा दायर किया था। इस जमीनी विवाद को लेकर अक्सर दोनों में तनातनी हो जाती थी।
बीते 2 अक्टूबर 2023 को सुबह लगभग 7:30 बजे प्रेमचंद यादव की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने सत्य प्रकाश दुबे उसकी पत्नी और तीन बच्चों सहित पांच लोगों को पीटा, फावड़े और कुल्हाड़ी से हमला कर घायल किया और फिर बाद में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वीभत्स हत्याकांड में 27 नामजद सहित 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस मामले में अभी तक 21 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि पुलिस अन्य आरोपियों को गोरखपुर, बलिया, मऊ और आजमगढ़ में तलाश कर रही है।
इस मामले में प्रशासन ने प्रेम यादव के घर को अवैध घोषित कर दिया है। इसके साथ ही लगभग 32 हजार का हजार का जुर्माना भी ठोक दिया था। वहीं प्रेम यादव की पत्नी ने इसके विरोध में तहसील में अर्जी दाखिल की थी। तहसीलदार ने प्रेम की पत्नी की अर्जी खारिज करते हुए लगभग दो लाख पचास हजार का जुर्माना ठोंक दिया। अब पीड़ित परिवार ने जिलाधिकारी के कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
देवरिया में हुए इस हत्याकांड में BJP और समाजवादी पार्टी आमने-सामने आ गए हैं। देवरिया से सदर विधायक सहित BJP के सांसद और विधायक सत्य प्रकाश दुबे के परिवार के पक्ष में खड़े हैं। BJP विधायक और सांसद ने मिलकर सत्य प्रकाश दुबे के बेटे को 20 लाख से अधिक की आर्थिक सहायता दी। इसके साथ ही पूरे मामले की पैरवी कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। वहीं दूसरी तरफ प्रेमयादव के पक्ष में समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों सहित अखिलेश यादव समर्थन में आ गए हैं। अखिलेश यादव ने 16 अक्टूबर 2023 को देवरिया जाकर परिवार से मिलने का ऐलान किया है। इस मामले में यूपी के गोंडा के कैसरगंज सीट से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने यूपी में बुल्डोजर की कार्रवाई पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। बुधवार को बृजभूषण शरण सिंह बस्ती पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों को यह बयान जारी किया।
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