उत्तर प्रदेश। यूपी के सहारनपुर में भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद गुरुवार शाम अस्पताल से घर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने खुद पर हुए जानलेवा हमले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है।
चंद्रशेखर ने अपने ट्वीट में कहा है, "भारत के लोकतांत्रिक मूल्य और बाबा साहब का संविधान दोनों ही खतरे में हैं, जब सरकार समर्थित बेखौफ घूमते अपराधी मेरे जैसे राजनेताओं की आवाज को खामोश करने के लिए हमले कर सकते हैं, खुलेआम कई राउंड गोलियां चला सकते हैं, तो इस प्रदेश की बहू-बेटियां, दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के ऊपर कितना जुल्म और अत्याचार किया जा सकता है? सीएम को त्याग पत्र दे देना चाहिए।"
इधर, आज़ाद पर हुए जानलेवा हमले को लेकर उनके समर्थकों एवं विभिन्न मानवाधिकार संगठनों से जुड़े जनों में खासा रोष है। रिहाई मंच ने हमले के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार बताया।
चंद्रशेखर आजाद पर सहारनपुर के देवबंद में 28 जून को हमला हुआ था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमले के समय काशी मौर्या उनके साथ थे। काशी मौर्या ने बताया, "घटना शाम लगभग 5 बजे की है। हम दिल्ली से आ रहे थे। चंद्रशेखर आगे की सीट पर बैठे थे। हमारे एक साथी हैं अजय एडवोकेट उनकी माता का तीन दिन पहले देहांत हो गया था। उनका तीजा था। हम वहीं से वापस आ रहे थे। चंद्रशेखर का भाई मनीष गाड़ी चला रहा था। जैसे ही हमने टर्न लिया, हम कोर्ट परिसर के सामने से क्रॉस हो रहे थे। चंद्रशेखर भेलसवा गांव में गुरु जी के आश्रम जाना चाह रहे थे। उनका देहांत हो गया था। रास्ते मे एक डिजायर गाड़ी से कुछ लड़के थे। वह हमारी गाड़ी के बराबर में आये और उन लोगों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी। पहली गोली पीछे वाले शीशे पर लगी। मैं वहीं बैठा था। दूसरी गोली भाई साहब (चंद्रशेखर) को लगी। जो उनकी सीट को भेदते हुए उन्हें छूकर निकल गई। इसके बाद उन्होंने आगे से भी फायरिंग की जो नम्बर प्लेट पर जाकर लगी। इसके बाद वो हवाई फायर करते हुए निकल गए। हमने एक बार तो सोचा उनका पीछा करें लेकिन वह हवाई फायरिंग कर रहे थे। इसलिए भाईसाहब ने झुकने को बोला और हम सब झुक गए। वो लोग निकल गए और हमने यू टर्न लिया। हमने तुरंत अपने संगठन के लोगों को फोन किया। फिर सहारनपुर के एसएसपी विपिन टाडा को कॉल किया।"
मौर्या ने बताया, "एसएसपी को सूचना देने के बाद लगभग आधा-पौने घन्टे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। हवाई फायर करते हुए हमने दो हथियार देखे थे।"
अस्पताल में भर्ती चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर हमले की निंदा की। चंद्रशेखर आजाद ने खुद पर हुए हमले को लेकर लिखा है कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार बद से बदतर होती जा रही है और दूसरी यह कि सरकार अपराधियों को जाति और धर्म के आधार पर संरक्षण दे रहे है।
उन्होंने लिखा, यही वजह है कि सरकार समर्थित अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उनको आज न तो कानून का भय है और न ही पुलिस का। चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार को ट्वीट किया, "घात लगाकर मुझ पर किए गए जानलेवा हमले की निंदा करने और मेरे प्रति संवेदना प्रकट करने वाले मित्रों, नेताओं और शुभचिंतकों का दिल से आभार। इस तरह की घटना आगे किसी पर भी हो सकती है। इसमें दूसरी राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख और उनके समर्थक शामिल हो सकते हैं।"
चंद्रशेखर ने बिना किसी का नाम लिए लिखा, "पहले ये लोग ED, CBI और इनकम टैक्स अधिकारियों का दुरुपयोग करते थे, फिर फेक पुलिस एनकाउंटर करवाने लगे और अब तो विपक्षी नेताओं को खत्म करने के लिए सरकार समर्थित अपराधी सीधे बंदूक-गोलियों से हमले करने लगे हैं। वह भूल रहे हैं कि भारतवर्ष का इतिहास हमारे पूर्वजों की कुर्बानियों से भरा पड़ा है। वह भूल रहे हैं कि आज भी हमारा बहुजन समाज बिना डरे सीमाओं पर अपनी जान देकर इस देश की रक्षा में जुटा है। मैं भी उसी समाज का हिस्सा हूं, इसलिए आप चंद्रशेखर को गोली और बंदूकों से न तो झुका सकते हैं और ना ही डरा सकते हैं। मुझपर हुआ जानलेवा हमला सरकार की विफलता है। प्रदेश की जनता की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी होती है। सीएम को त्यागपत्र देना चाहिए।"
रिहाई मंच ने आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमले के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. कहा गया कि यूपी में सत्ता संरक्षण में सुपारी किलर अपराध कर रहे हैं.
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. मुख्यमंत्री कहते हैं कि अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं तो किसने चंद्रशेखर आजाद पर हमला किया? वंचितों की आवाज़ को दबाने के लिए भाजपा गुंडों का सहारा ले रही है.
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि "भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर सत्ता संरक्षित अपराधियों ने हमला किया. हमलावरों ने जिस तरह गोली चलाई, गोली गाड़ी की बॉडी को भेदते हुए जिस तरह चंद्रशेखर की कमर को छूते हुए सीट में घुस गई उससे साफ है कि अपराधी अत्याधुनिक असलहे से हमला किए थे. आखिर इतने अत्याधुनिक असलहे कैसे यूपी में पहुंच रहे हैं? अतीक, अशरफ और जीवा हत्याकांड में भी विदेशी हथियारों की बात सामने आई थी. जब यूपी के अपराधी भाग गए हैं तो कैसे इतने अत्याधुनिक हथियार आ रहे हैं?"
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