बहुजन बोले- पेरियार ललई यादव की 'सच्ची रामायण' आज गरीबों, पिछड़ों, दलितों के लिए बाईबिल

आजमगढ़ में सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाई पेरियार ललई सिंह यादव की जयंती
बहुजन बोले- पेरियार ललई यादव की 'सच्ची रामायण' आज गरीबों, पिछड़ों, दलितों के लिए बाईबिल
Published on

आजमगढ़- सामाजिक न्याय के योद्धा पेरियार ललई सिंह यादव का जन्मदिन "सामाजिक न्याय दिवस" के रूप में कटान बाजार, आजमगढ़ में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आजमगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी बाबू श्रीराम यादव ने की। अध्यक्षीय भाषण में श्रीराम यादव ने कहा कि ललई सिंह यादव नयी पीढ़ियों के लिए आज आदर्श हैं। ऊनको आज अध्ययन करने की आवश्यकता है। ऊनके द्वारा लिखित पुस्तक "सच्ची रामायण" आज गरीबों, पिछड़ों, दलितों के लिए बाईबिल है।

किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि पेरियार ललई यादव आजीवन शोषितों की लड़ाई लड़ते रहे। वो समाज में वैज्ञानिक सोच, तर्क, दर्शन का रास्ता दिखाये। उनके द्वारा लिखित पुस्तक शोषितों पर राजनीतिक डकैती, शोषितों पर आर्थिक डकैती, सिपाही की तबाही आदि आज नयी पीढ़ियों को रास्ता दिखायेगी। ऊसको पढ़ने की जरूरत है।आज देवाराचंल नहीं अपितु आजमगढ़ के पेरियार हैं बाऊ जी श्रीराम यादव। जो प्रतिवर्ष सामाजिक न्याय के सिपाहियों को याद करते हैं तथा श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं।

किसान नेता विरेंद्र यादव ने कहा कि श्रीराम यादव प्रत्येक वर्ष पेरियार ललई के जीवन, उनके विचारों और संघर्षों पर गंभीर विमर्श का मंच देते हैं. समाज में व्याप्त रूढ़ियों, अंधविश्वास के मुद्दे पर स्पष्टता से बात होनी चाहिए।

वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक न्याय पर जारी हमले के खिलाफ मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू कराने, जाति जनगणना कराने, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म कराने, वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के प्रावधान को खत्म कराने, सामाजिक-आर्थिक बराबरी और बहुजनों की सभी क्षेत्रों में जनसंख्या अनुपात में हिस्सेदारी की लड़ाई को लेकर चलाये जा रहे अभियान को और तेज करना, बहुजन आवाम के हक़ हुकुक इंसाफ की लडाई ही पेरियार ललई बौद्ध को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम के संयोजक गुलशन कुमार, मास्टर दिनेश यादव, किसान नेता विरेंद्र यादव, किसान नेता राजीव यादव, नंदलाल यादव, महेंद्र यादव, साहेबदीन, रामधनी प्रधान,राजू कुमार, राम आधार, कमलेश, विजय, फिरतू मास्टरआदि लोग उपस्थित रहे।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com