69500 शिक्षक भर्ती आरक्षण विवाद: अभ्यर्थियों ने यूपी डिप्टी सीएम का घर घेरा, जानिए क्या है पूरी कहानी?

संविधान दिवस पर अभ्यर्थी आरक्षण की देते रहे दुहाई, पहले शिक्षा मंत्री और अब डिप्टी सीएम का घर घेरा.
डिप्टी सीएम के घर के बाहर बैठे अभ्यर्थी
डिप्टी सीएम के घर के बाहर बैठे अभ्यर्थी
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उत्तर प्रदेश। राजधानी लखनऊ में 69500 भर्ती की सीटों में आरक्षण को लेकर हुई गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए संविधान दिवस के दिन सभी अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम का आवास घेर लिया। लगभग दो सप्ताह पहले ही अभ्यर्थियों ने राज्य शिक्षा मंत्री के घर का घेराव किया था। आज रविवार सुबह डिप्टी सीएम केशव मौर्या के घर पहुंचकर अभ्यर्थी संविधान की दुहाई देते रहे। लेकिन अभी तक सिवाय सांत्वना के कोई हल नहीं निकला।

जानिए क्या पूरा मामला?

यूपी की राजधानी लखनऊ में 69500 भर्ती की सीटों में आरक्षण को लेकर हुई गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए संविधान दिवस के दिन सभी अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम का आवास घेर लिया। 69500 शिक्षक भर्ती आरक्षण विसंगति मामले को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने रविवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। वहीं आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने बताया के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मामले को सुनने के बाद सकारात्मक आश्वासन दिया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है. कोर्ट का जैसा दिशा निर्देश मिलेगा तत्काल उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सभी लोग सकारात्मक रहें. किसी के हक अधिकार के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, सभी को न्याय मिलेगा।

आरक्षण विसंगति प्रकरण पर अभ्यर्थियों ने कहा कि विभाग के अधिकारी इस मामले को लटकाये हुए हैं। विभागीय अधिकारी शिक्षा मंत्री को भी सही जानकारी नहीं देते है। जिस कारण से यह मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा। अधिकारियों का यही रवैया कोर्ट में भी देखने को मिला है।

मुलाकात के प्रतिनिधिमंडल में शामिल अमरेंद्र पटेल ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका। हमारी मांग है की सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें।

10 दिन पहले ही शिक्षा मंत्री का घर घेरा था

शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर हुई अनियमितता को लेकर बीते 17 नवम्बर को ही अभ्यर्थियों ने राज्य शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का आवास घेर जमकर नारेबाजी की थी। जिसके बाद पुलिस बल बुलाकर उन्हें जबरन हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया गया था।

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