उत्तर प्रदेश/चित्रकूट। यूपी के में चित्रकूट के पहाड़ी थाना क्षेत्र में एक गांव में 13 वर्षीय दलित नाबालिग के साथ की गई दरिंदगी ने लोगों के रौंगटे खड़े कर दिए हैं। घर के बाहर चारपाई पर सो रही नाबालिग को देर रात युवक चारपाई सहित उसे उठा ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि, नाबालिग सुबह घर से कुछ दूर नग्न अवस्था में बेहोश पड़ी मिली थी। उसके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे, मुंह मे गमछा ठूसा गया था, और नाबालिग के गुप्तांग से खून भी बह रहा था।
आरोप है कि, पीड़िता के पिता बच्ची को थाने ले जा रहे थे लेकिन उन्हें रोककर डराया, धमकाया गया। आरोपी जबरन पीड़िता को जिला अस्पताल नहीं ले जाने दिए, और पीड़िता को उपचार के लिए कौशाम्बी के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। इलाज में हुई देरी और अधिक खून बह जाने के कारण नाबालिग की दो दिन बाद मौत हो गई। परिजनों और क्षेत्रीय ग्रामीणों के हंगामें के बाद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए। मामले में पीड़ित की तहरीर पर हत्या, पॉक्सो, SC/ST एक्ट सहित गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
यूपी के चित्रकूट के पहाड़ी थाना क्षेत्र के में पीड़ित दलित किसान अपनी पत्नी, तीन बेटियां सहित दो लड़कों के साथ रहता है। किशोरी के पिता ने बताया कि, 31 मई की शाम को सभी लोग खाना खाने के बाद घर के बाहर सो रहे थे। रात को लगभग 1 बजे उसकी छोटी बेटी की नींद खुली तो उसने बताया कि बड़ी बहन गायब है। इसके बाद उन लोगों ने खोजबीन शुरु की। काफी देर बाद जब गांव से कुछ दूरी पर नाले के पास पहुंचे तो वहां उपस्थित युवक उनको देखकर भाग खड़े हुए। वहां बेटी बेहोशी की हालत में नग्न अवस्था में मिली। उसके मुंह में युवक ने अपना गमछा ठूंस दिया था। नाबालिग के गुप्तांग से खून भी बह रहा था।
पिता के मुताबिक, बेटी को घर लाकर पानी का छीटा मारा गया। सुबह लगभग 5 बजे उसे होश आया तो बच्ची ने रो-रोकर पूरी बात बताई। नाबालिग ने बताया कि, घर के पास में ही सड़क निर्माण में काम करने वाले नदीम और आदर्श पांडेय उसे उठा ले गए थे और उसके साथ रेप किया। वह चिल्ला न सके इसलिए दोनों ने उसके मुंह मे कपड़ा ठूस दिया था।
आरोपी घर के पास ही सड़क बनाने के लिए लगे प्लांट में काम करते हैं
कस्बे से औदहा-बरेठी होते हुए राजापुर-कमासिन मुख्य मार्ग तक नई तकनीकि से सड़क का निर्माण चल रहा है। इसके लिए कार्यदाई संस्था ने अपना प्लांट लगाया गया है। प्लांट में प्रयागराज के हंडिया निवासी नदीम मेठगीरी का काम करता है।
पीड़िता के पिता को थाने जाने से रोका
नाबालिग के पिता द्वारा थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, वह मामले को लेकर थाने पर शिकायत करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान आराछा बरेठी के रहने वाले विपुल मिश्रा ने रास्ते में उन्हें रोक लिया। विपुल मिश्रा ने समाज में बदनामी होने के नाम का डर दिखाकर होने थाने नहीं जाने दिया। कपिल मिश्रा का कहना था कि, वह उन्हें आरोपियों से पैसा दिलवा देंगे और इलाज करवा देगा। पिता जब नहीं माने तो विपुल मिश्रा ने उल्टा मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी भी दी थी।
हालत बिगड़ने पर दूसरे जिले के प्राइवेट अस्पताल में कराया भर्ती
नाबालिग के पिता ने बताया कि, 2 जून को उनकी बेटी की हालत ज्यादा खून बहने के कारण बिगड़ गई। जब इसकी जानकारी विपुल मिश्रा को हुई तो वह जबरन बेटी का इलाज कराने के लिए उसे कौशांबी जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गया और भर्ती करा दिया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में नहीं कराया भर्ती
घटना जिस गांव में हुई उस गांव से 10 किलोमीटर दूर पर पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। जबकि 25 किलोमीटर दूरी पर चित्रकूट का जिला अस्पताल भी मौजूद है। परिजन का आरोप है कि, विपुल मिश्रा ने जबरन दूसरे जिले ले जाकर बेटी का इलाज कराया। इलाज में लापरवाही और देरी होने के कारण 3 जून को बेटी की मौत हो गई।
नाबालिग की मौत पर हंगामा, आला अधिकारी मौके पर पहुंचे
दलित नाबालिग से गैंगरेप के बाद 3 जून को हुई मौत की खबर आग की तरह फैल गई। गांव में लोगों का मजमा इकट्ठा होने लगा। इस दौरान परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने पहुंचकर मोर्चा संभाला। मामले को गंभीर होता देख कर वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल एफआईआर के आदेश दे दिए। पीड़ित परिजन के तहरीर पर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज किया गया। पूरे मामले को लेकर नाबालिग के पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या, पॉक्सो सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
उक्त मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बावजूद खबर लिखे जाने तक मामले में किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हुई है। पीड़ित परिवार और स्थानीय क्षेत्रवासियों की मांग है कि आरोपियों की जल्द-से-जल्द गिरफ़्तारी की जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले।
नहीं किया जाएगा अंतिम संस्कार!
विधायक अनिल प्रधान ने इस वारदात को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, अनुसूचित जाति के लोगों पर जुल्म बढ़ रहे हैं। जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं, लड़की के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
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