सृष्टि, संवादाता द मूकनायक
सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को 35 साल के दलित युवक लखबीर सिंह की निहंगों (सिख धर्म रक्षक सेना) द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गयी। लखबीर सिंह के गुरु ग्रंथ साहिब को छूने पर निहंगों द्वारा उसका एक हाथ और पैर काटकर पुलिस बैरिकेड्स पर लटका दिया गया था। इसकी वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। तस्वीरें और वीडियो देख कर किसी की भी रूह कांप जाए।
लखबीर सिंह पंजाब के तरन तारन जिले के रहने वाले थे।
लखबीर सिंह की तीन बेटियां है। द मूकनायक से बात करने पर 8 साल की सबसे छोटी बेटी कुलदीप कौर ने सहमी आवाज में बताया कि "दशहरे वाले दिन मैंने पापा की वीडियो देखी थी। मैं पापा की वीडियो देख कर बहुत रोई थी, मम्मी भी बहुत रो रही थी। मम्मी ने मुझे बताया पापा ऐसा नहीं कर सकते। "कुलदीप ने आगे बताया कि "स्कूल में जब मेरे दोस्त मुझसे पूछते है कि मेरे पापा कहाँ है ? तो मुझे कुछ समझ नहीं आता। "
इस घटना के बाद दलित समाज के कुछ लोगों के अंदर सिख समुदाय को लेकर आक्रोश है जिसका असर सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ निहंग जो भी हुआ उसे जायज करार दे रहा है। निहंगों के मुताबिक जो भी गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करेगा उसके साथ वो यही होगा। इस समूह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है जिसमें वो अपना अपराध कबूल कर रहे है।
नहीं होने देंगे अखंड पाठ
द मूकनायक से बात करते हुए लखबीर सिंह के करीबी रिश्तेदार ने बताया कि अंतिम संस्कार से पहले कुछ निहंग लखबीर सिंह के पिता को घटना की जानकारी देने आए थे। जानकारी मिलने पर पिता ने कहा "बेअदबी की थी तो दस थप्पड़ मार देते, जान से मारने की क्या जरूरत थी।"
सरपंच ने लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार गाँव के शमशान घाट में करने से मना कर दिया था। बाद में विनती करने पर उन्होंने गाँव में अंतिम संस्कार करने की इजाज़त दे दी। गांव के किसी भी आदमी को लखबीर के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। जब लखबीर का अंतिम संस्कार किया गया उस वक़्त अंतिम अरदास भी नहीं की जाने दी गई। कुछ निहंग भी अंतिम संस्कार के समय शमशान में मौजूद रहे। निहंगों का कहना है कि वह लखबीर की आत्मा की शांति के लिए अखण्ड पाठ भी नहीं होने देंगे।
सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया
घटना को हुए तीन दिन बीत चुके है लेकिन सरकार की तरफ से परिवार को कोई भी सहायता मुहैया नहीं कराई गई है। हाल ही में पंजाब में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री बने चरनजीत सिंह चन्नी की तरफ से भी इस घटना पर कोई बयान नहीं आया है। जिसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रही बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके पंजाब सरकार से 50 लाख रुपए की मदद देने की बात कही.
एसकेएम ने बनाई निहंगों से दूरी
गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में लखबीर सिंह की हत्या के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता ने निहंग समूहों को किसान आंदोलन छोड़ने के लिए कहा है। जिसपर निहंग समूहों ने पलटवार करते हुए जवाब दिया कि वे उनके आमंत्रण पर आंदोलन में शामिल नहीं हुए और न ही उनके कहने पर छोड़ेंगे। लखबीर सिंह की हत्या से लोगों को प्रतिक्रिया को देखते हुए एसकेएम ने खुद को निहंगों से दूर कर लिया है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) से राकेश टिकैत ने कहा है कि यह एक धर्मिक मुद्दा है निहंग सिख आंदोलन छोड़ कर चले जाए। आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इसका आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। सरकार कभी भी माहौल खराब कर सकती है।
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