विश्व आदिवासी दिवसः जल, जंगल, जमीन बचाओ का दिया संदेश

राजस्थान के दौसा में आदिवासी  दिवस कार्यक्रम में उमड़ी भीड़
राजस्थान के दौसा में आदिवासी दिवस कार्यक्रम में उमड़ी भीड़
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रिपोर्ट- अब्दुल माहिर/अंकित पचौरी

देशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी आदिवासी जीवन की झांकी।

नई दिल्ली। विश्व आदिवासी दिवस पर मंगलवार को देशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आदिवासी समाज के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं लोक गायन व नृत्य के माध्यम से खुशी का इजहार किया। इस दौरान विचार गोष्ठी व सभाएं भी आयोजित हुईं, जिसमें जल, जंगल व जमीन बचाने पर चर्चा हुई।

राजस्थान के दौसा जिले में जल, जंगल, जमीन की रक्षा की शपथ के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। आदिवासी बहुल इलाकों में विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। दौसा के नांगल में आदिवासी नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीना की अगुवाई में आदिवासी दिवस पर हजारों मीना आदिवासी जमा हुए। कार्यक्रम में जल, जंगल, जमीन की रक्षा के नारे के साथ ईआरसीपी का मुद्दा हावी रहा। यहां हर जुबा पर पूर्वी मुख्य नहर परियोजना का नारा था। हालांकि राजनीतिक गलियारों में दौसा के आदिवासी महोत्सव को लेकर अलग चर्चा है।

धौलपुर जिले के सरमथुरा में आदिवासी दिवस पर कन्हैया पद दंगल आयोजित हुआ। यह राजस्थान के आदिवासी समाज की लोक संस्कृति है। कन्हैया पद गायन के माध्यम से मंडलियां समाज सुधार का संदेश देने के साथ ही शिक्षा व आदिवासियों की पौराणिक कथाओं से समाज की युवा पीढ़ी को जागरूक करते हैं।

लोकनृत्य से बांधा समां

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मानस भवन में जनजातीय संयुक्त सामाजिक संगठन की ओर से विश्व आदिवासी दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान प्रदेश भर से आए आदिवासी संगठनों के सदस्यों ने अपने क्षेत्र के लोक नृत्य व गायन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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