'हम तो चांद और हरा रंग देखकर बेच रहे थे गुब्बारे' — पाकिस्तानी प्रतीकों के गुब्बारे बेचने वाले पिता पुत्र पर मामला दर्ज

बकरीद के दिन 'आई लव पाकिस्तान' लिखे गुब्बारे बेचने पर पिता-पुत्र को पुलिस ने पकड़ा, मुकदमा दर्ज
'हम तो चांद और हरा रंग देखकर बेच रहे थे गुब्बारे' — पाकिस्तानी प्रतीकों के गुब्बारे बेचने वाले पिता पुत्र पर मामला दर्ज
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महाराष्ट्र। अंग्रेजी पढ़ने में असमर्थ एक परिवार को गुब्बारे बेचना भारी पड़ गया । गुब्बारों में अंग्रेजी में 'आई लव पाकिस्तान' लिखा था और इत्तेफाक से ईद के दिन यह पिता और पुत्र ईदगाह के बाहर कमाई की आस में ये गुब्बारे बेच रहे थे।

घटना महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में बकरीद के दिन ईदगाह के बाहर एक बच्चा और उसके पिता गुब्बारे बेच रहे थे। इस दौरान नमाज के बाद बाहर निकले लोगों ने उसे पकड़ लिया। उसके पास जो गुब्बारे मिले उन गुब्बारों पर 'आई लव पाकिस्तान' लिखा था। नमाज करने आये लोगों ने उसे पकड़कर साम्प्रादायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को सौंप दिया। 

इस दौरान दोनों बाप और बेटा चिल्लाते रहे कि हमें नहीं पता इस पर क्या लिखा है। हम बस हरा रंग और चांद देखकर दो वक्त की रोटी कमाने के लिए हमेशा की तरह गुब्बारे बेचने आये थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों बाप-बेटों सहित गुब्बारा सप्लाई करने वाले दुकानदार के खिलाफ 295A के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में जांच कर रहे विजापूर नाका पुलिस के इंस्पेक्टर पाटिल ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "गुब्बारे कहाँ बनाये गए, किस कम्पनी से इसे सप्लाई किया गया- पुलिस इन सारे पहलुओं पर गहनता से जांच कर रही है।" हालांकि पुलिस ने पृथम दृष्टया तीन लोगों को आरोपी मानते हुए विधिक कार्रवाई की है।

जनिये क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के सोलापूर के विजापूर चैतन्य मार्केट के पास पारधी बस्ती है। इस बस्ती में संजय पंवार रहते हैं। संजय अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं। संजय ने बताया, "मैं 20 साल से नींबू-मिर्च (सब्जी) की दुकान लगाता हूँ। त्योहारों, शादियों में आमदनी बढ़ सके इसलिए अपने बच्चों को गुब्बारे फुला कर बेचने के लिए भेज देता हूँ।"

संजय आगे बताते हैं, "26 जून को ईद का त्योहार था। हमेशा की तरह आलमगीर ईदगाह पर भीड़ लगने वाली थी। इस दौरान मैने न्यू रोशन खिलौना हाउस से गुब्बारे खरीदे थे। इसमें कई रंग के गुब्बारे थे। कुछ गुब्बारे हरे रंग के थे। इन पर चांद बना हुआ था। मैं और मेरे परिवार किसी को भी अंग्रेजी पढ़ना नहीं आता है। उस गुब्बारे पर क्या लिखा है, यह हमने ध्यान भी नहीं दिया। मैंने गुब्बारे फुला कर अपने बेटे अजय को बेचने को दे दिए थे। मैं पास में ही सब्जी की दुकान लगाए हुए था।"

"जब नमाज खत्म हुई तो भीड़ बाहर आने लगी तो मेरा बेटा गुब्बारे बेच रहा था। अचानक कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और पाकिस्तानी गुब्बारा बेचने की बात कहकर शोरगुल होने लगा। मैं भी मौके पर पहुंच गया। सभी विरोध कर रहे थे। मैंने उन लोगों से कहा कि हमें नहीं पता कि गुब्बारे पर क्या लिखा है। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। लोग मुझे और मेरे बेटे को माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाकर विरोध कर रहे थे। इस बात की जानकारी लोगों ने पुलिस को दी। मौके पर आई पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया और थाने लेकर गई", संजय ने बताया।

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में पिता और पुत्र सहित गुब्बारा बेचने वाले न्यू खिलौना हाउस के मालिक तनवीन बागवान पर आईपीसी की धारा 295A (व्यक्ति शब्द, लेखन, प्रतीक, या छवि प्रतिनिधित्व द्वारा किसी भी समूह की भावनाओं या धार्मिक विश्वासों को जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

इस मामले में दुकान मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जबकि गुब्बारा बेच रहे पिता पुत्र को रोजाना हाजिरी देने के लिए थाने जाना पड़ता है।

समाज सेवी ने उठाई आवाज

इस मामले को लेकर समाज सेवी सुनीता भोंसले ने बताया, "गुब्बारे बेचने वाले गरीब और अनपढ़ हैं। वह पारीधी जाति (आदिवासी/ घुमन्तु) समुदाय के सदस्य हैं। मैं भी उसी जाति समाज से आती हूँ। इस जाति का आजादी के बाद से अब तक विकास नहीं हो सका है। इनके पास न तो घर है न जमीन। यह झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं। इनका आधार कार्ड भी नहीं बन पाता। किसी भी प्रकार के दस्तावेज न होने के कारण इनके लिए शिक्षा सहित अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को प्राप्त करना मुश्किल है। दोनों ही पिता-पुत्र निर्दोष हैं। उन्हें जानकारी नहीं थी वह क्या कर रहे हैं। वह मुस्लिम समाज के प्रतीक चिन्ह चांद और हरा रंग देखकर गुब्बारे बेंच रहे थे।"

इस मामले में जांच कर रहे विजापूर नाका थाने के इंस्पेक्टर ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।" गुब्बारे किस फैक्ट्री में बने, इन्हें कहां से सप्लाई हुए इस बाबत में इंस्पेक्टर ने बताया, "अभी इसकी जानकारी नहीं हो सकी है कि यह कहां बनाये गए और किसने इन्हें सप्लाई किया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।"

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