राजस्थान: बाड़मेर सरकारी स्कूल में मटकी से पानी पीने पर शिक्षक ने आदिवासी छात्र को पीटा, नाज़ुक अंगों पर लात मारी!

जांच कमेटी के सामने खुले राज, आरक्षित वर्ग के बच्चों को पोषाहार खाने को नहीं देते बर्तन, घरों से लाते हैं थालियां.
बाड़मेर स्कूल में जांच के लिए पहुंची विभागीय टीम
बाड़मेर स्कूल में जांच के लिए पहुंची विभागीय टीम
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जयपुर। राजस्थान में जालौर जिले के सुराणा के निजी शिक्षण संस्थान में शिक्षक स्टाफ के लिए आरक्षित मटकी से पानी पीने पर शिक्षक द्वारा दलित छात्र इन्द्र मेघवाल के साथ मारपीट के बाद मौत का मामला लोगों के जेहन से अभी पूरी तरह निकल भी नहीं पाया था। अब इसी तरह का एक और मामला राजस्थान के ही बाडमेर जिले से सामने आया है।

चौहटन थाना इलाके के नेतराड़ गांव के सरकारी स्कूल में मटकी से पानी पर शिक्षक ने कक्षा 12वीं में अध्ययनरत नाबालिग छात्र की पिटाई कर दी। परिजनों का आरोप है कि शिक्षक ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए छात्र के गुप्तांगों पर लात मारी जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। 

यह घटना 3 जुलाई की है। छात्र के पिता अमेदाराम की रिपोर्ट पर चौहटन थाना पुलिस ने 6 जुलाई को शिक्षक डूंगरराम सेवर को नामजद करते हुए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 82 सहित मारपीट और अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत आपराधिक प्राथमिकी दर्ज कर जांच चौहटन के पुलिस वृताधिकारी धमेन्द्र डूकिया को सौंपी है।

यह है मामला

चौहटन थाना पुलिस के अनुसार 17 वर्षीय आदिवासी छात्र बाड़मेर जिले के चौहटन थाना इलाके के नेतराड़ गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा 12वीं में पढ़ता है। छात्र ने 3 जुलाई को स्कूल की मटकी से पानी पी लिया था। इस बात से नाराज एक शिक्षक ने छात्र को जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर मारपीट की। इस तरह का आरोप लगाते हुए पीड़ित छात्र के पिता अमेदाराम पुत्र मुकनाराम भील निवासी नेतराड़ ने सरकारी स्कूल के शिक्षक डूंगर राम सेवर के खिलाफ चौहटन पुलिस थाने में रिपोर्ट दी है।

पीड़ित छात्र के पिता ने रिपोर्ट में पुलिस को बताया कि उसका 17 वर्षीय बेटा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नेतराड़ में 12वीं कक्षा में अध्ययनरत है। बेटा 3 जुलाई सुबह 8 बजे के लगभग स्कूल गया था। वहां उसने स्कूल में रखी मटकी से पानी लिया। इस पर स्कूल के अध्यापक डूंगर राम सेंवर निवासी नेतराड़ ने उसे पानी पीता देख कर अपने पास बुलाया और उसके साथ लात-घूसों से मारपीट की। गुप्तांगों पर लात मारी। लाठी से पीठ पर मारा।

पिता ने आरोप लगाया कि छात्र को पीटते हुए आरोपी शिक्षक ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि, "नीच जाति का हो, तूने इस मटकी से पानी पीकर पूरा पानी खराब कर दिया", इतना कहकर फिर से छात्र के साथ मारपीट करने लगा। 

पिता ने रिपोर्ट में बताया कि गुप्तांगों पर वार से छात्र दर्द के मारे कराहने लगा। इस दौरान स्कूल में अध्ययनरत एक सहपाठी छात्र प्रार्थी के पुत्र को घर तक लेकर आया। पिता ने बताया कि पिटने के बाद भी पुत्र ने घर पर कुछ नहीं बताया। शाम को दर्द बढ़ने लगा तो चेहरे पर उदासी छाने लगी। जोर देकर पूछने पर छात्र ने उसके साथ स्कूल में हुई घटना के बारे में जानकारी दी। 

पिता ने रिपोर्ट में बताया कि बेटे की पीड़ा सुनने के बाद गांव के अन्य लोगों के साथ वह सरकारी स्कूल गया। स्कूल में मारपीट करने वाले अध्यापक से मिले तथा पीटने का कारण पूछा तो आरोपी शिक्षक ने कहा कि अगर स्कूल की मटकी से कोई नीच जाति का बच्चा पानी पीएगा तो उसका यही हाल करूंगा। 

पिता ने बताया कि उसके बेटे के नाजुक अंगों पर लात मारने की वजह से उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। इस पर चौहटन के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए थे।  

मैं खुद मटकी से पानी नहीं पीता हूं: भाई

नेतराड़ के सरकारी स्कूल में  इंटर्नशिप का दावा करने वाले पीड़ित छात्र के बड़े भाई गोरधनाराम ने द मूकनायक को बताया कि शिक्षक डूंगर राम ने मेरे भाई के साथ मटकी से पानी पीने पर मारपीट की है। उस दिन में स्कूल देरी से पहुंचा था। मेरे भाई ने उस दिन इस घटना के बारे में मुझे नहीं बताया था। 

भाई ने आगे कहा कि "स्कूल में भेदभाव होता है। मैं भी यहां इंटर्नशिप कर रहा हूं। मेरे साथ भी भेदभाव होता है। मैं खुद यहां मटकी से पानी नहीं पीता हूं। यहां एससी, एसटी के बच्चों को खाने के बर्तन तक नहीं दिए जाते हैं। बच्चे अपने-अपने घरों से खाने का बर्तन लेकर आते हैं। भेदभाव का इससे बड़ा सबूत क्या चाहिए।"

हालांकि ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी अमराराम ने गौरधनाराम के आरोपों को नकार दिया।

दो दिन तक घुमाती रही पुलिस 

गोरधनाराम कहता है कि उसके भाई के साथ 3 जुलाई को घटना हुई। दर्द के कारण उसने स्कूल जाना छोड़ा तो पूछने पर घटना के बारे में बताया। इसके बाद 5 जुलाई को हम पुलिस थाने रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, लेकिन पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय कहती रही कि जांच कर रहे हैं। देखते हैं अभी करेंगे। रात 10 बजे तक भी एफआईआर नहीं हुई तो हम वापस घर आ गए। अगले दिन 6 जुलाई को फिर थाने पहुंचे। तब जाकर बड़ी मुश्किल पुलिस ने मामला दर्ज किया। 

गोरधनाराम ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने से पहले आरोपी शिक्षक के समाज के लोगों के फोन भी हमारे पास आए थे। फोन कर कह रहे थे कि एफआईआर मत करवाओ, इससे क्या होगा। राजीनामा कर लो। लेकिन हमने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए मामला दर्ज करवाया है। 

स्कूल में आरक्षित वर्ग के बच्चों को घर से लानी पड़ती है थालियां
स्कूल में आरक्षित वर्ग के बच्चों को घर से लानी पड़ती है थालियां

बच्चों के बस्ते में मिली घर की थालियां 

घटना सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कृष्ण सिंह ने चौहटन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमराराम के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की है। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमराराम सहित जांच कमेटी में शामिल शिक्षा विभाग से जुड़े मूलाराम, सुरेन्द्र कुमार और रघुनाथ राव घटना की जांच के लिए नेतराड़ के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। यहां प्रारम्भिक पड़ताल में ही भेदभाव के चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

जांच कमेटी ने बच्चों के बस्ते की जांच की तो उनके अंदर खाने की थालियां मिली। अधिकारियों के पूछने पर बच्चों ने बताया कि वे थालियां घर से लाते हैं। उन्हें स्कूल से खाने के बर्तन नहीं दिए जाते हैं। कमेटी के सामने उपस्थित हुए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यहां एसटी, एससी के छात्रों को मिड-डे-मिल में खाने के लिए बर्तन तक नहीं दिए जाते हैं। यह बच्चे अपने घरों से बर्तन साथ लाते हैं। इन बच्चों को खाना परोसने तक नहीं दिया जाता है। जांच कमेटी में शामिल चौहटन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमराराम से पूछने पर उन्होंने कहा जब बच्चों के बस्ते में थाली मिली, मैं वहां से वीसी के लिए निकल गया था। मैं मौके पर नहीं था। 

एससी, एसटी के विद्यार्थियों के बैग में मिले बर्तनों को लेकर कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कृष्ण सिंह से द मूकनायक ने बात की। सिंह ने बताया कि विभागीय जांच कमेटी ने अभी विस्तृत रिपोर्ट नहीं दी है। प्रारंभिक जांच में छात्र-छात्राओं के घरों से बर्तन लाने की बात सामने आई है। यह मामला हमारे सामने पहली बार आया है। इसकी जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी सिंह ने आगे कहा कि प्रारंभिक जांच में मटकी से पानी पीने पर मारपीट की बात की पुष्टि नहीं हुई है। विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तार से बताया जा सकता है।

पीड़ित और परिजनों के बयान दर्ज, नक्शा मौका बनाया

आदिवासी छात्र से मारपीट के मामले में जांच कर रहे चौहटन पुलिस वृताधिकारी धमेन्द्र डूकिया से भी द मूकनायक ने बात की। जांच अधिकारी डूकिया ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पीड़ित छात्र का मेडिकल परीक्षण करवाया गया। छात्र व परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार को स्कूल स्टाफ व सहपाठी छात्रों से पूछताछ के साथ ही घटना स्थल का नक्शा मौका भी तैयार किया गया। जांच अधिकारी ने कहा कि प्रारम्भिक पड़ताल में मटकी से पानी पीने के कारण मारपीट की बात की पुष्टि नहीं हो रही है। स्कूल के स्टाफ के लिए अलग से मटकी रखी है। जबकि छात्रों के लिए नल लगे हुए हैं। अभी जांच चल रही है। जो भी वास्तविकता होगी अनुसंधान में निकाल कर सामने आ जाएगी।

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