घटना में आदिवासी परिवार के पिता और पुत्र को बेरहमीं से पीटा गया। जिसमें पुत्र सुमनभील की उदयपुर अस्पताल में मौत हो गयी। जबकि पिता पारूलाल की हालत गंभीर है।
घटना का कारण मृतक सुमनभील की पत्नी के साथ की गयी छेड़छाड़ की रंजिश बताया गया है। मारपीट की यह घटना 30 दिसम्बर 2022 बतायी जा रही।
इस दिन शुक्रवार था। जब आरोपित दशरथ पुत्र प्रहलाद सिंह राजपूत ने पारुलाल और उनके पुत्र सुमन को जमकर लाठियों से पीट दिया।
मारपीट में हुई शारीरिक क्षति के कारण जब पिता पारुलाल और पुत्र सुमन को उदयपुर अस्पताल ले जाया गया। तब वहां डाॅक्टर ने सुमन को मृत घोषित कर दिया। वहीं, पारुलाल की स्थिति नाजुक बनी है।
ऐसे में, घटना के बाद मंदसौर (गांधी चौराहा) में 3 जनवरी को भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी और जायस (जय आदिवासी युवा शक्ति) ने मृतक सुमनभील के शव को रखकर जमकर विरोध प्रकट किया। इस विरोध ने जन आक्रोश का रूप ले लिया।
घटना को लेकर हो रहे विरोध में लोगों ने, "सुमन हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं, आदिवासी उत्पीड़न बंद करो, सुमनभील के हत्यारों को फांसी दो, फांसी दो, शिवराज, भाजपा सरकार मुर्दाबाद, मुर्दाबाद! जैसे नारे भी लगाये"
घटना के संबंध में, द मूकनायक ने मृतक के परिजन से बात की, "पारूलाल की बहु और सुमन की पत्नी के साथ दशरथ सिंह राजपूत ने पहले छेड़छाड़ की थी। जिससे हमारी रंजिश चल रही थी। ऐसे में हमारे परिवार के बेटे को मारा गया है। हमारी मांग है कि आरोपी को फांसी दी जाए।" परिजन से यह पूछने पर कि पुलिस प्रशासन ने घटना को लेकर क्या कार्रवाई की? परिजनों ने बताया, "पुलिस प्रशासन ने कानूनी कार्यवाही करते हुए, एसीटी/एससी एक्ट और धारा 307 सहित अन्य धराओं के तहत मामला दर्ज किया है।"
घटना के खिलाफ जो विरोध प्रदर्शन में शामिल आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रेम सूर्यवंशी द मूकनायक को बताते हैं कि, "दशरथ सिंह राजपूत ऐसा व्यक्ति है। जिससे सारा गांव परेशान है।"
वह आगें कहते हैं, "सुमनभील की मौत के बाद, हमने एकत्रित होकर जो विरोध जताया, उसमें जिला कलेक्टर और एसपी दोनों आए। हम जिले में देखते आए हैं कि कैसे मुस्लिम आरोपी का मकान तोड़ने का सिलसिला चलता आ रहा है। जिसमें हमने आंखों से देखा है कि किसी घटना के आरोपी मुसलमान के घर को कैसे तोड़े गये। यदि इस घटना में आरोपी मुसलमान होता, तो अबतक उसका अभी तक मकान तोड़ा जा चुका होता। इसी आधार पर हमने (भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी) ने कलेक्टर से मांग की कि आरोपी का घर तोड़ा जाए।"
द मूकनायक के सवाल पर कि क्या किसी भी समुदाय का मकान तोड़ना क्या जायज है? प्रेम कहते हैं, "संविधान में मकान तोड़ने का कोई प्रावधान नहीं हैै। अगर शिवराज सिंह चौहान का बुल्डोजर किसी मुस्लिम व्यक्ति के घर पर चलता है। तब हमारी मांग है कि आरोपी के घर पर भी चलना चाहिए।"
वहीं, घटना के खिलाफ एकत्रित हुए लोगों ने एक वीडियो में कहा कि, आरोपी का मकान तो टूटेगा, अगर नहीं टूटा, तब हम तोड़ देगें या उस मकान मकान को पीड़ित को दिलाएंगे।
घटना के खिलाफ विरोध जताते लोगों ने, मृतक सुमनभील के परिवार के सदस्य को नौकरी, बच्चों को केन्द्रीय विद्यालय में मुफ्त शिक्षा, 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की लिखित मांग भी की। बाद में मृतक सुमनभील के शव को दाह संस्कार के लिए भेजा गया।
वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कलेक्टर गौतम सिंह ने घटना के संबंध में कहा कि, "यह समाज के कमजोर वर्ग पर अत्याचार का मामला बहुत ही दुखद है। पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की है। आरोपित को गिरफ्तार किया है। मृतक परिवार को सहायता राशि मिलना है। परिवार के सदस्य को स्वरोजगार के लिए हम जल्द कार्यवाही करेगें। आरोपित के मकान की जांच कराई जायेगी। अवैध या अतिक्रमण पाया गया, तब हम उस मकान को गिरायेगें।"
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