राजस्थान: जमीन बचाने के लिए 'सिस्टम' से लड़ रहा आदिवासी भील परिवार

राजस्थान के जालौर जिले का मामला, आरोप है कि सवर्ण समाज के लोग जबरन कब्जा करना चाहते है खातेदारी की जमीन
खेत में लगाने के लिए आया सीमेंट का पिलर गिरा दिया गया
खेत में लगाने के लिए आया सीमेंट का पिलर गिरा दिया गयाफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक
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जयपुर। राजस्थान का जालौर जिला जातीय भेद के बढ़ते मामलों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहा है। कभी पानी की मटकी छूने की घटना को लेकर तो कभी अन्य कारणों से जालौर में जाति आधारित अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला जिले के रानीवाड़ा थाना क्षेत्र के दूधवट गांव का है। यहाँ एक भील परिवार अपनी खातेदारी जमीन को बचाने के लिए प्रभावशाली लोगों के साथ ही सरकारी सिस्टम से भी लड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार साढ़े 3 महीने से अपनी जमीन बचाने की जंग लड़ रहे रामूदेवी व अजुराम भील की अब न्याय की उम्मीद टूटने लगी है।

अजुराम बताते हैं कि, पुलिस व प्रशासन के लोग आरोपियों को बचाने के लिए उनके व गवाहों के खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज कर राजीनामा का दबाव बना रहे हैं। वह कहते हैं कि हमारे साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को पकड़ने की बजाय पुलिस ने पीड़ित के साथ ही उसकी तरफ से दर्ज मुकदमे में गवाह को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया।

अजुराम आगे बताते हैं कि, जब वह राजीनामे के लिए इस पर भी राजी नहीं हुआ तो घटना के सवा महीने बाद 12 दिसम्बर को पूलिस ने आरोपी से एक झूठी रिपोर्ट लेकर पीड़ित के साथ गवाहों पर ही आर्म्स एक्ट का झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया। अजुराम कहते है कि आरोपी पेश से वकील है। पुलिस उसके दबाव में काम कर रही है।

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यह है मामला

रामू देवी पत्नी अजुराम भील ने 30 अक्टूबर 2022 को रानीवाड़ा पुलिस थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि प्रार्थी के पति अजुराम भील की खात्तेदारी जमीन रानीवाड़ा खुर्द गांव में है। उक्त भूमि में अरंडी व ग्वार की फसल की बुवाई कर रखी है। 30 अक्टूबर सुबह 11 बजे पति के साथ खेत की लोर (मेर) पर थोबली (सीमेंट के पिलर) खड़ी करने गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार पति - पत्नी लोर के भीतर खतेदारी खेत मे थोबली रोप रहे थे। इस दौरान आरोपी वीरबहादुर सिंह पुत्र फतह सिंह व फतेह सिंह पुत्र शेर सिंह राजपूत निवासी रानीवाड़ा खुर्द वाहनों से आए। दोनों ने वाहनों से हमारे खातेदारी खेत में अनाधिकृत प्रवेश किया। अपशब्दों का प्रयोग किया। प्रार्थिया ने अपशब्द बोलने से मना किया तो आरोपी पिता-पुत्र नाराज हो गए। जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। कहने लगे कि तुम हमारी इजाजत के बिना अपने खेत में थोबली कैसे गाड़ सकते हो। यह कह कर आरोपी पिता पुत्र ने अपनी अपनी गाड़ी से हमारे खेत में लगे पिलरों को तोड़ दिया।

प्रार्थियां ने रिपोर्ट में आगे बताया कि उसने पिता पुत्र के हाथ जोड़ कर कहा कि आप हमारे दाता हो। ऐसा मत करो। इसके बावजूद उन्होंने मारपीट की। पति के साथ भी मारपीट की। पीड़ित दम्पति ने चिल्लाने के लिए आवाज लगाई तो वहां से निकल रहा नानजीराम पुत्र गजाजी कलबी निवासी मेड़ा व बालका नाथ पुत्र जबानाजी रेबारी निवासी गोलवाड़ा ने आकर बचाया।

खेत में लगाने के लिए आया सीमेंट का पिलर गिरा दिया गया
खेत में लगाने के लिए आया सीमेंट का पिलर गिरा दिया गयाफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

पुलिस ने कहा 'राजीनामा कर लो, फायदे में रहोगे'

पीड़िता रामूदेवी के पति अजुराम भील ने द मूकनायक को बताया कि रानीवाड़ा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच के नाम पर प्रताड़ित किया। बाद में सांचोर के आरपीएस अधिकारी को जांच दी गई।

'राजीनामा कर लो सामने वकील है'

अजुराम आरोप लगाते हैं कि, पुलिसकर्मियों ने उनसे कहा कि राजीनामा कर लो फायदे में रहोगे। सामने वकील है। उसने राजीनामा करने से मना किया तो अगले दिन 1 नवम्बर 2022 को आरोपी वीरबहादुर सिंह पुत्र फतह सिंह ने पुलिस थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि दूधवट सरहद पर उसके पिता व परिवार के अन्य लोगों की शामिलात की जमीन है। नानजीराम (रामूदेवी भील के मुकदमे में गवाह) पर आरोप लगाया कि वह जबरदस्ती हमारे खेत में ट्रैक्टर से पोल खड़े कर रहा था। मना किया तो मारपीट की। इस पर पुलिस ने नानजीराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

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पीड़ित व गवाहों को किया गिरफ्तार

अजुराम भील कहते हैं कि, आरोपी की तरफदारी में पुलिस यहीं नहीं रुकी। जांच के नाम पर पुलिस थाने बुलाकर अजुराम भील व नानजीराम को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर राजीनामे का दबाव बनाया गया।

फिर आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज

अजुराम कहते हैं कि जब वह किसी भी तरह राजीनामा को तैयार नहीं हुआ तो 12 दिसम्बर को आरोपी फतह सिंह राजपूत ने उसके साथ मुकदमे में गवाहों को नामजद करते हुए हथियार लहरा ने का मनगढ़ंत आरोप लगा कर उनके खिलाफ रानीवाड़ा में मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने भी बिना जांच किए उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया।

एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार

उक्त घटनाक्रम में पीड़ित भील परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आम आदमी की आवाज संघ के राष्ट्रीय महासचिव भंवर लाल आदिवासी के नेतृत्व में बहुजन समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम रानीवाड़ा उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से एक वकील के दबाव में पुलिस द्वारा भील परिवार को परेशान करने के आरोप भी लगाए गए हैं। भंवरलाल ने द मूकनायक को बताया कि 7 दिन में भील परिवार को न्याय नहीं दिया गया तो 8वें दिन जालौर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे।

यह बोले जांच अधिकारी

"इस मुकदमे की जांच मेरे पास बाद में आई है। रानीवाड़ा पुलिस थाना मेरे सर्किल क्षेत्र में भी नहीं है। उक्त मुकदमें में आरोपियों की गिरफ्तारी पर न्यायालय की रोक है। जांच के सम्बंध में परिवादी को बुलाया था। वह नहीं आए हैं", सांचोर पुलिस उपाधीक्षक रूपसिंह ने द मूकनायक को बताया।

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