आरएसएस की पसंद हैं छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने विष्णुदेव साय!

आदिवासी वनवासी आश्रम से रहा है गहरा रिश्ता, जमीनी कार्यकर्ता हैं साय।
आरएसएस की पसंद हैं छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने विष्णुदेव साय!
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रायपुर। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया है और विष्णुदेव साय प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। साय ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत आदिवासी वनवासी आश्रम से की और जनसंघ से भी इनका जुड़ाव रहा। आइए जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव कौन हैं और अब तक उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा।

कौन हैं विष्णुदेव साय

21 फरवरी, 1964 को विष्णुदेव का जन्म छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगिया गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम राम प्रसाद साय और माता का नाम जशमनी देवी है, जो गांव में ही खेती-किसानी करते हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा जशपुर के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। उन्होंने साल 1991 में कौशल्या देवी से शादी की थी। विष्णुदेव और कौशल्या का एक बेटा और 2 बेटी है।

कैसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत?

विष्णुदेव के राजनीति सफर की शुरुआत ग्राम बगिया से हुए थी। 1989 में वह निर्विरोध गांव के सरपंच चुने गए थे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-आरएसएस से जुड़े थे। छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार हर्ष दुबे ने बताया कि साय ने बहुत लम्बे समय तक आदिवासी कल्याण आश्रम में स्वयंसेवक के तौर पर काम किया। कुनकुरी व आस-पास के जिलों में भाजपा को जमीनी स्तर पर मजबूत किया।

उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य गठन से पहले 1990 में भाजपा के टिकट पर तपकरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह मध्य प्रदेश विधानसभा में 1990-98 तक 2 बार विधायक रहे। इसके बाद वह 1999-2014 में तक रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से लगातार 4 लोकसभा चुनाव जीते।

अब तक कैसा रहा राजनीतिक सफर?

विष्णुदेव साल 2000.2004 तक कृषि मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे। उन्हें 2004 और 2007 क्रमश: सूचना प्रौद्योगिकी समिति और जल संसाधन समिति के सदस्य बनाया गया और 2009 में वह वाणिज्य समिति के सदस्य रहे।

2014 में उन्हें केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्हें दोबारा 2016 में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।

क्यों विष्णुदेव की दावेदारी रही मजबूत?

विष्णुदेव प्रभावशाली साहू-तेलीद्ध समुदाय से आते हैं, जिनकी दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभागों में बड़ी उपस्थिति है। वह आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं और उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है।

वह छत्तीसगढ़ में सीधे-सरल स्वभाव के नेता में गिने जाते हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी 32 प्रतिशत है और इस बार भाजपा ने चुनाव में आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में सभी 14 सीट पर जीत हासिल की है।

विष्णुदेव ने मुख्यमंत्री के रेस में किन्हें पछाड़ा?

विष्णुदेव ने मुख्यमंत्री की रेस में कई दिग्गजों को पछाड़ा है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, सरोज पांडे, अरुण कुमार साय, धर्मलाल कौशिक और ओपी चौधरी, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम, लता उसेंडी, गोमती साय का नाम शामिल है।

विष्णुदेव ने मुख्यमंत्री बनाए जाने पर क्या कहा?

छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर मेरी प्राथमिकता जनता से किए गए वादों को पूरा करना होगी। कांग्रेस के 5 साल के शासनकाल में समाज का हर वर्ग त्रस्त था। राज्य के करीब 18 लाख लोग प्रधानमंत्री आवास से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर किसानों को 2 साल का बोनस दिया जाएगा। हम मोदी की गांरटी के तहत जनता से किया हर वादा पूरा करेंगे।

विष्णुदेव ने कहां से लड़ा था चुनाव?

इस चुनाव में विष्णुदेव ने छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार यूडी मिंज को 20,000 से अधिक वोटों के अंतर के हराया था। साय को 87,604 और मिंज को 62,063 वोट मिले थे। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 54 सीटों पर जीत दर्ज की है। यहां कांग्रेस के हिस्से महज 35 सीटें आई हैंए वहीं एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के खाते में गई है।

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