राजस्थान: जोधपुर में पारसराम मेघवाल, जालौर में इशाराम भील की हत्या

जोधपुर में एफआईआर के लिए संघर्ष, जालौर में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन
सांचोर में भील समाज का धरना और झाड़ियों में मिला इशाराम भील का शव
सांचोर में भील समाज का धरना और झाड़ियों में मिला इशाराम भील का शव
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जयपुर। राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित मुस्लिम वर्ग के लोग न्याय के लिए आज भी संघर्षरत है। बिना धरना प्रदर्शन शासन के लोग इनकी पीड़ा तक नहीं सुनते। हत्या होने पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी यहां गमी को भूल कर थानों के बाहर धरना प्रदर्शन करना मजबूरी बन गया है।

ताजा मामले राजस्थान के जोधपुर और जालौर से सामने आए हैं। जहां एक परिवार युवक की हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के लिए जोधपुर के मथुरा दास माथुर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठा हैं। वहीं दूसरा परिवार जालौर जिले के सांचोर में शव रख हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।

दलित मजदूर की हत्या का आरोप

31 वर्षीय पारसराम मेघवाल जोधपुर में लूणी के सतलाना की नई बस्ती के मेघवाल मोहल्ले का निवासी है। वह भूरी बेरी में ओम बटेर और उनके भाई सनजी उर्फ रामचन्द्र बटेर के पास मजदूरी का काम करता था। एक सप्ताह से उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था। गत शुक्रवार को पुलिस को सालावास के पास मोजली नदी में पारसराम का क्षत विक्षत शव मिला था। पुलिस की इत्तिला पर नदी पर पहुंचे परिजनों ने शव की शिनाख्त कर ली। इसके बाद पुलिस ने शव को मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में रख दिया।

पुलिस ने नहीं की प्राथमिकी दर्ज

मृतक पारसराम मेघवाल के भाई प्रेमाराम ने शव मिलने के बाद सूरसागर थानाधिकारी को एक तहरीर देकर ठेकेदार ओम बटेर व सनजी उर्फ रामचन्द्र बटेर पर हत्या का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज नहीं कर पहले गुम होने की जांच कर रही है। सूरसागर पुलिस को सौंपी हस्तलिखित रिपोर्ट में प्रेमाराम मेघवाल ने बताया कि उसका भाई भूरी बेरी में ओम बटेर और उनके भाई सनजी उर्फ रामचन्द्र बटेर के पास मजदूरी का काम करता था। एक सप्ताह से उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था।

10 मई को ठेकेदार ने उसे फोन कर बताया था कि पारसराम नजीर नाम के व्यक्ति के साथ यहां से निकल गया है। इस पर परिवार ने नजीर से बात की तो उसने (नजीर) पारसराम के साथ होने की बात से मना कर दिया। फरियादी ने रिपोर्ट में कहा कि इसके बाद ठेकेदार ओम बटेर ने उसे पुलिस थाने भेज कर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए हैं।

मृतक के भाई प्रेमाराम ने कहा कि उसके भाई ने कहा था कि ठेकेदार लोग उसके साथ ज्यादती करते हैं। प्रेमाराम का कहना है कि कार्यस्थल पर उसके साथ कहा सुनी के बाद मारपीट कर हत्या की गई है। हत्या के बाद शव को सालावास नदी में फेंका गया है। मृतक के शरीर पर मारपीट के निशान मौजूद है। लहूलुहान शरीर कीचड़ से सना है। कपड़ों पर भी खून व कीच के धब्बे हैं। ऐसे में हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने तहरीर लेकर हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की बजाय प्रकरण की जांच शुरू की है। इस बात से परिजनों में नाराजगी है।

धरने पर बैठे परिजन व ग्रामीण

पारसराम मेघवाल को हत्या के आरोप में नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से परिजनों के साथ एससी, एसटी वर्ग के लोगों में पुलिस कार्यप्रणाली को लेकर रोष है। परिजनों के साथ समाज के लोग भी जोधपुर मथुरा दास माथुर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठकर हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

सूरसागर थानाधिकारी गौतम डोटासरा ने कहा कि अभी तक हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर जांच कर रहे हैं। पारसराम के कार्यस्थल से शव मिलने वाले स्थान के बीच रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग का परीक्षण किया जा रहा है। हर एंगल से जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि हत्या है या कुछ और मामला है।

एसएचओ ने कहा शव मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन भी किया गया है। परिजन सहमति देंगे तो पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी।

जालौर में आदिवासी युवक को लूटने के बाद हत्या

जालौर जिले के पुलिस थाना सांचौर के सुरावा गांव में रहने वाले इशाराम भील का अपहरण कर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। मृतक के पास 50 हजार रुपए होने की बात कही गई है। जो, शव के साथ नहीं मिले।

अज्ञात हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों के साथ भील समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। पुलिस का कहना है कि हत्या के आरोपियों की तलाश की जा रही है, लेकिन परिजन अपनी जिद पर अड़े हैं।

जालोर जिले के सांचोर थानाधिकारी निरंजन प्रताप सिंह ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि इशाराम का क्षतविक्षत शव मिला है। शव को सांचोर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच शुरू कर दी है। पुलिस तकनीकी पहलुओं पर जांच कर आरोपियों की तलाश कर रही है।

इधर, परिजनों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे। पुलिस के अनुसार 11 मई को इशाराम भील घर से कहीं बाहर गया था। शाम को पत्नी को बाग ( बटाई ) के खेत पर छोड़ कर सांचौर कुछ सामान लेने की कह कर गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। रात 11 बजे तक भी फोन और घण्टी बजती रही। इसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया।

परिजन हत्या के अरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। जबकि पुलिस पोस्टमार्टम के लिए समझाइश कर रही है। आरोप है की अज्ञात लोगों ने अपहरण कर पहले इशाराम के साथ लूट की है। इसके बाद पहचान छिपाने की गरज से हत्या कर शव गोलासन की झाड़ियों में फेंक दिया।

यहां बाइक लूट ले गए बदमाश

बाड़मेर जिले के गिड़ा पुलिस थाना क्षेत्र में एक शादी समारोह से लौट रहे अनुसूचित जाति के युवक के साथ बदमाश मारपीट कर बाइक छीन ले गए। जानकारी के अनुसार सोहन पुत्र रामाराम मेघवाल निवासी रिडियातालर 9 मई को माताजी की भाखरी गांव में तेजाराम पुत्र सिमरथा राम नाई के घर शादी समारोह में गया था।

समारोह से वापस लौटते समय रात साढ़े 11 बजे सोहन बाइक से वापस घर के लिए जा रहा था। शादी समारोह स्थल से कुछ दूरी पर अचलाराम पुत्र रिमुराम जाट, उतमाराम पुत्र दुर्गाराम जाट, भोमाराम जाट, मुंशीलाल जाट पुत्र खेताराम जाट निवासी माताजी की भाखरी ने मिलकर रास्ता रोक लिया।

अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए प्रार्थी को जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर पिटाई की। रात अधिक होने से किसी ने आवाज नहीं सुनी। इस दौरान शादी वाले घर से एक और बाइक आई तो लाइट देख कर आरोपी पीड़ित को वहीं छोड़कर बाइक लेकर भाग गए।

झालावाड़ में नीला गमछा गले में डालने पर मारपीट

राजस्थान के झालावाड़ जिले के पगडि़या थाना क्षेत्र में बरडिया गांव में शादी समारोह में नीला गमछा गले में डालने पर जातीय गुंडों ने दलित युवक की पिटाई कर दी। घटना को लेकर 19 वर्षीय ईश्वर पुत्र चंद्रपाल मेघवाल निवासी भड़का थाना डग ने पगड़िया पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस पकड़ से दूर है।

पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया कि 11 मई को वह परिवार के साथ गार्डिया गांव में शादी में गया था। रात को बारात की चढ़ाई ( निकासी ) निकल रही थी। इस दौरान पीड़ित ईश्वर एक मंदिर के पास गली में लघुशंका के लिए चला गया। इस दौरान जसवंतसिंह पुत्र भगवान सिंह, दीपक पुत्र मोहनसिंह और तीन चार अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़ित के साथ धक्का मुक्की की। जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि तूने भीमराव की साफी गले में क्यों डाल रखी है। पीड़ित डर कर भागने लगा तो आरोपियों ने घेर कर लकड़ी से पिटाई की। इससे शरीर पर चोट के निशान है। घटना को लेकर भीम आर्मी सहित बहुजन संगठनों में आक्रोश है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया है।

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