राजस्थान: बलात्कार के बाद नाबालिग आदिवासी बेटी की हत्या, शव के टुकड़े कर खंडहर में फेंका

वह खण्डहर जहां बेटी के शव के 10 टुकड़े कर फेंके गए
वह खण्डहर जहां बेटी के शव के 10 टुकड़े कर फेंके गए
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जयपुर। देश भर में जब चैत्र नवरात्र के समापन से पूर्व कन्या पूजन की तैयारी चल रही थी। उस समय राजस्थान के उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्र में एक वहशी 9 वर्षीय आदिवासी बालिका को अपनी हवश का शिकार बनाने के बाद हत्या कर अमानवीय ढंग से बेटी के शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े कर बोर में भरकर गांव के ही खण्डहर नुमा घर में फेंक चुका था।

काफी खोजबीन के बाद, बीते दिवस शनिवार शाम 9 वर्षीय बेटी का शव बरामद होने के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए नाबालिग बेटी से बलात्कार के बाद हत्या के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने रविवार देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुष्कर्म व हत्या आरोपी कमलेश को डिटेन करने की पुष्टि की है। एसपी ने बताया को आरोपी माता-पिता के साथ रहता है। अभी कोई काम नहीं करता।

विकास शर्मा, एसपी, उदयपुर
विकास शर्मा, एसपी, उदयपुर

पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए एसपी शर्मा ने आगे कहा कि हमारे सूचना तंत्र के माध्यम से हम आरोपी तक पहुंचे हैं। हत्या के कारण व तरीके के बारे में गहनता से पूछताछ कर रहे हैं। जल्द ही तथ्यात्मक साक्ष्य जुटाकर चार्जशीट दाखिल करेंगे।

29 मार्च को पिता ने कराई थी गुमशुगी

29 मार्च को मृतका के पिता ने उदयपुर के मावली पुलिस थाने में 9 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी को लेकर लिखित सूचना थाने में दी थी। तहरीर के आधार पर मावली थाना पुलिस ने अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नाबालिग लड़की की गुमशुदगी की जांच थाने के एएसआई छगनलाल को सौंपी थी, लेकिन पुलिस पीड़ित के घर से चंद कदम की दूरी पर बेटी को तलाश नहीं कर पाई। बेटी का पिता चार दिन तक बेटी की तलाश में पुलिस के चक्कर लगाता रहा, लेकिन थाना पुलिस बेटी के अपहरण को हल्के में लेती रही। मावली थाना पुलिस की लापरवाही का कारण है कि एक 9 साल की मासूम वहशी की हवश का शिकार हुई। वहीं इस घटना के बाद राजस्थान पुलिस के 'ऑपरेशन मुस्कान' की भी कलाई खुल गई। वर्तमान में राजस्थान में गुम हुए नाबालिगों की तलाश के लिए राजस्थान पुलिस ने 'ऑपरेशन मुस्कान' चला रखा है, लेकिन उदयपुर के मावली थाना पुलिस घर से चंद कदम की दूरी पर नाबालिग बेटी को ढूंढने में वह नाकाम रही।

10 टुकड़ों में मिला बेटी का शव, सिहर उठी मानवता

29 मार्च को गुम हुई 9 वर्षीय आदिवासी बेटी का शव एक अप्रैल शनिवार देर शाम बेटी के घर से कुछ कदम दूर एक खण्डहर मकान में 10 टुकड़ो में बोरे में बंधा मिला।

9 साल की मासूम बेटी के शव का अमानवीय मंजर देख मानवता सिहर उठी। जिसने भी देखा सन्न रह गया। सूचना पर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मुकेश सांखला मय पुलिस जाब्ता व डॉग स्क्वायड के घटना स्थल पहुंचे। जहां खण्डर में पड़े बोरो से मानव शरीर के टुकड़ों को निकाला। शरीर के टुकड़ों को देख पीड़ित पिता होश खो बैठा। इस दौरान परिजनों ने शव की शिनाख्त गुम हुई 9 वर्षीय बेटी के रूप में की।

बेटी के शव के 10 टुकड़ों को पुलिस ने कब्जे में कर सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। जहां रविवार सुबह मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

सरकारी अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण
सरकारी अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण

अस्पताल के बाहर प्रदर्शन

मावली पुलिस थाना क्षेत्र के गांव में आदिवासी लड़की का शव टुकड़ों में मिलने की बात क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। जिसने भी सुना खुद को रोक नहीं पाया। शाम से ही गांव में लोगों की भीड़ जमा होने लगी। सुबह तक सैकड़ों की तादाद में भील समाज के लोग विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ गांव में जमा होकर आदिवासी बेटी की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। मामले की गम्भीरता को देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स बढ़ा दिया गया। इस दौरान सरकारी अस्पताल के बाहर सामाजिक संगठनों के साथ ग्रामीण धरने पर बैठ गए।

ग्रामीणों ने नाबालिग बेटी के हत्या के आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही मृतका के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक मदद के साथ ही एक सरकारी नौकरी की भी मांग की है।

भीम आर्मी से जुड़े लालाराम मेघवाल का कहना है कि उदयपुर में एक व्यक्ति की हत्या पर मुख्यमंत्री खुद परिजनों के पास पहुंचे थे। आर्थिक मदद के साथ दो सरकारी नौकरी भी दी। यह घटना भी उदयपुर की है। नाबालिग आदिवासी बेटी के साथ बलात्कार के बाद हत्या की गई है। ऐसे में यहां आदिवासी समाज समान न्याय की उम्मीद करता है।

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