मणिपुर हिंसा: पीएम ने तोड़ी चुप्पी, कहा "पूरा देश शर्मसार हुआ है", विपक्ष ने मांगा 'इस्तीफा'

विपक्ष हुआ हमलावर, आमजन के निशाने पर केंद्र व राज्य सरकार
मणिपुर हिंसा: पीएम ने तोड़ी चुप्पी, कहा "पूरा देश शर्मसार हुआ है", विपक्ष ने मांगा 'इस्तीफा'
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इम्फाल। मणिपुर से वायरल हुए एक वीडियो ने पूरे देश में उथल-पुथल मचा दी है। वायरल हुए वीडियो में दो महिलाओं को नग्न कर उनकी परेड निकाले जाने की वीभत्स घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। देश के लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वहीं इस वीडियो के बाद मणिपुर में लोगों ने सड़कों पर निकल कर आंदोलन करना शुरू कर दिया है। विपक्ष इस मसले पर संसद में हंगामे की तैयारी में है। इस घटना का सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य एवं केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। वहीं मॉनसून सेशन में जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस घटना से वह पीड़ा और गुस्से से भरे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह घटना भले ही मणिपुर में हुई, लेकिन इससे पूरे देश की बेइज्जती हुई है और 140 करोड़ लोग इससे शर्मसार हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला?

सोशल मीडिया पर 19 जुलाई को मणिपुर से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है। बताया कि कांगपोकपी जिले में 4 मई का है। इसमें महिलाओं को नग्न अवस्था में दर्शाया गया है। वीडियो में पुरुष पीड़ित महिलाओं से लगातार छेड़छाड़ करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं पीड़ित महिलाएं बंधक बनी हुई हैं और लगातार मदद की गुहार लगा रही हैं। उन्होंने बताया कि अपराधियों ने इस वीडियो को बनाने के बाद वायरल भी कर दिया है। इससे इन निर्दोष महिलाओं द्वारा झेली गई भयावह यातना कई गुना बढ़ गई है। पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इस घटना के मुख्य आरोपी को थाउबल से अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा अन्य लोगों को दबोचने के लिए रेड मारी जा रही हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ घंटों के अंदर ही अन्य आरोपियों को भी दबोच लिया जाएगा। इस मामले में पहले से ही रेप और मर्डर की धाराएं दर्ज हो चुकी हैं। गौरतलब है कि मणिपुर की हिंसा को लेकर देश भर में गुस्सा हैं। वहीं किसी भी तरह की अफवाह से बचने के लिए सरकार ने इससे जुड़े वीडियो को शेयर करने पर रोक लगा दी है।

क्या हुई कार्रवाई?

घटना की निंदा करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम का दावा है कि महिलाएं कुकी-ज़ो जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी। घटना के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जून को FIR दर्ज कराई गई थी। इस मामले में IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दर्ज शिकायत में क्या कहा गया?

इस मामले में दर्ज की गई शिकायत में कहा गया है कि भीड़ ने एक आदमी को मार डाला और 3 महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया था। इनमें से एक 19 साल की पीड़िता के साथ गैंगरेप किया गया। जब उसके भाई ने उसकी मदद करने की कोशिश की तो उसकी भी हत्या कर दी गई। बाद में तीनों महिलाएं कुछ अनजान लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं। शिकायत के अनुसार 4 मई को मणिपुर में पहली बार हिंसा भड़कने के एक दिन बाद लगभग 3 बजे करीब 1 हजार लोग AK राइफल्स, SLR, इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर बी. फ़ेनोम गांव में घुस गए। हिंसक भीड़ ने तोड़फोड़ कर संपत्ति लूटी और घरों को जला दिया।

महिलाओं को पुलिस से छीनकर ले गए थे उपद्रवी

शिकायत में बताया गया है कि हमले के दौरान 2 पुरुष और 3 महिलाएं जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस टीम ने बचाया और उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, तभी भीड़ ने उन्हें पुलिस स्टेशन से लगभग 2 किमी दूर तौबुल (सेकमई खुनौ) के पास पुलिस टीम से छीनकर ले गए थे।

मणिपुर में कब भड़की हिंसा?

मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी। इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। जानकारों का मानना है कि बातचीत से ही इस हिंसा को शांत किया जा सकता है, लेकिन समस्या ये है कि बातचीत को कोई तैयार हो नहीं रहा है। हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

आगबबूला है विपक्ष, मोदी से सवाल- सीएम का इस्तीफा कब मांगोगे

मणिपुर की घटना को लेकर भले ही सरकार सक्रिय हो गई है और पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी आलोचना की है। इसके बाद भी विपक्ष हमलावर है। कांग्रेस का कहना है कि इस घटना की जांच के लिए एक डेलिगेशन बनना चाहिए। यही नहीं कांग्रेस ने पीएम मोदी से पूछा है कि आप कब मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से इस्तीफा लेंगे। वहीं मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि हम इन आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करेंगे। उन्हें पकड़ने की कोशिश चल रही है।

पीएम मोदी ने साफ कहा कि इस घटना में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। पूरी शक्ति और सख्ती के साथ इनके खिलाफ ऐक्शन होगा। उन्होंने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वे कानून-व्यवस्था को मजबूत करें ताकि महिलाओं के साथ कोई अन्याय न हो सके। यही नहीं इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए तीखी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि यदि इस मामले में सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो फिर हम ऐक्शन लेंगे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि अब तक क्या ऐक्शन हुआ है। अब अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।

मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने कहा कि हिंसा के माहौल में महिलाओं का इस्तेमाल करना स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं हो सकता। यह संवैधानिक और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यदि सरकार चुप रहती है तो फिर हम ही ऐक्शन लेंगे। वहीं होम मिनिस्टर अमित शाह ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से बात की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि वीडियो वाले मामले में अब तक क्या ऐक्शन लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि होम मिनिस्टर अमित शाह ने मुख्यमंत्री से इस घटना में सख्त ऐक्शन लेने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने को कहा है।

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