अब कार्तिक बहुजन समाज के उत्पीड़न के खिलाफ कभी नहीं बोल पाएगा

कार्तिक भील को न्याय दिलाने के प्रदर्शन करते समाज के लोग
कार्तिक भील को न्याय दिलाने के प्रदर्शन करते समाज के लोग
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परिजनों का आरोप, षड्यंत्र के तहत की गई हत्या, पुलिस महकमे ने दबाव के बाद जांच अधिकारी बदला।

जयपुर। राजस्थान में दलित व आदिवासी उत्पीड़न के खिलाफ मुखर होती कार्तिक भील की आवाज को अब हमेशा के लिए दबा दिया गया है। एक षड्यंत्र के तहत उसकी हत्या कर दी गई। ऐसा कांतिलाल उर्फ कार्तिक भील के भाई वीराराम का कहना है।

19 नवम्बर को सिरोही जिला मुख्यालय से अपने दोस्त के साथ बाइक से लौट रहे कार्तिक पर राजूराम माली, प्रवीण माली, टेपाराम माली, भगाराम माली ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर हमला किया था। हमले के बाद गम्भीर घायल कार्तिक को उपचार के लिए गुजरात के मेहसाणा ले जाया गया। जहां 1 दिसम्बर को उसकी मौत हो गई। कार्तिक की मौत के बाद परिवारजन शव लाना चाहते थे, लेकिन अस्पताल में पुलिस ने शव कब्जे में कर परिवार को नहीं दिया। एक सप्ताह होने को है, लेकिन शव अभी भी गुजरात के मेहसाणा के एक अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। परिवार के लोगों के साथ भीम आर्मी, भीम सेना व बहुजन संगठन सिरोही जिला मुख्यालय पर धरना देकर बैठे हैं। भीम सेना का आरोप है कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है। भीम सेना नेताओं का कहना है कि अब दिवंगत कार्तिक पर किसी लड़की से छेड़खानी के आरोप लगाए जा रहे हैं। पुलिस क्यों मृतक पर ऐसे घिनौने आरोप लगा रही है। यह समझ से परे है।

कार्तिक कहता था- मैं बस समाज के लिए बना हूं

कार्तिक भील के भाई वीराराम ने द मूकनायक को बताया कि, कार्तिक समाज के भले के लिए अधिक समय घर से बाहर रहता। जोधपुर, जालोर, अजमेर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, सहित अन्य जिलों में जाकर आंदोलनों में शामिल होता। कहीं भी दलितो व आदिवासियों पर अत्याचार की जानकारी मिलती तो उनके हक की लड़ाई लड़ने पहुंच जाता। यही वजह है कि राजनेताओं से जुड़े कुछ दबंगों को भी वह खटकने लगा था। उस पर पहले भी कई बार हमले किए गए, सम्बन्धित पुलिस थानों में रिपोर्ट भी दी, लेकिन राजनीतिक दबाव व जातिवादी सोच रखने वाली अफसरशाही के कारण कभी न्याय नहीं मिला। वीराराम कहते हैं कि "हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लकड़ियां बेंच कर आजीविका चलाते हैं। परिवार के लोग कार्तिक को घर पर ध्यान देने के लिए जोर देते। फिर भी नहीं रुकता। एक बार पिता ने घर से बेदखल करने की धमकी भी दी, लेकिन उसने कहा कि मैं समाज के लिए बना हूं।"

मासूम भी मांग रहे पिता के लिए न्याय

भीम आर्मी प्रदेश प्रभारी अनिल डेनवाल ने बताया कि कार्तिक भील की पत्नी संतोष देवी अपने 5 वर्षीय बेटे भावेश व 8 माह के पुत्र के साथ धरने में शामिल होकर कार्तिक के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही है। भीड़ में शामिल नन्हीं निगाहें सरकार को तरफ न्याय की उम्मीद से देख रही हैं, लेकिन राजस्थान सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं है। अनिल कहते है कि, उदयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जाति के एक व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो खुद पहुंच कर मुआवजा व नौकरी देते है। यहां सीएम के समाज के लोग हत्या करते हैं, तो सरकार व शासन हत्या के आरोपियों को बचाने में लगा है। हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। न्याय नहीं मिलने तक लड़ेंगे।

भूखंड पर थी निगाहें, लालच में नहीं आया कार्तिक

कार्तिक भील का भाई वीराराम कहता है कि, सड़क किनारे उनका पुश्तैनी घर है। पास सवर्ण जाति के लोग रहते है। वहां भीलों का रहना इन लोगों को पसंद नहीं है। एक राजनेता ने हमारे घर के लिए 2 से 3 करोड़ का लालच भी दिया, लेकिन कार्तिक ने उनकी बात नहीं मानी। हमारा पट्टा भी बना था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण भी हुआ। बाकायदा नगरपालिका के कार्मिकों ने फोटो खींचने के बाद शौचालय निर्माण में सरकारी सहायता की दो किश्त भी बैंक खाते में डाली। "तीसरी किश्त मिलने से पहले ही मिलीभगत कर नगरपालिका ने शौचालय को अवैध बता कर तोड़ दिया। हमारे घर का पट्टा भी बना था। उसे भी खारिज करवा दिया गया। यह सब षडयंत्र एक जमीन के टुकड़े के लिए किया गया।"

कार्तिक भील को न्याय दिलाने के प्रदर्शन करते समाज के लोग
कार्तिक भील को न्याय दिलाने के प्रदर्शन करते समाज के लोग

भीम आर्मी प्रदेश महासचिव सुनील भारतीय ने द मूकनायक को बताया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कार्तिक की हत्या की गई है। 19 नवम्बर को कार्तिक भील के साथ मारपीट होती है। इलाज के दौरान 1 दिसम्बर को मृत्यु हो जाती है। पुलिस ने अभी तक भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। यह मामला पूरे देश में चर्चा में है। लगातार आंदोलन हो रहा है। हम यहां 8 दिन से धरने पर बैठे हैं। प्रशासन ने अभी तक एक भी मांग नहीं मानी है। हमारी मुख्य मांग जांच उच्चस्तर के अधिकारी से कराने, कार्तिक भील के पट्टा पुनः बहाल किया जाए। शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से हो। इलाज में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि यहां जातिगत भेदभाव हुआ है। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती है तब तक हम धरने पर बैठे है। भारतीय ने आरोप लगाया कि एक पूर्व विधायक की कार्तिक भील के परिवार की पट्टाशुदा जमीन पर निगाहें थीं। यह जमीन सड़क किनारे होने से जमीन की कीमत बढ़ गई थी। पूर्व विधायक वहां जमीन के 3 करोड़ रुपए देना चाहता है वो लोग नहीं चाहते कि एक भील परिवार उनके द्वारा बनाई जाने वाली कॉलोनी में रहे। यह भेद के कारण षड्यंत्र हुआ है।

उन्होंने कहा एक षड्यंत्र के तहत एक नाबालिग लड़की को सामने लाकर दिवंगत कार्तिक पर छेड़खानी के आरोप लगाए जा रहे हैं। आरोपियों को बचाने के लिए शासन व प्रशासन तमाम प्रोपेगेंडा अपना रहा है। जब तक कार्तिक भील के परिवार को न्याय नहीं मिलता है। यह लड़ाई जारी रहेगी।

भीम सेना प्रदेशाध्यक्ष रविकुमार मेघवाल ने द मूकनायक को बताया कि कार्तिक भील के न्याय की मांग को लेकर सिरोही जिला मुख्यालय पर लगातार धरना चल रहा। हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन से यहां हमारी वार्ता हुई। वार्ता के दौरान हमने कुछ मांग रखी, लेकिन एक भी मांग पर प्रशासन ने सहमति नहीं दी। हम परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं। सभी लोगों से आह्वान है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं। पुलिस कार्तिक भील के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं करती हम यहां से नहीं हिलेंगे। यह धरना लगातार जारी रहेगा। पूरे प्रदेश में जगह जगह तहसील स्तर पर ज्ञापन देंगे। सरकार का विरोध कर पुतला दहन करेंगे। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा लेकर राजस्थान से निकल रहे हैं। हम यहां राहुल गांधी गो बैक के नारों के साथ विरोध करेंगे।

जांच अधिकारी बदला, दो गिरफ्तार

सिरोही पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि, "कार्तिक भील हत्याकांड मामले में दो लोगों को गिरफ्ताए कर लिया गया है। इस मामले में पहले सिरोही पुलिस उपाधीक्षक एसटी/एससी सेल दिनेश जांच कर रहे थे। अब आईजी ने एक आदेश जारी कर बाड़मेर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा नितेश आर्य को जांच सौंपी है।"

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