MP: सिंगरौली में आदिवासी किसान की हत्या, पुलिस की भूमिका पर सवाल, आरोपी भाजपा नेता अब तक फरार!

पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने पहले इस घटना को ट्रैक्टर से कुचलने का मामला बताया था, लेकिन बाद में एएसपी शिवकुमार वर्मा ने बयान दिया कि मृतक के परिजन अब कह रहे हैं कि इंद्रपाल की मौत ट्रैक्टर से धक्का लगने के कारण हुई है, न कि कुचलने से। इस बयान से पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं.
MP: सिंगरौली में आदिवासी किसान की हत्या, पुलिस की भूमिका पर सवाल, आरोपी भाजपा नेता अब तक फरार!
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बरका चौकी क्षेत्र के गन्नई गांव में रविवार रात हुई एक हृदयविदारक घटना ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अवैध रेत परिवहन रोकने की कोशिश कर रहे आदिवासी किसान इंद्रपाल अगरिया की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई। इस घटना के आरोपी, जिनमें प्रमुख रूप से भाजपा नेता लाले वैश्य शामिल हैं, अब तक फरार हैं, जिससे स्थानीय समुदाय में आक्रोश है।

गन्नई गांव के निवासी इंद्रपाल अगरिया अपने खेत में लगी धान की फसल की सुरक्षा के लिए चिंतित थे, जब उन्होंने देखा कि कुछ लोग उनके खेत से जबरन ट्रैक्टर निकालकर रेत का अवैध परिवहन कर रहे थे। इंद्रपाल ने इसका विरोध किया, जिसके बाद आरोपियों ने उन्हें बेरहमी से कुचल दिया। इंद्रपाल की मौके पर ही मौत हो गई।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय को हिला कर रख दिया है। ग्रामीणों ने पुलिस थाने के सामने धरना देकर न्याय की मांग की है। धरने में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, जैसे पूर्व मंत्री वंशमणि वर्मा और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी शामिल हुए।

घटना के बाद, पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने पहले इस घटना को ट्रैक्टर से कुचलने का मामला बताया था, लेकिन बाद में एएसपी शिवकुमार वर्मा ने बयान दिया कि मृतक के परिजन अब कह रहे हैं कि इंद्रपाल की मौत ट्रैक्टर से धक्का लगने के कारण हुई है, न कि कुचलने से। इस बयान से पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं, और पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह किया जा रहा है।

घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे आदिवासी समुदाय पर अत्याचार की एक और जघन्य घटना करार दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कमलनाथ ने इस घटना को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अफसरों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस से पूरी रिपोर्ट मांग ली गई है। इसके बावजूद, आरोपी भाजपा नेता लाले वैश्य अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, जो कि एक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

भाजपा नेता है आरोपी

घटना के मुख्य आरोपी लाले वैश्य भाजपा के सरई मंडल का पूर्व उपाध्यक्ष रह चुका है। उन्होंने अपने पद से कुछ समय पहले ही इस्तीफा दिया था। लाले वैश्य के परिवार का क्षेत्र में काफी प्रभाव है, और उनकी जमीनें भी 60 एकड़ से अधिक फैली हुई हैं। घटना के बाद से लाले वैश्य का कहीं भी पता नहीं चल रहा है, और पुलिस अब तक उसे पकड़ने में असफल रही है।

ग्रामीणों का आक्रोश इस बात से भी बढ़ गया है कि आरोपियों पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना है कि पुलिस और प्रशासन की ढिलाई से अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी और मृतक के परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।

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