भोपाल। भारत सरकार जल्द ही देश की पिछड़ी जनजातियों को समृद्ध बनाने के लिए एक बड़ा बजट स्वीकृत करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम जन-मन योजना (Jan Man Yojana) के तहत अगले माह तक करीब 39 हजार करोड़ का बजट देने जा रहे हैं। इससे देशभर के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों जैसे बैगा, सहरिया, भारिया के उत्थान के उद्देश्य से विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
यह जानकारी मंडला पहुंचे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह (Trible minister Vijay Shah) ने स्थानीय सर्किट हॉउस में मीडिया से चर्चा के दौरान दी। उन्होंने बताया कि अभी संभाग स्तर पर दौरा कर रहे हैं। इसके बाद जनजातीय बाहुल्य जिले और बैहर परियोजना, पतालकोट के सहरिया, बैगा, भारिया विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए प्रधानमंत्री की इस योजना की तैयारी कर रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति समूह- PVTGs के लिए सरकार नई योजनाएं तैयार कर रही है। इसके लिए इस बार 39 हजार करोड़ के भारी भरकम बजट का प्रावधान किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जोड़ने के लिए नई योजनाएं बनाई जाएंगी।
प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने सभी जनजातीय समाज के उत्थान के लिए किए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जनजातीय समाज के लिए शिक्षा ही नहीं उनका समग्र विकास हमारे ध्यान में है। हमने मंडला में जनजातीय छात्राओं के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई शुरू किया है।
आदिवासी समाज के छात्र, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा तैयारी के लिए बड़े शहरों में जाते हैं। माध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों को बड़ी असुविधा होती है। इसके लिए अब हम प्रदेश के 89 जनजातीय ब्लॉक रानी दुर्गावती के नाम से प्रशिक्षण सेंटर, कम्प्यूटर सेंटर, ई-लायब्रेरी खोलने जा रहे हैं। बहुत जल्द ही आपको प्रशिक्षण और प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी की यह नई सुविधा मिलने लगेगी।
मध्य प्रदेश में सात संभागों के अंतर्गत 20 जिले और 89 विकासखण्ड आदिवासी बाहुल्य हैं। मध्य प्रदेश देश में सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाला प्रदेश माना जाता है। प्रदेश में 21 प्रतिशत आदिवासियों की संख्या है। इनमें बुरहानपुर, खंडवा, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़बानी, खरगौन, धार, मण्डला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडौरी, होशंगाबाद, बैतुल, रतलाम, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सीधी और श्योपुर जिले आदिवासी बहुल हैं।
प्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजाति हैं इनमें भारिया, बैगा एवं सहरिया निवासरत हैं। राज्य शासन द्वारा 11 विशेष पिछड़ी जनजाति विकास अभिकरणों का गठन किया गया है। जो मण्डला, बैहर (बालाघाट), डिण्डौरी, पुष्पराजगढ़ (अनुपपुर) शहडोल, उमरिया, ग्वालियर, (दतिया जिला सहित), श्योपुर (भिण्ड, मुरैना जिला सहित) शिवपुरी, गुना (अशोकनगर जिला सहित) तथा (तामिया जिला छिन्दवाड़ा) में स्थित है। इन अभिकरणों में चिन्हांकित किए गए 2314 ग्रामों में विशेष पिछड़ी जनजाति के 5.51 लाख लोग निवास करते हैं।
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