MP: आदिवासी स्टूडेंट की चोटी काटने वाले टीचर को निलंबित कर कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश, जानिए क्या है मामला?

कलेक्टर ने कहा, "वीर सिंह ने शिक्षक पद की गरिमा के विपरीत आचरण किया, जो अस्वीकार्य है। शिक्षक का ऐसा अमर्यादित आचरण शिक्षा के मूल्यों के खिलाफ है और इसके लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।"
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भोपाल। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के आदिवासी क्षेत्र रावटी के ग्राम सेमलखेड़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 2 में शिक्षक दिवस के मौके पर एक शर्मनाक घटना सामने आई, जिसने शिक्षा जगत की गरिमा को धूमिल किया है। सहायक शिक्षक वीर सिंह मेंड़ा को शराब के नशे में स्कूल में उपस्थित होने और एक आदिवासी छात्रा के बाल काटने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

रतलाम के कलेक्टर ने घटना के बाद आरोपी शिक्षक वीर सिंह को निलंबित कर दिया। कलेक्टर राजेश बाथम ने कहा, "वीर सिंह ने शिक्षक पद की गरिमा के विपरीत आचरण किया, जो अस्वीकार्य है। शिक्षक का ऐसा अमर्यादित आचरण शिक्षा के मूल्यों के खिलाफ है और इसके लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।" इसके साथ ही जिला प्रशासन ने शिक्षक के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

शिक्षा विभाग ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "शिक्षक दिवस जैसे पवित्र दिन पर इस तरह की घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों के लिए भी एक धक्का है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।"

आरोपी शिक्षक अभी भी फरार

घटना के बाद से आरोपी शिक्षक वीर सिंह मेंड़ा फरार है। स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दूसरी ओर, प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि इस घटना में शामिल किसी भी अन्य व्यक्ति पर भी उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, स्कूल के अन्य कर्मचारियों और बच्चों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं, ताकि घटना के सभी पहलुओं की सही जानकारी मिल सके। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि भविष्य में किसी भी शिक्षक के व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं।

द मूकनायक से बातचीत में आदिवासी एक्टविस्ट सुनील आदिवासी ने कहा, "प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है। शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी और गरिमा का बोध कराना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे अपने पद की गरिमा को बनाए रखें और छात्रों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर सकें। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा इस घटना पर और भी सख्त कदम उठाए जाने की उम्मीद है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में कोई भी शिक्षक इस प्रकार का आचरण न कर सके।"

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