MP: हरदा जिले के 103 आदिवासी बहुल गांव प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में शामिल

यह अभियान संविधान के अनुच्छेद 46 के तहत अनुसूचित जातियों और जनजातियों के आर्थिक और शैक्षिक हितों की रक्षा करने की संवैधानिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
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भोपाल। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में आदिवासी विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के तहत जिले के 103 आदिवासी बहुल ग्रामों का चयन किया गया है, जिनमें हरदा विकासखण्ड के 18, टिमरनी विकासखण्ड के 44 और खिरकिया विकासखण्ड के 41 गांव शामिल हैं। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने और उनके गांवों को बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित करना है।

हरदा जिला संयोजक जनजातीय कल्याण विभाग, डॉ. कविता आर्य ने बताया कि यह अभियान आदिवासी ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के साथ-साथ उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, प्रशिक्षण, विद्युतीकरण और बेहतर कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं से जोड़ने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे गांवों का चयन किया गया है, जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक हो, और जहां कम से कम 50 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या हो। इन गांवों में समग्र विकास के लिए 18 विभागों की कुल 25 महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने की योजना है।

विकास कार्यों की प्रमुख योजनाएँ

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत विभिन्न बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है, जिनमें शामिल हैं:

सड़क निर्माण: इन गांवों में सड़कों का निर्माण किया जाएगा ताकि ग्रामीणों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिल सके।

आवास निर्माण: गरीब आदिवासी परिवारों के लिए आवास उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी जीवन-स्तर में सुधार हो।

पेयजल और विद्युतीकरण: पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए पेयजल सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। साथ ही गांवों में विद्युतीकरण की योजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा।

शिक्षा और कौशल विकास: इन गांवों में आदिवासी बच्चों के लिए छात्रावास निर्माण, स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, और कौशल उन्नयन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण युवा आत्मनिर्भर बन सकें।

पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं: पोषण वाटिकाओं का निर्माण और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि ग्रामीणों को उचित पोषण और स्वास्थ्य देखभाल मिले।

यह अभियान संविधान के अनुच्छेद 46 के तहत अनुसूचित जातियों और जनजातियों के आर्थिक और शैक्षिक हितों की रक्षा करने की संवैधानिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है। अनुच्छेद 46 राज्य को निर्देश देता है कि वह इन वर्गों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए विशेष प्रयास करे और उनके साथ हो रहे किसी भी प्रकार के अन्याय को रोके। आदिवासी बहुल गांवों के विकास के लिए इस प्रकार की योजनाएं आदिवासी समुदायों के जीवन में सुधार लाने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

इसके अलावा, अनुच्छेद 275 के तहत विशेष अनुदान की व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार राज्य सरकारों को आदिवासी विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इन अनुदानों का उपयोग जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान इसी संवैधानिक प्रावधान का एक विस्तार है, जो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में समग्र विकास सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखता है।

समग्र विकास की उम्मीद

डॉ. आर्य ने यह भी बताया कि यह अभियान आदिवासी समुदायों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएगा, जिससे वे गरीबी, बेरोजगारी, और पिछड़ेपन से बाहर आ सकें। इस अभियान में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को एकीकृत कर आदिवासी बहुल गांवों में विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अंतर्गत स्वीकृत किए गए कार्य जैसे सड़क, आवास, पेयजल, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन किया जाएगा, ताकि आदिवासी समाज को इनका सीधा लाभ मिल सके।

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