मणिपुर हिंसाः आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन क्लास का मांगा विकल्प

फार्मेसिस्ट कर रहे छात्रों ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लिखा राष्ट्रपति को पत्र, सीजेआई ने पहले ही दी ऑनलाइन क्लासेज कराने के निर्देश।
अलग-अलग कक्षाओं की सैकड़ों छात्राओं ने जॉइन्ट स्टूडेंट बॉडी के बैनर तले शैक्षिक अधिकारों की मांग की। स्थान- चुराचांदपुर जिला, मणिपुर (फाइल फोटो)
अलग-अलग कक्षाओं की सैकड़ों छात्राओं ने जॉइन्ट स्टूडेंट बॉडी के बैनर तले शैक्षिक अधिकारों की मांग की। स्थान- चुराचांदपुर जिला, मणिपुर (फाइल फोटो)फोटो- द मूकनायक
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न्यू लामका। मणिपुर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाके न्यू लामका शहर में रह रहे आदिवासी छात्र-छात्राओं की स्कूल कॉलेज बंद होने से पढ़ाई पर प्रभाव पड़ा है। कई विषयो में पढ़ाई के लिए पूर्व में ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चन्द्रचूड़ ने ऑनलाइन क्लासेस की अनुमति दी थी। वहीं अब ज्वाइंट स्टूडेंट बॉडी ने राष्ट्रपति सहित प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इम्फाल शहर से फार्मेसिस्ट की पढ़ाई के लिए आदिवासी छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज दिए जाने के लिए अनुरोध किया है।

मणिपुर के न्यू लामका शहर चुराचांदपुर जिले से जॉइंट स्टूडेंट बॉडी ने राष्ट्रपति और प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि 3 मई 2023 की रात को इंफाल में हुई हिंसा के बाद कई महीनों से स्थिति खराब चल रही है। इस कारण छात्रों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ा है। जोमी कुकी के कुल 35 छात्र सरकारी पॉलिटेक्निक से फार्मासिस्ट कोर्स (द्वितीय वर्ष) कर रहे हैं।

मणिपुर कंगलेइपक मेडिकल एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूट, सरस्वती इंस्टीट्यूट और मैनेजमेंट एंड पैरामेडिकल विज्ञान परिसर में विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र बल शिविरों में शरण ली हुई है। स्थिति बिगड़ने पर सभी छात्र अपने घरों को लौट आए। कई महीनों से जारी हिंसा के बीच छात्रों की इम्फाल शहर में जाकर पढ़ाई सम्भव नहीं हो पा रही है।

स्थिति कब सामान्य होगी इसका भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज में ही नियमित ऑनलाइन कक्षाएं और परीक्षा भी कराई जा सकती है। हिंसा के माहौल में यह एक आदर्श विकल्प है। ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चों की कई समस्याएं हल हो जाएंगी। कई कॉलेजों में अन्य विषयों में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इससे छात्रों को पढ़ाई का लाभ मिल रहा है।

यह छात्र भी उसी वर्ग और समाज से आते हैं। इसलिए ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए सभी छात्रों की पढ़ाई सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से जारी रखी जा सकती है। छात्राओ की अंतिम परीक्षाएं जल्द ही आने वाली हैं। इसके अलावा इस पढ़ाई के बाद कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए बाहर भी जाएंगे। ऐसे में उन्हें उच्च शिक्षा के अधिकार से वांछित नहीं रखा जा सकता।

ज्वाइंट स्टूडेंट्स फेडरेशन ने अपने पत्र में आगे लिखा है. छात्रों की पढ़ाई रुक जाने के कारण उनका भविष्य दांव पर लगा हुआ है। पढ़ाई न होने के कारण छात्र शिक्षा में पिछड़ते जा रहे हैं। हमारे लिए वैकल्पिक ऑनलाइन क्लास जरूरी है। हमारा करियर रुका हुआ है। ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से चुराचांदपुर में सभी छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति और पढ़ाई जारी रह सकती है। मणिपुर को बिना किसी शैक्षणिक अवकाश के इसकी अनुमति दी जा सकती है।

अलग-अलग कक्षाओं की सैकड़ों छात्राओं ने जॉइन्ट स्टूडेंट बॉडी के बैनर तले शैक्षिक अधिकारों की मांग की। स्थान- चुराचांदपुर जिला, मणिपुर (फाइल फोटो)
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