इंफाल। राज्य में कुकी बाहुल्य पहाड़ी क्षेत्र के चुराचांदपुर जिले में आईबी रोड जिला अस्पताल के पास स्थित Young Vaiphei Association (YVA) की ओर से एक पुराने जर्जर स्कूल के भवन में बनाए गए रिलीफ कैम्प में 49 वर्षीय होल्ज़ाथांग बाइटे (Holzathang Baite) अपनी गंभीर किडनी से संबंधित बीमारी के साथ जूझ रहे हैं।
पिछले साल मई में शुरू हुए राज्य के भीतर हिंसा की घटनाओं के बाद हजारों आंतरिक रूप से विस्थापितों (IDPs) में से एक होल्ज़ाथांग भी हैं जो कई महीनों से अपने समुदाय के लोगों की ओर से संचालित राहत शिविर में रह रहे हैं।
हाल ही में होल्ज़ाथांग की दोनों किडनी में रुकावट के कारण, उन्हें राज्य के बाहर इलाज के लिए भेजा गया था। लगभग एक साल से ज्यादा समय से हिंसा की आग में जल रहे इस राज्य में गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का जीवन और कष्टकर तब हो जाता है जब उन्हें अपने राज्य में उचित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल रही हों।
होल्ज़ाथांग के इलाज के लिए उनके कुछ शुभचिंतकों और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें शिलांग ले जाया गया, जहां वह अब NEIGRIHMS अस्पताल में भर्ती है। हालांकि, होल्ज़ाथांग के इलाज के लिए स्थानीय लोगों द्वारा दिया गया आर्थिक सहयोग उतना पर्याप्त नहीं था जिससे उसका समुचित इलाज हो सके।
हिंसा के कारण घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर, असुरक्षित, अनिश्चित भविष्य के साथ होल्ज़ाथांग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। होल्ज़ाथांग के संपर्क में रहने वाले एक स्थानीय ने द मूकनायक को बताया कि उसे इलाज के लिए धन की अति आवश्यकता है जिससे उसे समय पर उचित इलाज मिल सके।
ज्ञात हो कि पिछले साल अगस्त में हिंसा के दौरान द मूकनायक टीम ने मणिपुर का दौरा कर उसके कई हिस्सों से दर्जन भर से अधिक ग्राउंड रिपोर्ट्स कवर किए थे।
उस समय अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं सहित कई जरूरी दवाओं की किल्लत थी। यह ऐसे समय में था जब राहत शिविरों में कैंसर, लीवर और चिकनपॉक्स से संबंधित गंभीर बीमारियों से ग्रसित महिलाएं और बच्चे अपनी समस्या से जूझ रहे थे।
राहत शिविर के वालन्टियर एस डोंगथिन सांग (S Dongthin Sang) 30, ने द मूकनायक को बताया कि होल्ज़ाथांग एक साल से अधिक समय से रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। वह 4 मई से चंदेल जिले के उतांगपोकपी गांव से आ रहे थे, उनका सारा घर और संपत्ति जला दी गई थी। वह बहुत कठिन परिस्थितियों में राहत शिविर में रह रहे हैं। अगर कोई मदद कर सकता है या करने को तैयार है, तो उसकी बहुत आभार होगा।
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