मध्यप्रदेश: आदिवासियों की मॉब लिंचिंग का क्या है पूरा सच? सिवनी से ग्राउंड रिपोर्ट..

मृतक धनसाय के पड़ोसी, फोटो- अंकित पचौरी, द मूकनायक
मृतक धनसाय के पड़ोसी, फोटो- अंकित पचौरी, द मूकनायक
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मध्य प्रदेश के सिवनी में 3 आदिवासियों को गौ-तस्करी के आरोप में भीड़ ने बुरी तरह पीट-पीटकर पुलिस को सौंप दिया था। जिसमें दो आदिवासियों की दूसरे दिन मौत हो गई थी। मामले में आरोपी की पत्नी ने बताया कि उसका पति बजरंग दल का सक्रिय कार्यकर्ता था। पढ़िए द मूकनायक की ग्राउंड रिपोर्ट…

मध्यप्रदेश। सिवनी जिले में गौमांस की तस्करी की आशंका में दो आदिवासियों की मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई थी, और एक को भीड़ ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। 

क्या था पूरा मामला?

2 मई की देर रात, करीब 15 लोगों ने सिवनी कुरई थाना अंतर्गत सिमरिया में धनसा और संम्पत बट्टी को घेर लिया। दोनों को गौमांस की तस्करी करने के शंका में भीड़ ने लाठी डंडो से बेरहमी से पीटा, साथ ही उसी गांव के ब्रजेश बट्टी को भी रात को घर से निकाल कर पीटा गया। मौके पर पहुँची पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तीनों आदिवासियों को पुलिस के हवाले कर दिया लेकिन, सुबह होते ही संम्पत बट्टी और धनसा की मौत हो गई। 

पीड़ित ब्रजेश बट्टी के घर उनकी पत्नी रीमा, फोटो – अंकित पचौरी, द मूकनायक
पीड़ित ब्रजेश बट्टी के घर उनकी पत्नी रीमा, फोटो – अंकित पचौरी, द मूकनायक

द मूकनायक से बातचीत करते हुए पीड़ित ब्रजेश बट्टी की पत्नी रीमा ने बताया कि, उसकी शादी एक महीने पहले ही ब्रजेश से हुई है।

रीमा ने बताया कि, घटना 2 मई सोमवार देर रात की है। लगभग 1 से 2 बजे के बीच बजरंग दल के लोग उसके घर में घुस आए। जब ब्रजेश ने इसका विरोध किया तो वह लोग उसे घर के अंदर से जमीन पर घसीटते हुए बाहर ले गए।

"मैंने कहा क्यों मार रहे हो, तो उन्होंने कहा कि बीच मत बोलो नही तो तुमको भी नही छोड़ेंगे। मारपीट करने वाले लोग पति पर गाय की हत्या कर उसके मांस की तस्करी करने का आरोप लगा रहे थे। मेरा पति ब्रजेश ऐसा कोई काम नही करता वह सिर्फ खेती और मजदूरी करता है," रीमा ने कहा।

सिवनी सेमरिया गांव में मृतक धनसाय का पड़ोसी, फोटो – अंकित पचौरी, द मूकनायक
सिवनी सेमरिया गांव में मृतक धनसाय का पड़ोसी, फोटो – अंकित पचौरी, द मूकनायक

घटना के बाद आदिवासी समुदाय में डर

द मूकनायक की टीम सिवनी जिले के सेमरिया गांव में पहुंची जहाँ आदिवासियों में एक तरह का डर साफ देखा जा सकता था। मृतक धनसा की बेटी कन्या ने कहा, "पिताजी खेती किसानी करते थे। जब खेती का काम नही रहता तब वे नागपुर जाकर मजदूरी किया करते थे। पिता की गरीबी, आर्थिक तंगी में उन्होंने दोनों भाइयों की और मेरी परवरिस की, उनकी शादी की।"

कन्या ने आगे कहा, "वह गरीब और मजदूर थे लेकिन पिता पर जो गौ-तस्करी का आरोप कुछ लोग लगा रहे हैं वह झूठा है। वह भगवान और देवी-देवताओं में विश्वास व आस्था रखते थे। हम पिता की हत्या का न्याय किसी भी कीमत पर लेकर रहेंगे।"

सिवनी सेमरिया लिंचिंग के पीड़ित परिवारों के घर, फोटो- अंकित पचौरी, द मूकनायक
सिवनी सेमरिया लिंचिंग के पीड़ित परिवारों के घर, फोटो- अंकित पचौरी, द मूकनायक

आदिवासियों को शिकार बनाने वाली भीड़

सिवनी लिंचिंग में पीटने वाले 9 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हालांकि, यह कार्यवाही तब हुई जब गांव आदिवासियों के एक समूह ने मंगलवार जबलपुर-नागपुर नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया था। गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी, जिसके बाद प्रशासन ने 9 लोगों के खिलाफ हत्या की धाराओं सहित एट्रोसिटी का मामला दर्ज किया।

गौमांस तस्करी के शक में भीड़ ने दो आदिवासी युवकों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी / फोटो साभार : @HansrajMeena
गौमांस तस्करी के शक में भीड़ ने दो आदिवासी युवकों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी / फोटो साभार : @HansrajMeena

आदिवासियों की लिंचिंग करने वाले लोग कौन हैं?

इस मामले में लगातार यह बयानबाजी भी चल रही है कि, लिंचिंग करने बाले बजरंगदल के लोग हैं, यह स्पष्ट नही हुआ है। यह बयान सिवनी में हुई प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी के बरिष्ट नेता और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कही।

लेकिन विपक्ष का आरोप था कि, लिंचिंग बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने की है। द मूकनायक ने इस गुत्थी की पड़ताल की। लिंचिंग में शामिल, अभियुक्त दीपक अवधिया की पत्नी बिंदिया अवधिया के बयानों और दावों ने पोल खोल दी। बिंदिया ने कहा कि, उसके पति दीपक बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे, और गौ संरक्षण के लिए वर्षों से काम किया करते थे।

बिंदिया ने सभी के बयानों को नकारते हुए कहा कि, 2 मई की रात को भी दीपक बजरंगदल के अन्य साथियों के साथ सेमरिया गए थे। उसने कहा कि, यह हत्या उनके पति ने नही की है।

बिंदिया के अनुसार घटना की रात गौ-तस्करी के आरोपियों को उनके पति और अन्य साथियों ने पुलिस के हवाले किया था। बिंदिया ने दावा किया कि, उस रात को पुलिस भी उनके साथ थी, और उन्होंने सुरक्षित धनसा, संम्पत और ब्रजेश को पुलिस को सौंपा था, और सुबह दो लोगों की मौत हो गई।

"दोनों आदिवासियों की मौत पुलिस गिरफ्त में हुई है, और इस हत्या की जिम्मेदार पुलिस ही है।" बिंदिया ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा।

हालांकि, दीपक अवधिया इस मामले में जेल में है। इस मामले में द मूकनायक ने पुलिस से बात करनी चाही तो कुरई थाना अंतर्गत बादलपार पुलिस चौकी के प्रभारी ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने इस मामले में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करने के लिए कहा।

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