भोपाल। देशवासियों ने बीते मंगलवार को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया, लेकिन आजादी मिलने के इतने समय बाद भी हम हाशिए के समाज को न्याय सुनिश्चित नहीं कर पाए है। दरअसल, मध्य प्रदेश के खंडवा का एक आदिवासी परिवार इच्छामृत्यु की मांग को लेकर प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुँचा है। यह परिवार घर की महिला के साथ हुई छेड़छाड़ से तंग आकर शिवराज सरकार से इच्छामृत्यु की मांग कर रहा है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो अपने आप को मामा और प्रदेश की महिलाओं का भाई बताते है, उनकी ही सरकार में हर रोज आदिवासी और दलित महिलाओं के साथ घटनाएं सामने आ रही है। पुलिस प्रशासन इन घटनाओं को गंभीर नहीं मान रहा है। हाल ही में खंडवा में आदिवासी महिला के साथ न सिर्फ छेड़छाड़ की गई, बल्कि जानवरों की तरह हैवानों ने महिला के प्राइवेट पार्ट से भी छेड़छाड़ करते हुए रेप की कोशिश की है। वहीं पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर इस घटना की रिपोर्ट सामान्य सी छोटी-मोटी धाराओं में दर्ज की है। खंडवा पुलिस ने आरोपियों के पक्ष से भी शिकायत लेकर पीडि़त आदिवासी महिला के पति पर भी मारपीट की एफआईआर दर्ज कर दी।
पीडि़त परिवार 10 दिन से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए चक्कर लगा रहा है। लेकिन सीएम शिवराज सिंह से मिलने का समय नहीं मिल रहा। पीड़ित महिला का मासूम बेटा पोस्टर लेकर अब अपनी मां के लिए सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहा है। पोस्टर के जरिए पीडि़त आदिवासी परिवार सरकार से न्याय या फिर इच्छामृत्यु की मांग कर रहा है।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर छेड़छाड़ का मामला न दर्ज कर मामूली मारपीट की केस दर्ज किया है। महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने केस दर्ज करने के बदले दो हजार रुपये भी लिए, इसके बाद कोरे कागज पर महिला से हस्ताक्षर करवा लिए हैं। पीडि़त महिला ने बताया कि गांवों के प्रभावशाली लोगों ने उसके साथ बलात्कार की कोशिश की, उसके प्राइवेट पार्ट्स को चोट पहुंचाया, कुत्तों की तरह नोचा लेकिन मामला सिर्फ मारपीट का दर्ज किया।
आदिवासी समाज में घटना के बाद से आक्रोश है। घटना पर आदिवासी विकास परिषद ने चिंता जाहिर करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाएं हैं। परिषद के युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सैयाम ने मूकनायक से बातचीत करते हुए बताया कि एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को सुरक्षा देने का वादा करते है। और प्रदेश के आदिवासी को न्याय नहीं मिल रहा। नरेंद्र सैयाम ने कहा कि यदि आरोपियों पर कार्यवाही नहीं होती है तो आदिवासी विकास परिषद सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।
मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ घट रही घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में आलीराजपुर जिले में एक आदिवासी महिला शिक्षका को लाठी डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। महिला गत शनिवार शाम को स्कूल से अपने घर लौट रही थी। तभी आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एक वकील समेत 6 लोगों पर मामला दर्ज किया है। 4 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। आदिवासी महिला की हत्या के खिलाफ गत रविवार को आदिवासी समाज के आह्वान पर शहर बंद रहा। घटना के बाद से ही आदिवासी समाज में आक्रोश है।
जानकारी के मुताबिक आलीराजपुर के उमराली नाका की रहने वाली बसंती बाई शासकीय विद्यालय लक्ष्मीणी में पदस्थ थीं। वह स्कूल से पढ़ाने के बाद घर लौट रही थी। शाम 5 बजे वह हरसवाट स्थित अपने खेत में पहुंची। यहां आरोपियों से उनका जमीन को लेकर विवाद होने लगा। दरअसल, यह जमीन उन्होंने 2010 में आरोपी पक्ष से खरीदी थी। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने जमीन के दाम बढ़ जाने पर भूमि पर अपना दावा किया। इसी बात को लेकर आरोपियों का आदिवासी महिला शिक्षका से विवाद हुआ था।
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