भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार बनी है, सूबे के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने गृह मंत्रालय भी अपने पास रखा है, पुलिस महकमे में अधिकारियों के बड़े स्तर पर स्थानांतरण के बाद भी लॉ एंड ऑर्डर के हालात नहीं सुधरे हैं। इसके चलते आदिवासियों पर तेजी से हमले बढ़े हैं। पिछले एक सप्ताह में एक के बाद एक लगातार मारपीट की घटनाएं सामने आईं हैं।
ताजा मामला जबलपुर से है। यहां एक आदिवासी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया है। जानकारी के मुताबिक मनबढ़ों ने खेत से ट्रैक्टर निकालने को लेकर आदिवासी परिवार से पहले विवाद किया। वहीं जब खेत से नहीं निकलने को मिला तो खड़ी फसल पर टैक्टर चढ़ा दिया और आदिवासी परिवार पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया और इसके बाद झोपड़ी में आग भी लगा दी।
घटना जबलपुर के कटंगी थाना अंतर्गत ग्राम सकरा की है, पीड़ित आदिवासी किसान विनोद ठाकुर ने शिकायत कर पुलिस से कहा, "वह खेत में पानी देने गया था। घर पर उसकी माँ थी, इसी दौरान गांव का ही सूर्यभान पटेल ट्रैक्टर लेकर आया। खेत में फसल होने के कारण मां ने उसे खेत से ट्रैक्टर ले जाने से मना किया, तभी सूर्यभान ने कहा कि ट्रैक्टर खेत से ही निकलेगा। मना करने पर मां के ऊपर हाथ उठाया और मारपीट की। मां बेहोश हो गई। बीच-बचाव कर रही चाची को भी पीटा। मैं जब खेत से लौटा तब मेरे साथ भी मारपीट की और सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।"
पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी सूर्यभान पटेल, राघवेंद्र पटेल और मलखान पटेल के खिलाफ एट्रोसिटी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल किसान के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। सभी पीड़ितों का इलाज जबलपुर अस्पताल में चल रहा है।
आदिवासी किसान परिवार के करीब 1 एकड़ खेत में फसल खड़ी थी, जिसके ऊपर आरोपियों ने ट्रैक्टर चढ़ा दिया। जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। वहीं जब आरोपियों का मन नहीं भरा। तब खेत में बनी झोपड़ी में भी आग लगा दी। जिससे झोपड़ी में रखा घर गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया। घटना के बाद से ही मनबढ़ आदिवासी परिवार को धमका रहे हैं।
आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज विनोद समेत गांव के कई आदिवासी परिवार पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। एसपी सूर्यकांत शर्मा को दी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपित सूर्यभान व अन्य द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है। लेकिन कटंगी पुलिस उनकी गिरफ्तारी नहीं कर रही। मामले में एसपी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इधर, एडिशनल एसपी का कहना है कि पीड़ित आदिवासी किसान परिवार की शिकायत पर कटंगी थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं। तीनों आरोपी फरार हैं। जिनकी तलाश की जा रही हैं।
मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर हमले का यह पहला मामला नहीं है। पिछले 15 दिनों के भीतर कई घटनाएं सामने आईं हैं। पिछले सप्ताह में मध्य प्रदेश के सतना जिले में जमीनी विवाद के चलते आदिवासी युवक को बेरहमी से पीटा गया था। इसके पहले बैतूल जिले में भी पैसे को लेकर हुए विवाद में एक आदिवासी युवक को नग्न कर उल्टा लटकाकर पीटा गया था। इस घटना के ठीक दो दिन पहले बैतूल में ही एक युवक को बजरंगदल के पदाधिकारी द्वारा पीटा गया था।
आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के मामलों में कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रामू टेकाम ने कहा, "मुख्यमंत्री को प्रशासन सीरियस नहीं ले रहा है। भाजपा के संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। अपराधी आदिवासियों में धौंस जमाने के लिए मारपीट करते हैं, उनका वीडियो बनाकर भी वायरल करते हैं। भाजपा सरकार में कानूनराज नहीं बचा है।"
आदिवासी एक्टविस्ट एडवोकेट सुनील आदिवासी ने कहा, "हम आदिवासियों पर हो रही घटनाएं प्रतिदिन समाचार के माध्यम से देख रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री के पास खुद गृह मंत्रालय है और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।"
इधर, द मूकनायक प्रतिनिधि ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अनुसूचित जनजाति कल्याण) राजेश गुप्ता से बातचीत करने के लिए फोन किया पर उनके ऑफिस से अधिकारी के व्यस्त होने की जानकारी दी गई।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के 2979 मामले सामने आए जो कि पिछले साल के मुकाबले में 13 फीसदी अधिक थे, पिछले कई सालों से प्रदेश आदिवासी अत्याचारों में टॉप पर बना हुआ है। 2,521 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे और 742 मामलों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है।
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