भोपाल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के आदिवासी कन्या छात्रावास में छात्राओं पर चोरी करने का आरोप लगाते हुए जूतों की माला पहनाकर और मुंह में कालिख पोतकर छात्रावास परिसर में घुमाने का मामला सामने आया है। जब परिजनों ने घटना का विरोध किया तो छात्रावास अधीक्षक ने माफी मांगी। हालांकि अब यह पूरा मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा है और जांच के लिए समिति भी बना दी गईं है।
क्या है मामला?
दरअसल, मामला प्रदेश के बैतूल जिले के दामजीपुरा में संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग के कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का है। यहां की छात्रावास अधीक्षक ने छात्राओं पर चार सौ रुपए चोरी करने का आरोप लगाकर पहले उन्हें जूते की माला पहनाकर पूरे छात्रावास परिसर में घुमाया और उसके बाद छात्राओं के बाल खोलकर, पाऊडर, कालिख, लिपिस्टिक गलत तरीके से लगाकर जबरन नाचने के लिए मजबूर कर प्रताडि़त किया। अधीक्षक यहीं नहीं रुकी, उसने छात्राओं के साथ मारपीट भी की है।
सामाज के संगठन ने की शिकायत
छात्रावास में बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना सामने आने पर कोरकू समाज संगठन और छात्राओं के परिजन बैतूल कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलक्टर अमनबीर सिंह बैंस से पूरे मामले की शिकायत की। इसके बाद कलेक्टर ने इस घटना को गंभीर बताते हुए सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कलक्टर ने कहा कि अगर इस तरह की घटना हुई है तो वह संबंधित कर्मचारी को तुरंत निलंबित करेंगे। उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। इधर, कोरकू समाज संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो संगठन आंदोलन करेगा।
आदिवासी कन्या छात्रावास दामजीपुरा (भीमपुर) की अधीक्षिका के विरूद्ध शिकायत पर जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने एवं जांच प्रभावित न हो इसके लिए सुनीता उईके अधीक्षिका व प्राथमिक शिक्षक आदिवासी कन्या छात्रावास दामजीपुरा को अधीक्षिका के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। जिला मुख्यालय अटैच कर दिया गया है।
छात्राओं में डर का माहौल, छात्रा बोली नहीं जाऊंगी हॉस्टल
इस घटना के बाद छात्रावास की बालिकाओं में डर बना हुआ है। कलक्टर ऑफिस शिकायत के लिए पहुंची छात्राओं ने कहा कि अब वह छात्रावास जाना नहीं चाहती है। एक छात्रा ने कहा कि वह अब हॉस्टल नहीं जाएंगी। एक तरफ सरकार आदिवासियों को सुरक्षा देने की बात करती है, मगर आदिवासियों के खिलाफ लगातार प्रदेश में अपराध व प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ रही हैं।
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