जन्मदिन पर भावुक हुए हेमंत सोरेन, जेल में बिताये दिन याद करते हुए ये लिखा...

" जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे".
जेल से रिहा होते वक्त सोरेन के हाथ में लगाई गई मोहर
जेल से रिहा होते वक्त सोरेन के हाथ में लगाई गई मोहर
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रांची- झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को अपना जन्मदिन मना रहे हैं. सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को बिहार (अब झारखंड में) के रामगढ़ जिले के नेमारा में रूपी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के घर हुआ था। 

सीएम सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसके चलते उन्हें अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. करीब 5 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें हाईकोर्ट ने 28 जून को जमानत दे दी थी.

अपने जन्मदिन के मौके पर सोरेन जेल में गुजरे दिनों को याद करके भावुक हो गए. सोरेन ने अपने x हैंडल से मन की बात शेयर की. उन्होंने लिखा - आज अपने जन्मदिन के मौक़े पर बीते एक साल की स्मृति मेरे मन में अंकित है - वह है यह कैदी का निशान - जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया। यह निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है। जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे - यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है।

सोरेन ने आगे लिखा, " इसलिए, आज के दिन मैं और ज़्यादा कृतसंकल्पित हूँ हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करता हूं। मैं हर उस व्यक्ति/समुदाय के लिए आवाज उठाऊंगा जिसे दबाया गया है, जिसे न्याय से वंचित रखा गया है, जिसे उसके रंग, समुदाय, ख़ान पान, पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है। हमें एकजुट होकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जहां कानून सभी के लिए समान हो, जहां सत्ता का दुरुपयोग न हो। हां, यह रास्ता आसान नहीं होगा। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं। क्योंकि हमारे देश की एकता, विविधता में ही हमारी शक्ति है।"

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