भोपाल। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी पर पेशाब करने वाले कथित बीजेपी कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी पर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम सहित एनएसए की कार्रवाई की गई है। वहीं आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण के हिस्से को प्रशासन ने गिरा दिया है। इधर पीड़ित आदिवासी दशमत को सीधी से भोपाल मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर बुलाकर पैर धोकर माफी मांगी और सम्मान किया। लेकिन पीड़ित की पत्नी ने कहा कि उसे नहीं पता कि उसके पति को भोपाल ले जाया गया था। अब सोशल मीडिया पर इस पूरे मामले को सरकार का पॉलिटिकल ड्रामा बताया जा रहा है। द मूकनायक ने सीधी पेशाब कांड में ग्राउंड जीरो से लेकर राजधानी भोपाल तक में हुए हर एक घटना क्रम की पड़ताल की है। पढ़िए हमारी यह ग्राउंड रिपोर्ट..
4 जुलाई मंगलवार को सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के सीधी जिले से करीब 20 किमी दूर कुबरी गाँव का एक शर्मनाक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें नशे की हालत में आदिवासी युवक के मुँह पर प्रवेश शुक्ला पेशाब करता नजर आ रहा था। मामला सामने के आने के बाद सीएम शिवराज का ट्वीट आया जिसमें उन्होंने पुलिस प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सीएम एक्शन के बाद पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सीएम के निर्देशों के मुताबिक आरोपी पर एनएसए की कार्रवाई भी कर दी गई। अगले दिन सुबह होते ही सीधी जिले के कुबरी गाँव में प्रशासनिक अमला आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर पहुँचा और मकान के अवैध हिस्से गिरा दिया गया।
द मूकनायक टीम सीधी जिले के कुबरी गाँव पहुचीं। गाँव की बसाहट दो हिस्सों में है। एक तरफ ब्राह्मण, ठाकुर और यादव समाज के लोगों के घर हैं। वहीं सड़क के दूसरी तरफ आदिवासी समाज की बस्ती है। इसी बस्ती में पीड़ित आदिवासी दशमत रावत का घर है। द मूकनायक ने पीड़ित दशमत की पत्नी आशा से बातचीत की। आशा ने बताया कि उन्हें वायरल हुए वीडियो के बारे में जानकारी कुछ दिन पहले ही लगी थी। जब वीडियो सभी के पास पहुँच गया था। इसके पहले उसके पति ने कभी इस घटना के बारे में नहीं बताया था। दशमत की पत्नी ने कहा कि उनके पति को भोपाल में मुख्यमंत्री के पास लेकर गए हैं। इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री के साथ फोटो, वीडियो मीडिया में आने के बाद उसे पता चला है। पीड़ित दशमत की पत्नी ने कहा, "मेरे पति को कौन भोपाल लेकर गया है मुझे मालूम नहीं है। वह गाँव में ही मजदूरी करने गए थे। जिसके बाद घर नहीं लौटे। बाद में लोगों ने बताया कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ भोपाल में है", पीड़ित दशमत रावत की पत्नी ने द मूकनायक के कैमरे के सामने रोते हुए कहा कि, "मेरे पति जल्दी घर वापस आ जाये।"
पीड़ित दशमत के परिवार की पीड़ा सुनने के बाद हम आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर पहुँचे। उसके घर के अवैध हिस्से को प्रशासन ने बुलडोजर से तोड़ दिया था। घर के चारों तरफ मलवा बिखरा पड़ा था। पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के परिजनों का आरोप है, कि उनके साथ सरकार ने अन्याय किया है। द मूकनायक से बातचीत में आरोपी प्रवेश के पिता रमाकांत शुक्ला ने बताया कि वायरल हुआ वीडियो करीब तीन साल पुराना है, और इसे प्रवेश के साथी ने ही शूट किया था। उन्होंने बताया कुरबी गाँव के ही दीनदयाल साहू, आदर्श शुक्ला, प्रवीण शुक्ला और मृत्युंजय गौतम जो की वीडियो की घटना में शामिल थे। वहीं लोग प्रवेश को ब्लैकमेल कर रहे थे।
आरोपी प्रवेश के पिता रमाकांत शुक्ला ने बताया कि प्रवेश ने 25 जून को अपनी पत्नी कंचन को वीडियो के बारे में बताया था। आरोपी के पिता का कहना है कि प्रवेश काफी दिन से परेशान था। वह बताता था कि कुछ लोग उससे पैसा मांगते हैं, वह घर छोड़कर चला जायेगा। पिता के कहे मुताबिक प्रवेश 29 जून को घर छोड़कर चला गया। काफी तलाश करने पर जब नहीं मिला तब उसके पिता ने 1 जुलाई को बहरी पुलिस थाने में गुमशुदगी की लिखित शिकायत की थी। इसके बाद 4 जुलाई को वीडियो वायरल हो गया। पुलिस पूरे परिवार को थाने ले गई। प्रवेश को इसकी सूचना मिली तो उसने रात को ही सरेंडर कर दिया और पुलिस थाने चला गया।
पेशाब कांड का आरोपी प्रवेश शुक्ला भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता था, और विधायक केदार शुक्ला का नजदीकी था। प्रवेश के पिता रामशंकर शुक्ला ने बताया कि प्रवेश बीजेपी का मंडल उपाध्यक्ष था और सीधी के विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि भी रहा था। वह पार्टी के लिए ही काम कर रहा था। उसके पिता ने कहा, "हम बर्बाद हो गए हैं, लेकिन यह सच है कि वह बीजेपी पार्टी का पदाधिकारी था। उसे राजनीतिक षड्यंत्र में फसाया जा रहा है।"
आरोपी प्रवेश की पत्नी कंचन शुक्ला ने बताया कि उसका पति प्रवेश काफी दिनों से परेशान चल रहा था। कुछ लोग उसे वीडियो को लेकर ब्लेकमेल कर रहे थे। उसके पति से 5-7 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। कंचन ने कहा की उसका पति प्रवेश शुक्ला बीजेपी पार्टी के लिए काम करता था। उसने पार्टी के लिए जी-जान से काम किया फिर भी उसके साथ ऐसा हुआ। कंचन ने बताया कि विधायक केदारनाथ शुक्ला के कार्यक्रमों में उसके पति का आना जाना था।
सीधी के पेशाब कांड के बाद पीड़ित आदिवासी दशमत के घर पुलिस और प्रशासन का पहरा है। दशमत के घर करीब एक दर्जन पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। हालांकि इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि कई राजनीतिक सामाजिक लोग दशमत के परिजनों से मिलने आ रहे हैं। इसीलिए सुरक्षा को देखते हुए पुलिस तैनात की गई है। पुलिस के अलावा भी राजस्व और महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों को दशमत के घर तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी जिले में आदिवासी युवक दशमत को भोपाल में सीएम निवास पर बुलाकर उसके पैर धोए और पानी को माथे पर लगाकर कहा कि उनके साथ घटी घटना पर वे माफी मांगते हैं। दशमत को अपना दोस्त बताते हुए सीएम चौहान ने कहा कि वे आज से उनके सुदामा हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जो घटना घटी, उससे मन बहुत व्यथित है।
पेशाब कांड में पीड़ित दशमत रावत को गुरुवार की सुबह सीएम हाउस पहुंचने पर मुख्यमंत्री चौहान ने पैर धोने के बाद उनका शाल और श्रीफल से सम्मान भी किया। दशमत से पारिवारिक जिंदगी की चर्चा करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि मन द्रवित है। जो घटनाक्रम हुआ है उसके लिए वे खुद माफी मांगते हैं। चौहान ने कहा कि घटना के बाद मेरा मन दुखी है क्योंकि मेरे लिए जनता ही भगवान है। यह आपकी पीड़ा बांटने का प्रयास है। सीएम चौहान ने पूछा कि वे घर चलाने के लिए क्या करते हैं? कौन सी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
इस पर दशमत ने बताया कि मंडी में काम करते हैं। बेटी लाड़ली लक्ष्मी है और पत्नी को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है। बेटी को पढ़ाने की बात उन्होंने कहा । मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दशमत को कोई दिक्कत नहीं होगी। "अब तुम मेरे दोस्त हो। जबसे मैंने सीधी की घटना का वीडियो देखा, अंतर्मन अत्यधिक व्याकुल और हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। मैं तब से ही दशमत से मिलकर उनका दु:ख बांटना चाहता था और यह विश्वास भी दिलाना चाहता था कि उनको न्याय मिलेगा", सीएम शिवराज चौहान ने कहा।
शर्मनाक सीधी पेशाब कांड की देश में चारों तरफ निंदा हो रही है। आरोपी बीजेपी नेता पर हुई कार्रवाई को लोग सही बता रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ, आरोपी के घर हुई बुलडोजर की कार्रवाई पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने नाराजगी जाहिर की है। समाज के लोग सोशल मीडिया के जरिये आरोपी के घर की मरम्मत के लिए उसके पिता को सहयोग राशि दे रहे हैं। बताया जा रहा है अब तक एक लाख से ज्यादा रकम आरोपी के पिता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है। मप्र अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि संगठन के सभी जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि आरोपी प्रवेश के परिजनों की आर्थिक सहायता की जाए। ब्राह्मण संगठन ने आरोपी के पिता रमाकांत शुक्ला को 51000/- रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिए हैं।
सीधी पेशाब कांड मामले विपक्ष अब बीजेपी सरकार को घेर रहा है। विपक्ष के साथ आदिवासी और दलित संगठन भी इसकी निंदा कर रहे हैं, और सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। इस मामले के बाद से ही सरकार बैकफुट पर है। सीएम शिवराज के द्वारा आदिवासी युवक के परिवार को बिना किसी सूचना के 600 किलोमीटर दूर भोपाल सीएम हाउस बुलाने पर भी विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। पूरे देशभर में घटना के बाद आदिवासियों में आक्रोश है।
इस पूरे मामले पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि "मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक के एक करीबी द्वारा आदिवासी के साथ की गई अमानवीय व घृणित हरकत बेहद शर्मनाक है। प्रदेश में भाजपा के 18 साल के शासन में आदिवासियों पर अत्याचार के 30,400 मामले सामने आए हैं। भाजपा राज में आदिवासी हितों पर केवल कोरे दावे और कोरी बातें हैं। आदिवासियों पर अत्याचार रोकने के असल कदम क्यों नहीं उठाती सरकार।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर लिखा कि भाजपा राज में आदिवासी भाई बहनों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में एक भाजपा नेता ने मानवीय कृत्य से सारी इंसानियत शर्मसार कर दी है। यह भाजपा का आदिवासियों और दलितों के प्रति नफरत का घिनौना चेहरा और असली चरित्र बताता है।
इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि "मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले में एक आदिवासी के ऊपर एक भाजपाई द्वारा जो दानवीय घृणित कृत्य किया गया है, वो सदियों से शोषित-दलित समाज पर किये जा रहे उत्पीड़न के इतिहास का एक और शर्मनाक अध्याय है। मप्र में भाजपा के 18 साल के शासन की क्या बस यही उपलब्धि है। भाजपा को अहंकार ले डूबेगा।"
भोपाल कलेक्टर कार्यालय पर सीधी पेशाब कांड मामले में आदिवासी और दलित संगठनों ने मुँह पर टेप लगाकर सरकार के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया। द मूकनायक को सुनील कुमार आदिवासी ने बताया कि सीधी में आदिवासी युवक के मुंह पर बीजेपी के नेता पेशाब कर रहे हैं। यह देशभर के आदिवासियों का अपमान है। जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। सुनील ने बताया मध्य प्रदेश में हर दिन आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आती हैं। बीजेपी अपराधियों को संरक्षण दे रही है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.