मध्य प्रदेश: वन संरक्षण के लिए आदिवासी युवाओं को रोजगार से जोड़ रहा वन विभाग

वन संरक्षण के लिए आदिवासी युवाओं को रोजगार से जोड़ रहा वन विभाग
वन संरक्षण के लिए आदिवासी युवाओं को रोजगार से जोड़ रहा वन विभाग
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वन उपज को एकत्र कर जीवनयापन करने वाले आदिवासी युवकों के लिए विभाग ने शुरू किया कौशल विकास कार्यक्रम।

भोपाल। मध्यप्रदेश वन विभाग ने वन संरक्षित करने के उद्देश्य और जंगल में लकड़ी की अवैध कटाई को रोकने के लिए आदिवासियों को रोजगार से जोड़ने की पहल की है। प्रदेश के विदिशा जिले के लटेरी में जंगल की लकडि़यों को काट कर बेचना यहां के आदिवासी युवकों का मुख्य रोजगार है, लेकिन जंगल में लकड़ी को काटना अपराध भी है। ऐसे में कई बार वन विभाग ने कार्रवाई भी की पर लकड़ियों की कटाई का काम नहीं रुका। इसी को देखते हुए वन विभाग ने एक नया तरीका निकाला है। अब वन विभाग आदिवासी युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण देगा।

जंगल कटाई और वन अमले पर हमले के लिए कुख्यात विदिशा के लटेरी के आदिवासी युवा अब सूत कातकर अपनी आजीविका चलाएंगे। वन विभाग की पहल पर बुदनी की वर्धमान फैब्रिक्स में लटेरी के 45 आदिवासी युवकों को सूत कातने और धागा निर्माण से लेकर उसकी पैकिंग से जुड़े कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीन महीने की ट्रेनिंग के दौरान इन्हें 7.5 हजार रुपए स्टाइपेंड दिया जाएगा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन युवकों को 11 हजार रुपए मासिक वेतन पर नौकरी मिल सकेगी।

वन संरक्षण के लिए वन विभाग का नवाचार

द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल सीसीएफ राजेश खरे ने बताया कि आदिवासी युवाओं को मुख्यधारा के रोजगार से जोड़ने के कार्यक्रम चलाए जा रहे है ताकि आदिवासी सिर्फ जंगलों पर ही आश्रित नहीं रहें। उन्होंने कहा हम युवाओं को कंपनियों में ट्रेंनिग दिलवा कर रोजगार से जोड़ रहे हैं। जिससे उन्हें रोजगार के साथ-साथ जंगल भी सुरक्षित रहे। अवैध लकड़ी की कटाई पर रोक लग पाए।

वन विभाग प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि, लटेरी में बार-बार वनकर्मियों और स्थानीय लोगों के बीच टकराव की वारदातों के स्थाई समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां के आदिवासी युवकों को रोजगार के दूसरे विकल्प मुहैया कराने की रणनीति बनाई गई है। रोजगार के दूसरे और अच्छे विकल्प मिलेंगे तो नई पीढ़ी वन अपराध में शामिल नहीं होगी।

100 आदिवासी युवकों का किया चयन

जानकारी के मुताबिक, लटेरी के 100 युवाओं का चयन बुदनी की वर्धमान फैब्रिक्स में औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए किया गया है। पहले चरण में 45 युवाओं की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। इसके बाद बारी-बारी से बाकी युवाओं को भी मौका दिया जाएगा। भोपाल के सीसीएफ राजेश खरे ने बताया कि, "इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के शुरू होने से बीते 15 दिनों में लकड़ी कटाई पर रोक लगी है। जिन लोगों के विरुद्ध न्यायालय में केस चल रहे हैं, उन्हें भी ट्रेनिंग दे रहे हैं।"

आदिवासियों के पास नहीं है खेती की जमीन

विदिशा लटेरी के आदिवासियों के पास खेती के लिए जमीन नहीं है। इसके साथ गांव के आस-पास की जमीन भी वन विभाग की है। इसके कारण यहां आदिवासी समुदाय के लोग जंगल से लकड़ी की कटाई कर उसे बेच कर अपनी आजीविका चलाते है। लगातार हो रही अवैध कटाई से परेशान वन विभाग ने इन्हें अन्य रोजगार से जोड़ने के लिए कामनी से एमओयू कर आदिवासी युवकों को ट्रेंनिग दिलाई जा रही है।

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