MP के इस आदिवासी मंत्री से वन और पर्यावरण मंत्रालय छीनकर दूसरे मंत्री को दिया, नाराज मंत्री ने कहा इस्तीफा दूंगा!

नागर सिंह चौहान से मुख्यमंत्री ने वन एवं पर्यावरण विभाग छीनकर रामनिवास रावत को दिए जाने पर मंत्री नागर सिंह ने सोमवार सुबह मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही। वे बोले- सांसद पत्नी अनीता नागर सिंह से भी इस्तीफा दिलवाऊंगा।
मंत्री नागर सिंह चौहान
मंत्री नागर सिंह चौहान
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भोपाल। मध्य प्रदेश के आदिवासी केबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान मोहन सरकार से नाराज चल रहे है। उन्होंने हाल ही में मीडिया से कहा कि की वह पद से इस्तीफ़ा दे देंगे। हालांकि उसके पहले वह अपनी बात पार्टी के बरिष्ठ पदाधिकारियों से रखेंगे। मंत्री नागर सिंह चौहान ने हाल ही धार सीट से भाजपा सांसद चुनी गई अनीता नागर के भी इस्तीफे देने की बात कही है।

दरअसल, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए रामनिवास रावत को वन मंत्री बनाए जाने के बाद भाजपा में ही बगावत हो गई है। नागर सिंह चौहान से मुख्यमंत्री ने वन एवं पर्यावरण विभाग छीनकर रामनिवास को दिए जाने पर मंत्री नागर सिंह ने सोमवार सुबह मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही। वे बोले- सांसद पत्नी अनीता नागर सिंह से भी इस्तीफा दिलवाऊंगा। नागर का कहना है, कि वे मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।

सोमवार को नागर सिंह ने मीडिया से कहा कि मुझसे कोई विभाग छीनना था तो सीएम बता सकते थे। लेकिन कांग्रेस से आए हुए नेता को मेरा विभाग दे देना गलत है। यह फैसला अचानक हुआ, इस कारण मैं दुखी हूं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करूंगा। मैं बीते 25 सालों से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा। बता दें कि नागर सिंह के पास अब सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही बचा है। दोनों महत्वपूर्ण विभाग नागर सिंह चौहान से मुख्यमंत्री ने बापस लेकर रामनिवास रावत को दे दिए।

नागरसिंह को वन व पर्यावरण विभाग मिलने के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी को लोकसभा चुनाव का टिकट दे दिया। चौहान तीन महीने प्रचार में जुटे रहे। फिर संगठन ने उन्हें अमरवाड़ा उपचुनाव में लगा दिया। सूत्रों के अनुसार, मांगने पर भी उन्हें ओएसडी नहीं दिया गया। इससे यह साफ है सीएम उनके विभागों के कटौती करना चाहते थे।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा, "मुख्यमंत्री के अधिकारी क्षेत्र की बात है। वह उनका विशेषाधिकार की किस मंत्री को क्या जिम्मेदारी देनी है। अभी सीएम से बात नहीं हुई है। यह तो वहीं बताएंगे कि मुझसे विभाग क्यों लिया गया है। मैं पार्टी फोरम में बात रखूंगा, और कोई नहीं सुनता तो मंत्री पद से इस्तीफा दूंगा।"

विभाग छिनने के बाद नागर सिंह चौहान मीडिया में खुलकर बात रख रहे हैं। मंत्री चौहान के बयान पर कांग्रेस की ओर से पीसीसी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि नागर के मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश भाजपा में नैसर्गिक नेतृत्व को दरकिनार कर दलबदलुओं को तबज्जो देने का जीवंत उदाहरण है। भाजपा को अपने मेहनती कार्यकर्ताओं से ज्यादा प्यारे दलबदलू हैं।

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