मंदसौर। बीते दिनों जिले के कोतावली थाना में ग्राम अलावदाखेड़ी से मारपीट की एक घटना सामने आई थी। घटना में आदिवासी परिवार के पिता-पुत्र को बेरहमीं से पीटा गया, जिसमें पुत्र सुमनभील की राजस्थान के उदयपुर अस्पताल में मौत हो गयी। जबकि पिता पारूलाल की हालत गंभीर थी। लेकिन, जानकारी के मुताबिक 4 जनवरी को पिता (पारूलाल) की भी मौत हो गयी।
घटना का कारण मृतक सुमनभील की पत्नी के साथ की गयी छेड़छाड़ की रंजिश था। मारपीट की यह घटना 30 दिसम्बर 2022 को हुई। इस दिन शुक्रवार था। जब आरोपित दशरथ पुत्र प्रहलाद सिंह राजपूत ने पारुलाल और उनके पुत्र सुमन को जमकर लाठियों से पीट दिया।
मारपीट में हुई शारीरिक क्षति के कारण जब पिता पारुलाल और पुत्र सुमन को उदयपुर अस्पताल ले जाया गया। वहां डाॅक्टर ने सुमन को मृत घोषित कर दिया। वहीं, पारुलाल की स्थिति नाजुक बनी हुई थी। लेकिन अब उनकी भी मौत हो चुकी है।
ऐसे में, घटना के बाद मंदसौर (गांधी चौराहा) में 3 जनवरी को भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी और जायस (जय आदिवासी युवा शक्ति) ने मृतक सुमनभील के शव को रखकर विरोध प्रकट किया। यह विरोध एक जन आक्रोश के रूप में दिखा।
मृतकों के परिजनों में, द मूकनायक ने संजय खराड़ी से बात की। जो, आदिवासी संगठन के जिला अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने बताया कि, "मृतक सुमन भील के पिता पारूलाल के शव का पोस्टमार्टम कर, दाह संस्कार के लिए उनके गृह निवास थांदला पहुंचाया गया।"
अब तक प्रशासन ने इस मामले में क्या कार्यवाई की? इस सवाल पर वह बताते हैं कि, "प्रशासन ने (4 जनवरी) शाम 5 बजे आरोपी दशरथ सिंह का बुलडोजर से मकान ध्वस्त कर दिया। हमारे परिवार के लिए प्रशासन आर्थिक मदद देने को तैयार, कागजी कार्रवाही होते ही मृतक सुमन की पत्नी रेखा को सहायता आर्थिक मिल जायेगी।"
आगे वह बोलते हैं, "ऐसी घटना भविष्य में दोबारा न हो, इसके लिए हम मंदसौर में एक आंदोलन करने वाले हैं, जिसमें प्रदेश और देश के आदिवासी लोग एकत्रित होंगे। आंदोलन में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश चारो राज्यों के आदिवासी लोग और जायस, भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा, द बिरसा बिग्रेड जैसे विभिन्न सामाजिक संगठन सामिल होंगे।"
"इस साल भी दलित, मुस्लिम, आदिवासी पर अत्याचार शुरू हो चुका है। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। मुख्यमंत्री आदिवासियों के लिए बड़े-बड़े भाषण देते है, लेकिन वास्तव में, आदिवासी को धरातल पर मारा जा रहा है। ऐसे में इन घटनाओं को रोकने के लिए भीम आर्मी, जायस जैसे संगठन प्रशासन को ज्ञापन दे रहे हैं। धरना, आंदोलन कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
द मूकनायक ने मंदसौर के सामाजिक कार्यकर्ता राजू से घटना के विषय में बात की। राजू ने कहा, "ऐसी घटनाएं (मारपीट में जान जाने की) पहले भी हो चुकी है। इन पर रोक लगनी चाहिए। मृतकों की पारिवारिक जिम्मेदारियां सरकार उठाये। ऐसी घटनाओं को लेकर एक जन आंदोलन होना चाहिए। यहां दहशत का माहौल बना हुआ। गरीब लोगों को जिस तरह मारा जा रहा है। उससे लोग डरे हुए हैं। प्रशासन की तरफ से, ऐसे उग्र लोगों पर दबाव बनाया जाये। ताकि ये घटनाएं रोकी जा सकें।"
वहीं, आजाद समाज पार्टी के जिला (मंदसौर) अध्यक्ष प्रेम सिंह सूर्यवंशी से, दोनों पिता, पुत्र की मौत के मामले में द मूकनायक ने बात की, "दोनों (पिता और पुत्र) की मौत लाठी से लगातार सिर पर बार करने से आई गंभीर चोटों से हुई। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को फास्ट-ट्रैक रखने को कहा, ताकि अपराधी को फांसी हो।"
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