मध्य प्रदेश: आदिवासी बुजुर्ग महिला को 13 साल से नहीं मिला जमीन पर कब्जा!

सीहोर जिले के बुधनी तहसील के अंतर्गत आने वाले होड़ा गांव की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी जमीन को प्रभावशाली के कब्जे से मुक्त कराने के लिए भटक रही है।
आदिवासी महिला
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भोपाल। मध्य प्रदेश में जहाँ एक ओर आदिवासियों के खिलाफ सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं दर्ज होती हैं। वहीं दूसरी तरफ आदिवासियों की जमीनों पर प्रभावशाली लोगों के कब्जे हैं। सीधे-साधे आदिवासी प्रशासन में बैठे अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। ताजा मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र बुधनी का है जहां एक आदिवासियों महिला को 15 साल बीत जाने के बाद उसकी खुद की जमीन पर कब्जा नहीं मिला है।

दरअसल, सीहोर जिले के बुधनी तहसील के अंतर्गत आने वाले होड़ा गांव की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी जमीन को प्रभावशाली के कब्जे से मुक्त कराने के लिए भटक रही है। आदिवासी सुमन बाई अपने परिवार के साथ होडा गाँव में रहती हैं। भूमिहीन होने के कारण सरकार ने वर्ष 2010-11 में उन्हें कृषि भूमि के लिए 1.272 हैक्टेयर जमीन का पट्टा उनके गांव होड़ा में ही दिया था।

उस कृषि भूमि का पट्टा क्रमांक 937923 है। खसरा नंबर 44ध्6 है। मगर अफसोस की बात यह है कि 70 वर्षीय सुमन बाई का परिवार और वह खुद आज तक उस जमीन पर कभी फसल नहीं उगा पाईं, कभी उस जमीन का फायदा नहीं ले पाई। सुमन बाई को सरकार से जब पट्टा मिला तो वह बेहद खुश थीं कि अब उनके परिवार का खेती करके गुजारा आराम से हो पायेगा। लेकिन पट्टा मिलने के बाद ही जमीन पर कब्जा हो चुका था।

पट्टा मिलने के बाद से वह जमीन सुमन बाई के पास नहीं है बल्कि किसी और के कब्जे में है, और आज तक वह कब्जाधारी ही उस जमीन का उपयोग कर रहा है। महिला ने अधिकारियों के पास जाकर कई बार गुहार लगाई, लिखित प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया। महिला दो बार सीमांकन के लिए तहसीलदार के पास आवेदन कर चुकी हैं। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन के माध्यम से भी शिकायत की गई, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला न कोई कार्यवाही हुई। महिला कई पर पटवारी और तहसीलदार के पास अपनी समस्या को लेकर गई लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ।

इस संबंध में द मूकनायक ने बुधनी के एसडीएम राधेश्याम बघेल से बातचीत की। एसडीएम ने बताया कि पूर्व में शिकायत मिली थी कि एक आदिवासी महिला को पट्टे की जमीन पर कब्जा नहीं मिल रहा है। इस संबंध में हमने राजस्व विभाग की टीम को भेज कर महिला की जमीन को चिन्हित किया था। महिला की शिकायत का निराकरण कर दिया गया था। इस मामले में हमने सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह को भी फोन किया पर उनसे बात नहीं हो सकी।

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