नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर में IAS की तैयारी करने वाले दीपक कुमार मीणा (21) की फंदे से लटकते हुए लाश मिली है जिसके बाद सोशल मीडिया पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं में कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आक्रोश फैल गया। आरोप है कि दीपक 11 सितंबर से गायब था उसके बाद उसका जल हुआ शव झाड़ियों में मिला, जिसे देखकर हत्या की आशंका जताई जा रही है।
इसी साल दीपक ने प्री क्लियर किया था। इसके बाद मेंस की तैयारी के लिए जयपुर से दिल्ली चला गया था। हालांकि, पुलिस मामले में हत्या व आत्महत्या के एंगल से जांच कर रही है।
मृतक दीपक मीणा दौसा जिले के महवा के बड़ीन कमालपुर गांव का रहने वाला था. दीपक के पिता चांदू लाल मीणा ने बताया कि 9 जुलाई को पहली बार दिल्ली मुखर्जी नगर में UPSC मेंस की तैयारी के लिए कोचिंग में एडमिशन लिया था.
पिता चंदूलाल मीणा का कहना है कि 1 सितंबर को खुद बेटे से मिलने दिल्ली गए थे. रोज रात साढ़े 8 बजे से 9 बजे के बीच मोबाइल पर बात होती थी. 10 सितंबर को आखिरी बार बात हुई थी, फिर मोबाइल फोन पिक नहीं हुआ. लगातार मोबाइल पर घंटी जा रही थी, फोन नहीं उठा तो दिल्ली जाकर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी.
मृतक छात्र दीपक मीणा के पिता चंदूलाल मीणा ने एक मीडिया समूह से से बात चीत में बताया कि, दीपक मीणा पांच भाई बहनों में सबसे छोटा था. दीपका मीणा का बड़ा भाई दौलत मीणा रेलवे में पिछले साल ही कोलकाता रेलवे में नौकरी ज्वाइन किया है.
पिता का कहना था कि दीपक मीणा को पिता ने RAS की परीक्षा देने के लिए बोला था. दीपक ने जयपुर में ऑनलाइन पढ़ाई करके पहले प्रयास में ही प्री क्वालीफाई कर लिया था.
दीपक मीणा की लाश 20 सितंबर को दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के जंगल में लटकी हुई मिली थी. शव कंकाल बन चुका था। वहीं पानी की बोतल, चप्पलें और पेड़ की टहनी से टंगा बैग मिला। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजन को सौंप दिया। पुलिस को मामले से जुड़ा कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, आस पास के सीसीटीवी फुटेज में दीपक अकेला जंगल की तरफ जाता दिखाई दिया।
मुखर्जी नगर (दिल्ली) थाने के इंस्पेक्टर विकास कुमार ने बताया कि, पहली नजर में मामला सुसाइड का लग रहा है। हालांकि हर एंगल पर जांच की जा रही है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।
पिता चंदूलाल मीणा किसान हैं। परिवार में पिता, मां, दो बड़े भाई राकेश, दौलत और दो बहनें हैं। सोमवार को बडीन गांव में गमगीन पिता ने बताया- दिल्ली में रोजाना 20 किलोमीटर पैदल चल कर उसे ढूंढ रहे थे। पुलिस के सहयोग से सीसीटीवी फुटेज चेक कर रहे थे। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पतालों में उसे खोजा।
युवक की मौत के कारणों का खुलासा करने की मांग सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रही है। हैशटैग जस्टिस फॉर दीपक मीणा कैंपेन चलाकर पुलिस से मांग की जा रही है कि मौत के कारणों का खुलासा करे, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
सोशल मीडिया X पर एक यूजर ने लिखा है, "दिल्ली के मुखर्जी नगर में IAS MAINS की तैयारी कर रहे गांव बडीन (कमालपुर) निवासी दीपक कुमार मीणा का शव 10 दिनों बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। राजस्थान सरकार की तरफ से भी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। दीपक के परिवार को न्याय दिलवाना चाहिए। एक छात्र की इस तरह मौत होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पूरे देश के युवाओं में रोष है। अतिशीघ्र दिल्ली सरकार व प्रशासन इसको लेकर सख्त कार्रवाई करे।"
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि, "मेन सिटी से कोई गायब हो जाता है, पुलिस ढूंढ नहीं पाती है और फिर सीधा लाश मिलती है। कोचिंग संस्थान वालों ने फैमिली से अभी तक बातचीत नहीं की। कल को ये लड़का आइएएस बनता तो इसी का फ़ोटो लगाकर लहरिया लुट लेते। लाखों कमा लेते।"
ट्राइबल आर्मी के संस्थापक व सोशल एक्टिविस्ट हंसराज मीणा ने सोशल मीडिया पर दीपक मीणा के लिए न्याय की मांग करते हुए लिखा कि, "दीपक कुमार मीणा जो भविष्य का आईएएस था, उसका मुखर्जी नगर में मर्डर कर दिया लेकिन इस दर्दनाक घटना पर ना कोई बहस, ना हल्ला बोल, ना दंगल। शर्मनाक।"
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