"आदिवासियों के घर जलाने को कहने वाले उस भाजपा नेता को गिरफ्तार नहीं किया तो.."—BAP सांसद राजकुमार रोत ने क्यों दिया अल्टीमेटम?

उदयपुर में आईजी को दिया ज्ञापन, वायरल ऑडियो में उदयपुर सांसद की आवाज होने को लेकर जताया अंदेशा.
"आदिवासियों के घर जलाने को कहने वाले उस भाजपा नेता को गिरफ्तार नहीं किया तो.."—BAP सांसद राजकुमार रोत ने क्यों दिया अल्टीमेटम?
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उदयपुर- भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने मंगलवार को उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर समर्थकों के साथ सांकेतिक धरना दिया. रोत ने आईजी अजयपाल लांबा को ज्ञापन दिया जिसमें उन्होने पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ऑडियो में एक भाजपा नेता द्वारा बाप पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं को लठ से मारने और उनके घर जलाने को लेकर कहे गए संवाद पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया. सांसद रोत ने पुलिस अधिकारी से इस पर मुकदमा दर्ज कर ऑडियो की जांच करवाने की मांग की है. रोत ने कहा अगर पुलिस ने मामले में दस दिन में कारवाई नहीं की तो उदयपुर और बासवाड़ा संभागों में आदिवासी सडकों पर उतरेंगे.

मीडिया से मुखातिब होते हुए सांसद राजकुमार रोत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया और पार्टी के आदिवासी नेताओ खासकर जनजाति विकास मंत्री बाबू लाल खराडी पर समाज से जुड़े मुद्दों को अनदेखा करके केवल धर्मं के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

' अगर सांसद की है आवाज तो वो आतंकवादी से भी ज्यादा घातक'

राजकुमार रोत ने बताया कि बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमे कि भाजपा का एक बड़ा नेता भाजपा कार्यकर्ता को यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि बाप से जुड़े आदिवासियों को लठ से ठोको और उनके घर जला दो. रोत ने कहाकि इस ऑडियो के वायरल होने के बाद हमने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री, पुलिस के आला अधिकारियों को टैग करते हुए पूछा --- कौन है ये आतंकवादी जो आदिवासी घरों में आग लगाने का भडकाऊ भाषण दे रहा है लेकिन 15 दिन बाद भी हमे कोई रेस्पोंस नहीं मिला. उसी का नतीजा है कि धरियावाद विधानसभा क्षेत्र में लसाडिया में हमारे विधायक और कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया. रोत ने आगे कहा कि यदि वक्त रहते कारवाई की जाती तो इस प्रकार की घटना नहीं होती. रोत ने कहा, " सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल होने के बाद अधिकतर लोगों का कहना है कि ये आवाज उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की है. अगर ये आवाज रावत की है तो एक सांसद होते हुए इस प्रकार की घटिया सोच रखने वाला व्यक्ति आतंकवादी से भी ज्यादा घातक है".

बाप सांसद ने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर आईजी से मुलाकात की है और मुकदमा दर्ज कर जांच की मांग की गई है क्योंकि जो व्यक्ति समाज का सर्टिफिकेट लगाकर सांसद बना है और फिर आदिवासियों के ही घर उजाड़ने और घर जलाने की बात करता है तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता. रोत ने कहा कि प्रशासन को 10 दिन का समय दिया गया है , अगर इस मुद्दे पर तब तक कारवाई नहीं होती तो उदयपुर और बांसवाडा संभाग के आदिवासी सडकों पर उतरेंगे.

इस मामले में 'द मूकनायक' ने उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत का पक्ष जानने के लिए उन्हें मैसेज किया जिसपर सांसद का पक्ष प्राप्त होने पर खबर को अपडेट किया जाएगा.

'विकास से बात शुरू की लेकिन धर्म पर अटकी भाजपा'

बाप सांसद ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछले एक महीने से भाजपा नेता जिस तरह अलग अलग कार्यक्रम करके, डीलिस्टिंग और धर्म को लेकर, हमारे खिलाफ अनर्गल बातें कर रहे हैं , सच्चाई ये है कि इनके पास कोई सहारा नहीं है. रोत ने कहा, " वो विकास की बात लेकर आये थे लेकिन वर्तमान में धर्म की बात पर अटक गए हैं. आदिवासी इलाकों में बेरोजगारी बढ़ रही है लेकिन रोजगार की बात नहीं कर रही है डबल इंजन की सरकार. यहाँ स्कूलों की हालत खराब है , टीचर नहीं है, स्कूलों में कमरे नहीं है लेकिन भाजपा नेता धर्म के अलावा कोई मुद्दों पर बात नहीं करते हैं" सांसद ने आगे कहा कि जनजाति कल्याण मंत्री बाबू लाल खराड़ी के अपने विभाग में क्या हो रहा है, उन्हें खबर नहीं है क्योंकि उन्हें धर्म और अपनी राजनीतिक पार्टी का चश्मा लगा हुआ है. आदिवासी बच्चों के होस्टल अव्यवस्था के शिकार होकर भ्रष्टाचार के अड्डे बन रहे हैं. उनके खुद के विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल चल रहा है जहाँ पहली से लेकर बारहवी कक्षाएं चल रही हैं. रोत ने आगे कहा जब से खराड़ी मंत्री बने हैं होस्टलों की व्यवस्था बिलकुल बदहाल है, ठेके पर चला रहे हैं. रोत ने आगे कहा कि जिस तरह भाजपा आदिवासी क्षेत्र में धर्म की राजनीति कर लोगों में धर्म का नशा लगाना चाहते हैं, ऐसा नहीं होगा क्यूंकि अब युवा जागरूक हो चुका है. अब समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ संविधान के प्रावधानों को धरातल पर लागू चाहिए. राजस्थान में आसन्न उपचुनावों में गठबंधन के सवाल पर रोत बोले कि जैसा पार्टी तय करेगी वही होगा लेकिन ज्यादा चांस भारत आदिवासी पार्टी का अपने बूते पर चुनाव लड़ने का है.

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