यूपी: ट्रांसजेंडरों के मुद्ददे पर द मूकनायक की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद संबंधित मंत्री ने ठोस कदम उठाने की तैयारी की

प्राइड मंथ पर द मूकनायक ने ट्रांसजेंडर के मुद्दों को लेकर उठाये थे सवाल.
कानपुर में प्राइड परेड के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग
कानपुर में प्राइड परेड के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग तस्वीर- द मूकनायक
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उत्तर प्रदेश। विश्व भर में ट्रांसजेंडर को लेकर विशेष आयोजन किये जा रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों को अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। द मूकनायक ने उनके मुद्दों को लेकर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों से बातचीत की। उन्होंने सरकारी सुविधाओं को लेकर होने वाली परेशानी को लेकर महत्त्वपूर्ण चीजे साझा की।

किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य प्रियंका रघुवंशी ने द मूकनायक से बातचीत करते हुए ट्रांसजेंडर से जुड़े मुद्दे को प्राथमिकता से बताया। प्रियंका रघुवंशी कहती हैं, "किन्नरों से संबंधित समस्याओं में सबसे महत्त्वपूर्ण हैं उसने सम्बन्धित दस्तावेज. यदि आंकलन किया जाए तो सौ किन्नरों में से पंचान्नवे के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी सहित अन्य दस्तावेज नहीं होते हैं। इसके कारण उनके बैंक अकाउंट खुलने तक में समस्या होती है।"

लखनऊ में प्राइड परेड के दौरान प्रियंका सिंह रघुवंशी
लखनऊ में प्राइड परेड के दौरान प्रियंका सिंह रघुवंशी तस्वीर- द मूकनायक

सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है

प्रियंका रघुवंशी बताती हैं, "दस्तावेजों के कारण किन्नरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। अधिकतर किन्नरों के पास अपने स्थाई आवास नहीं होते हैं। इसके कारण जब वह घर का परित्याग करते हैं तो उन्हें किराये के मकान या किसी झोपड़पट्टी में रहकर अपना जीवन बिताना पड़ता है। इस तरह से जीवन जीने में समस्या का सामना करना पड़ता है। आज तक शायद ही किसी किन्नर को पीएम या सीएम आवास का लाभ मिला हो।"

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थानों में नहीं होती है सुनवाई

प्रियंका बताती हैं कि, राजधानी की बात करें तो लखनऊ में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस विभाग द्वारा सबसे पहला ट्रांसजेंडर हेल्प डेस्क कैसरबाग कोतवाली में बनाया गया था। लेकिन उस डेस्क पर पुलिस ज्यादातर समय गायब रहती है। इसके साथ ही अन्य थाना क्षेत्र में यह सुविधा नहीं है। किन्नरों में सीमा विवाद को लेकर अक्सर झड़प होती है, इसके कारण पुलिस की सहायता भी नहीं मिल पाती है।

किन्नर बनकर लोग करते हैं लूटपाट

प्रियंका रघुवंशी कहती हैं, कई जगहों पर बस रेलवे स्टेशन चौराहा पर अनर्गल तरीके से काम करने वाले लोगों तथा कथित किन्नर के ऊपर भी कार्रवाई की जानी चाहिए, कई लोग किन्नर बनकर समाज से अवैध वसूली करते हैं। इसके कारण समाज में किन्नरों को लेकर हीन भावना आती है। कुछ सेक्स वर्कर किन्नर रेलवे स्टेशनों के आसपास, बस स्टॉप के आसपास वेश्यावृत्ति करते हैं. साथ ही वहां पर आने वाले यात्रियों के साथ बदतमीजी, लूट-पाट का घटनाक्रम भी करते हैं। पुलिस कंप्लेंट करने पर यात्रियों की सुनवाई नहीं की जाती है। इन चीजों पर भी ध्यान दिया जाए।

प्रियंका आगे कहती हैं, "कुछ किन्नर वैश्यावृत्ति की आड़ में सोने की चेन, लैपटॉप एवं बहुमूल्य चीजे यात्रियों से छीन लेते हैं. किन्नर का आरोप है कि लूट करने वाले कथित किन्नरों का गैंग थाने और चौकी को दस हजार रूपये महीने देता है जिसके कारण पीड़ित यात्री की सुनवाई नहीं होती है. पुलिस उन्हें उल्टा धमकाती है, डर के कारण कोई भी यात्री किसी भी कार्रवाई से बचता है, और समान को भूल जाता है. ऐसा चारबाग चौकी पर अक्सर होता है, महीने भर में सैकड़ों मामले सामने आते है।"

उक्त मामलों की रिपोर्ट समाने आने के बाद समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने मामले को संज्ञान लिया है। वह इस बारे में ठोस कदम उठाने की पहल कर रहे हैं।

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