MP के मुस्लिम युवक-हिंदू युवती की शादी को लेकर तेलंगाना के विधायक ने कह दी ये बात! जानिए क्या है विवाद

विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत अंतरधार्मिक विवाह कानूनी रूप से मान्य है। इसी के तहत युवक-युवती ने आवेदन किया है।
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भोपाल। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की कोर्ट मैरिज को लेकर विवाद और तनाव बढ़ता जा रहा है। युवती के परिजनों और हिंदूवादी संगठनों द्वारा इस शादी का विरोध हो रहा है, जिससे यह मामला अब न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले में तेलंगाना के एक विधायक ने वीडियो जारी किया है, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया है।

क्या पूरा मामला?

दरअसल, मुस्लिम युवक हसनैन अंसारी (29) जबलपुर के सिहोरा का निवासी है, जबकि हिंदू युवती अंकिता (27) इंदौर की रहने वाली है। दोनों इंदौर की एक टेलीकॉम कंपनी में काम करते हैं, जहां उनकी मुलाकात हुई और बाद में उन्होंने शादी करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने जबलपुर के कलेक्टर कार्यालय में कोर्ट मैरिज का आवेदन जमा कराया। शादी के लिए 12 नवंबर की तारीख निर्धारित की गई है। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय ने दोनों के स्थायी पतों पर नोटिस भेजे।

परिजनों ने पुलिस में की शिकायत

15 अक्टूबर से युवती के लापता होने की शिकायत उसके परिजनों द्वारा की गई है। इंदौर पुलिस ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए जबलपुर पुलिस से संपर्क साधा है। हालांकि, सिहोरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, विपिन बिहारी सिंह ने बताया कि उन्हें अब तक इस मामले में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इंदौर से आई पुलिस की टीम ने जबलपुर में आकर जांच की, लेकिन इस घटना से जुड़ी कोई ठोस जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

हिंदूवादी संगठनों का विरोध

शुरुआत में इस विवाह को लेकर स्थानीय हिंदूवादी संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था, लेकिन अब यह मामला तेलंगाना तक पहुंच गया है। तेलंगाना के विधायक टी. राजा सिंह ने इस मामले को लेकर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने खुलकर इस शादी का विरोध किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि यदि जबलपुर के हिंदूवादी संगठन इस शादी को नहीं रोकते हैं, तो युवती के "फ्रिज में टुकड़े" मिलेंगे, जो स्पष्ट रूप से एक हिंसक धमकी के रूप में देखा जा रहा है। टी. राजा का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे इस मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।

जबलपुर पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है, और शादी के दिन किसी भी प्रकार के कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे है। पुलिस प्रशासन दोनों पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही सतर्क है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है। इस बीच, पुलिस ने इस मामले में संलिप्त सभी पक्षों को बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है, ताकि यह विवाद और न बढ़े।

क्या है कानून?

इस घटना ने अंतरधार्मिक विवाह के मुद्दे पर फिर से बहस छेड़ दी है। एक ओर जहां इसे दो लोगों का व्यक्तिगत निर्णय बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हिंदूवादी संगठन इसे 'लव जिहाद' का मामला बता रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में, संवैधानिक और कानूनी अधिकारों की बात करना भी जरूरी है। भारतीय संविधान की धारा 21 हर व्यक्ति को जीवन जीने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करती है, जिसमें अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार भी शामिल है। इसके अलावा, विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत अंतरधार्मिक विवाह कानूनी रूप से मान्य है। ऐसे में दोनों पक्षों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और समाज को कानून का सम्मान करना चाहिए।

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