देवराज मर्डर केस: आरोपी की माँ बोली — मेरे बेटे ने चाकू नहीं...

आरोपी की मां ने बताया कि उसका पुत्र एवं देवराज अच्छे मित्र थे और दोनों का एक दूसरे के घर पर आना-जाना था लेकिन यह घटना कैसे हो गई, दुख और आश्चर्य की बात है ।
आरोपी की मां ने कहा कि वह किराए के मकान में रहती थी और मकान के टूट जाने से उसके रहने का कोई आसरा भी नहीं बचा है और वह अभी अपने विवाहित बेटी के मकान में अपनी एक अन्य विकलांग बेटी के साथ रह रही है।
आरोपी की मां ने कहा कि वह किराए के मकान में रहती थी और मकान के टूट जाने से उसके रहने का कोई आसरा भी नहीं बचा है और वह अभी अपने विवाहित बेटी के मकान में अपनी एक अन्य विकलांग बेटी के साथ रह रही है।
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उदयपुर - पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज (पीयुसीएल) राजस्थान और माकपा जिला कमेटी उदयपुर की सयुक्त टीम ने मृतक देवराज व बुलडोजर न्याय से पीड़ित परिवार की महिलाओं व उदयपुर शहर के अन्य नागरिकों से मिलकर तथ्यात्यक जानकारी ली। 

प्रतिनिधिमंडल ने मृतक देवराज के घर जाकर ,उसके माता-पिता को ढाढस बनाया और कहा कि समाज में भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो, उसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा । प्रतिनिधिमंडल ने देवराज के माता-पिता को विश्वास दिलाया कि जो भी कानूनी एवं अन्य मदद हो सकेगी, वह उन्हें उपलब्ध कराएंगे । 

प्रतिनिधि मंडल ने घटना के बाद उदयपुर शहर में हुई तोड़फोड़ एवं आगजनि की जगह का भी दौरा किया । 

प्रतिनिधिमंडल ने पाया कि इस घटना को अगर स्कूल प्रशासन गंभीरता और संवेदनशीलता दिखाता तो रोका जा सकता था । घटना के लिए स्कूल प्रशासन सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा विभाग द्वारा घटना की जांच के लिए बनाई जांच कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रिंसिपल स्तर के अधिकारी को ही जांच अधिकारी नियुक्त करने पर भला न्याय हो सकता है ? जांच के लिए किसी अन्य उच्च पदाधिकारी को लगाया जाकर निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित करना चाहिए । 

दौरे के दौरान आरोपी छात्र की मां से मिलकर, उनका पक्ष भी जाना। आरोपी छात्र की मां ने कहां कि मेरे बेटे ने अपराध किया है तो कानून उसे सजा दे। एक मां का दर्द एक मां ही जान सकती है, जिसने अपने बेटा खोया है। यह बात PUCL और माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल को स्कूली छात्र देवराज की हत्या पर आरोपी की मां बोली।

प्रतिनिधि मंडल को आरोपी की मां ने बताया कि मेरे पति बेटे के साथ कपासन उर्स मेले में नहीं गए थे, मेरा बेटा, मेरी बेटी के साथ कपासन मेले में गया था और उसने वहां से कोई चाकू नहीं खरीदा । आरोपी की मां इस बात को लेकर दुखी थी कि उसके पति का कोई कसूर नहीं है लेकिन उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया ।

मामले में स्कूल प्रशासन सबसे ज्यादा जिम्मेदार, स्कूल प्रशासन गंभीरता और संवेदनशीलता दिखाता तो इस घटना को रोका जा सकता था।
PUCL
मृतक देवराज के माता पिता  से बातचीत करती हुई टीम
मृतक देवराज के माता पिता से बातचीत करती हुई टीम

कोई मकान भी किराया नहीं दे रहा

आरोपी की मां ने कहा कि वह किराए के मकान में रहती थी और मकान के टूट जाने से उसके रहने का कोई आसरा भी नहीं बचा है और वह अभी अपने विवाहित बेटी के मकान में अपनी एक अन्य विकलांग बेटी के साथ रह रही है। उन्होंने बताया कि डर के कारण उसे अभी रहने के लिए कोई मकान भी किराया नहीं दे रहा है। आरोपी की मां ने बताया कि उसका पुत्र एवं देवराज अच्छे मित्र थे और दोनों का एक दूसरे के घर पर आना-जाना था लेकिन यह घटना कैसे हो गई, दुख और आश्चर्य की बात है । 

इस दौरान ध्वस्त किए गए मकान के मालिक राशिद खान ने बताया कि उसने वर्ष 2019 में यह मकान खरीदा था और उसने वह मकान किराए दे रखा था, लेकिन बिना कारण मकान तोड़ दिए जाने से उसके जीवन भर की कमाई लूट गई है। 

प्रतिनिधिमंडल में पीयूसीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव, राज्य सचिव भंवर मेघवंशी, जिला अध्यक्ष अरुण व्यास ,जिला सचिव याकूब मोहम्मद, माकपा के जिला सचिव राजेश सिंघवी, शहर सचिव हीरालाल सालवी, सामाजिक कार्यकर्ता मधुलिका, नवीन नारायण और सरफराज शेख शामिल थे।

देवराज के परिजनों की मांग है दोषियों को जल्दी से जल्दी सजा हो
देवराज के परिजनों की मांग है दोषियों को जल्दी से जल्दी सजा हो

स्कूली छात्रों के विवाद ने ले लिया विकराल रूप

उदयपुर के भट्टियानी चैहट्टन स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में गत 16 अगस्त को दसवीं क्लास के आरोपी छात्र और देवराज के बीच होमवर्क की कॉपी नहीं देने को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद इंटरवेल में आरोपी ने देवराज को स्कूल के बाहर गेट पर बुलाकर उसकी जांघ पर चाकू से हमला कर दिया। खून से लथपथ देवराज को अस्पताल ले जाने में स्कूल स्टाफ ने तत्परता नहीं बरती, देवराज को उसके दो सहपाठी स्कूटी पर बिठाकर हॉस्पिटल ले गए जहां उसकी हालत क्रिटिकल होने पर ICU में रखा गया. देवराज चार दिन तक होस्पीटल में जिन्दगी और मौत के बीच झूलता रहा. इस बीच स्कूली स्टूडेंट्स के इस झगड़े ने सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया. हिंदूवादी संगठनों ने धरना प्रदर्शन किये, कई जगहों पर आगजनी, पथराव हुए. वाहनों को फूंक दिया गया.

तनाव रोकने और लॉ एंड आर्डर को बनाये रखने के लिए प्रशासन ने 16 अगस्त से 21 अगस्त तक शहर और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा प्रतिबंधित रखी. 20 अगस्त को एमबी हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा देवराज को मृत घोषित किया गया. परिवार ने देवराज की बॉडी लेने से इंकार करते हुए आरोपी को फ़ासी देने की मांग की. समाजजनों ने प्रदर्शन किया और कई मांगे रखी जिसमे 2 करोड़ रूपये मुआवजा, परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी, परिवार को सुरक्षा और fast ट्रैक कोर्ट में मामले की ट्रायल शामिल था. प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद 51 लाख रूपये क्षतिपूर्ति और अन्य मांगों पर सहमती बनी. अगले दिन 21अगस्त को सुबह कड़ी सुरक्षा और जाब्ते के बीच देवराज का अंतिम सस्कार संपन्न हुआ.

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