MP बुधनी उपचुनाव: भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण उत्तराधिकारी का चयन, कौन होगा टिकट का दावेदार?

विजयपुर विधानसभा सीट से मंत्री रामनिवास रावत का नाम तय होना भाजपा के लिए एक सुरक्षित दांव माना जा रहा है!
बुधनी से कौन?
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में बुधनी विधानसभा सीट का विशेष महत्व है। यह क्षेत्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट रही है। लोकसभा में सांसद चुने जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान चुनाव ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। फिलहाल सीट खाली है, जिसपर उप चुनाव होने हैं।

इस सीट पर उत्तराधिकारी के चयन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। भाजपा के प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में इसी मसले पर महत्वपूर्ण निर्णय हुआ, जिसमें बुधनी से भाजपा प्रत्याशी का नाम तय करने का अधिकार केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया गया है।

शिवराज सिंह चौहान का उत्तराधिकारी कौन?

बुधनी से शिवराज सिंह चौहान ने लगातार कई बार विधानसभा चुनाव जीता और यह क्षेत्र उनकी राजनीतिक ताकत का मुख्य आधार रहा है। इस बार के उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, क्योंकि वह सांसद बन चुके हैं। ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर नए चेहरे का चयन करना एक बड़ी चुनौती है।

पार्टी के पास इस बार कई विकल्प हैं, जिनमें शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम भी प्रमुख रूप से उभर कर सामने आया है। उनके अलावा विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह का नाम भी पैनल में शामिल किया गया है।

कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम सबसे अधिक चर्चा में है क्योंकि वे शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखे जा रहे हैं। कार्तिकेय के राजनीति में प्रवेश की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं, और यह उपचुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है। लेकिन, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस फैसले को लेकर बेहद सतर्क है और किसी भी प्रकार की जल्दबाजी से बचना चाहती है।

विजयपुर सीट पर भाजपा का एकल नाम

विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा ने अपने प्रत्याशी के रूप में रामनिवास रावत का नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा है। रामनिवास रावत, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, विजयपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। उनके भाजपा में आने और विधानसभा की सदस्यता त्यागने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है। फिलहाल राम निवास रावत राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री हैं।

विजयपुर में भाजपा ने स्पष्ट रूप से रावत को प्राथमिकता दी है और उनका नाम एकल उम्मीदवार के रूप में दिल्ली भेज दिया गया है। पार्टी को उम्मीद है कि रावत की लोकप्रियता और भाजपा में उनके शामिल होने से यह सीट आसानी से जीत ली जाएगी।

केंद्रीय नेतृत्व करेगा निर्णय

जानकारी के मुताबिक प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में बुधनी और विजयपुर दोनों सीटों के लिए संभावित प्रत्याशियों के नामों पर विस्तृत चर्चा हुई। इन नामों पर अंतिम निर्णय अब केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। पार्टी ने बुधनी के लिए कई नामों पर विचार किया, जिसमें राजेंद्र सिंह, रमाकांत भार्गव और कार्तिकेय सिंह चौहान प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट है कि भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती और यह निर्णय पूरी तरह से दिल्ली से किया जाएगा।

बुधनी विधानसभा सीट का प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त

भाजपा ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रभारी के रूप में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को नियुक्त किया है, जबकि पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है। इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी होगी कि वे क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों का सही आकलन करें और पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएं। चुनावी रणनीति के तहत दोनों प्रभारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, खासकर तब, जब यह सीट शिवराज सिंह चौहान का गढ़ रही है और इसे जीतना पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।

अन्य संभावित नामों पर चर्चा

बैठक में बुधनी सीट के लिए और भी नाम चर्चा में आए थे, जिनमें गुरू प्रसाद शर्मा, रवि मालवीय और रवीश सिंह चौहान प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन नामों पर भी विचार किया गया, लेकिन पार्टी का रुख फिलहाल स्पष्ट नहीं है। अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजे गए पैनल से होगा, जिसमें कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम सबसे अधिक चर्चा में है।

भाजपा के लिए चुनौती

भाजपा के लिए बुधनी का उपचुनाव आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां शिवराज सिंह चौहान की मजबूत पकड़ रही है। शिवराज के बिना यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस रणनीति के साथ मैदान में उतरती है। शिवराज सिंह चौहान के उत्तराधिकारी के रूप में किसे चुना जाता है, यह भाजपा की आगामी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। यदि कार्तिकेय सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया जाता है, तो यह भाजपा की ओर से एक स्पष्ट संकेत होगा कि पार्टी भविष्य के नेतृत्व की ओर बढ़ रही है।

दूसरी ओर, विजयपुर में रामनिवास रावत का नाम तय होना भाजपा के लिए एक सुरक्षित दांव माना जा रहा है। रावत की क्षेत्र में लोकप्रियता और भाजपा की मजबूत चुनावी मशीनरी मिलकर इस सीट को जीतने में कारगर साबित हो सकती हैं।

बुधनी और विजयपुर दोनों सीटों पर उपचुनाव भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के बाद अब सभी की निगाहें केंद्रीय नेतृत्व पर हैं, जो जल्द ही बुधनी सीट के प्रत्याशी का नाम तय करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारती है और किस प्रकार की रणनीति अपनाती है।

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