लखनऊ। यूपी महिलाओं के लिए सुरक्षित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे को चुनौती देते हुए बदमाशों ने राजधानी लखनऊ में एक प्रशासनिक अधिकारी की बेटी के साथ कार में गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने द मूकनायक को बताया-घटना 5 दिसम्बर की है। मानसिक कारणों से पीड़िता ने 10 दिसम्बर को पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल कार को भी बरामद कर लिया है।
यूपी की राजधानी लखनऊ के केजीएमसी के मनोरोग विभाग में लखनऊ के एक बड़े पद पर तैनात प्रशासनिक अधिकारी की बेटी का इलाज चल रहा था। वह अस्पताल में भर्ती थी। इस दौरान अस्पताल के बाहर चाय लगाने वाले सत्यम मिश्रा से उसकी दोस्ती हो गई।
जानकारी के मुताबिक 5 दिसम्बर को युवती 3 घन्टे सत्यम मिश्रा की दुकान पर बैठकर बातचीत करती रही। इस दौरान उसके मोबाइल की बैट्री खत्म हो गई। उसने सत्यम मिश्रा से मोबाईल चार्जिंग की बात कही। इस पर सत्यम ने एम्बुलेंस में मोबाईल चार्जिंग के लिए लगा दिया। जब युवती ने मोबाइल मांगा तो गाड़ी डालीगंज पुल के पास खड़े होने की बात बताई। इस पर युवती उनके साथ ई रिक्शा में बैठकर उसे लेने गई। डालीगंज पहुंचने पर जानकारी मिली कि एम्बुलेंस आईटी चौराहे पर है। वह सत्यम के साथ मोबाइल लेने आईटी चौराहे गई। इसके बाद आईटी चौराहे से बाराबंकी सफेदाबाद चले गए। सबने बैठकर होटल में खाना खाया। वापस छोड़ने की बात कहकर वैगनआर कार में बैठा लिया और वारदात को अंजाम दिया।
आरोपियों में एक निजी एंबुलेंस संचालक और दो लोग मेडिकल कालेज के पास चाय का ठेला लगाने वाले हैं। आरोपियों के पास से पीड़िता का बनाया गया वीडियो भी मिला है।
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