उत्तर प्रदेश: महिला से रेप के बाद प्राइवेट पार्ट को चाकू से गोदा, बेटी ने कहा- "मेरी मां ने जिसकी मदद की, उसी ने की घिनौनी हरकत"

घटनास्थल पर खून से सना बिस्तर और दीवारों पर खून के धब्बे बता रहे थे बर्बर कृत्य की कहानी, पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार।
घटनास्थल पर कमरे में खून के छीटें
घटनास्थल पर कमरे में खून के छीटें
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लखनऊ। यूपी के कानपुर जिले में काकादेव स्थित एक हॉस्टल की केयरटेकर महिला की रेप के बाद हत्या कर दी गई। जिस कमरे में घटना हुई उस कमरे का बिस्तर व दीवारें खून से सनी हुई थीं। दीवारों पर खून के धब्बे महिला के साथ भयावहता बयान कर रहे थे। बेटी ने कमरे में मौजूद टिफिन सप्लाई करने वाले युवक अर्जुन यादव व उसके दोस्त पर रेप के बाद हत्या का आरोप लगाया था। जबकि पुलिस का कहना था महिला की बीमारी से मौत हो गई। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में इंजरी आई है। वहीं महिला के शरीर पर कुल 10 जगह घाव के निशान हैं। पुलिस ने अर्जुन पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर उसे और तीन अन्य को हिरासत में लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद रेप की धारा बढ़ा दी है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के कानपुर जिले के काकादेव थाना क्षेत्र के गीता नगर स्थित हॉस्टल की तीसरी मंजिल में 35 वर्षीय महिला अपने चार बच्चों संग 2016 से रह रही थी। 16 वर्षीय बेटी ने द मूकनायक को बताया-मेरी मां हॉस्टल में केयरटेकर थीं। मां ने टिफिन सप्लाई के लिए अर्जुन यादव नाम के युवक को रखा था। सोमवार शाम अर्जुन अपने तीन दोस्तों संग मां के पास आया था। अर्जुन ने मुझसे दुकान से दूध लाने को कहा। मैंने मना कर दिया था। कई बार कहने पर मां ने अर्जुन के भाई और उसके एक दोस्त संग उसे दूध लाने भेज दिया। अर्जुन और उसका दोस्त वहीं रुक गए। मैं जब दुकान से घर लौटी तो हॉस्टल का दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार डोर बेल बजाने पर ऊपर से अर्जुन ने झांका और बोला कि मां सो रही है। बाद में आना। इतना कह वह अंदर चला गया। इस बीच हॉस्टल में रहने वाली एक युवती भी आ गई। उसने ने मेरी माँ के मोबाइल पर फोन मिलाया तो अर्जुन ने फोन उठाते हुए कहा कि कुछ देर इंतजार करो। युवती के चिल्लाने पर वह पांच मिनट बाद उतरा और गेट खोला। उसकी टी शर्ट पर खून के निशान थे। यह देख मैं घबरा गई। दौड़कर कमरे में गई तो मां नग्न अवस्था में खून से लथपथ कमरे में बेड पर पड़ी थीं। युवती और हॉस्टल मालिक की मदद से महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां मेरी माँ की मौत हो गई। मुझे लग रहा था मेरी मां के साथ रेप किया गया था।

कई जगह चोट के निशान मिले

महिला की बेटी के मुताबिक जब वह कमरे में पहुंची थी तो उसकी मां की एक आंख काली थी। मत्थे और गाल भी काला पड़ गया था। गले पर उंगलियों के निशान थे। पैर कटे हुए थे। जानकारी के मुताबिक महिला मूलरूप से हरदोई के बिलग्राम की रहने वाली थीं। 2018 में पति की मौत हो गई थी। करीब ढाई साल पहले वह हॉस्टल में खाना बनाने और देखरेख के काम के लिए रहने आ गई थी। मृतका के चार बच्चे हैं। सबसे बड़ा 17 वर्षीय बेटा आचार्य है, जबकि मंझला बेटा भी उसी के साथ सहयोग करता है। छोटा बेटा हॉस्टल के पास स्थित स्कूल में कक्षा चार में पढ़ता है। जबकि बेटी कक्षा 9वीं की छात्रा है। सभी एक ही कमरे में रहते हैं। बेटी के मुताबिक एक करीबी रिश्तेदार ने मां से टिफिन सप्लाई करने वाले युवक की मुलाकात कराई थी। जिसके बाद वह पेट्रोल और खर्च का पैसा भी युवक को देती थीं।

खून से सना हुआ बिस्तर
खून से सना हुआ बिस्तर

पुलिस ने बताया बीमारी से हुई मौत

पुलिस मीडिया सेल से जारी सूचना के मुताबिक पुलिस ने महिला की मौत का कारण बीमारी बताया। जबकि महिला की बेटी मां के साथ हुई घटना को बता रही थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरी घटना खुलकर सामने आ गई है। पुलिस ने पहले हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद इसमें रेप की धाराएं बढ़ा दी हैं।

आंकड़े बता रहे महिला अपराध की कहानी

एनसीआरबी के साल 2021 के आंकड़ों को देखा जाए तो रेप के मामलों में राजस्थान नंबर वन पर आता है। 2021 में देश में 30 हजार, 16 रेप के केस दर्ज किए गए थे। रेप के मामले राजस्थान में 6337, मध्य प्रदेश में 2947, उत्तर प्रदेश में 2845, महाराष्ट्र में 2496 और असम में 1733 दर्ज हुए थे। वहीं, देश में महिला के खिलाफ अपराधों के मामले साल 2020 के मुकाबले 2021 में 15 फीसदी बढ़े। साल 2020 में 3,71,503 और 2021 में 4,28, 278 मामले रिपोर्ट किए गए।

राष्ट्रीय महिला आयोग के डेटा के मुताबिक, 2022 में महिलाओं के शीलभंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 2,523 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं। इसमें 1,701 बलात्कार और बलात्कार के प्रयास से संबंधित थीं। इसके अलावा 1,623 शिकायतें महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता के संबंध में थीं और 924 शिकायतें साइबर अपराधों से संबंधित थीं। 2022 में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्य) को महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की लगभग 31,000 शिकायतें मिलीं थी। 2021 में एनसीआरबी को 30,864 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2022 में यह संख्या थोड़ी बढ़कर 30,957 हो गई। 30,957 शिकायतों में से अधिकतम 9,710 गरिमा के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं।

राष्ट्रीय महिला आयोग के डेटा के मुताबिक, इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,970 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,600 हैं। लगभग 54.5 प्रतिशत (16,872) शिकायतें सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं। देश की राजधानी दिल्ली में 3,004 शिकायतें दर्ज की गईं, इसके बाद महाराष्ट्र (1,381), बिहार (1,368) और हरियाणा (1,362) का नंबर आता है। आंकड़ों के मुताबिक, सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं थीं। 2022 में राष्ट्रीय महिला आयोग को प्राप्त शिकायतों की संख्या 2014 के बाद से सबसे अधिक है, जब पैनल को 33,906 शिकायतें मिली थीं।

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