जयपुर। राजस्थान के डूंगरपुर जिले के झाकोल के सरकारी स्कूल में अध्ययनरत नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाध्यापक रमेशचंद कटारा को गत सोमवार को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश ने एक बार फिर आरोपी की दो दिन की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है। डूंगरपुर पुलिस ने रिमांड अवधि समाप्त होने पर आरोपी हेड मास्टर को न्यायालय में पेश किया था।
रिमांड अवधि के दौरान पुलिस आरोपी हेड मास्टर से छात्राओं के साथ दुष्कर्म की अन्य घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है।
पुलिस का मानना है कि आरोपी इस तरह हरकत करने का आदि रहा है। ऐसे में अन्य बालिकाओं के साथ भी इस तरह की घटना होने से इनकार नहीं कर सकते। इसी बिंदु पर जांच चल रही है।
अभी तक 9 से 12 साल की 6 नाबालिग छात्राएं सामने आई हैं। पुलिस ने नियमानुसार इन पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज कर लिए हैं। पुलिस ने अन्य पीड़ित छात्राओं से सामने आने की अपील की है।
इस पूरे प्रकरण को लेकर द मूकनायक ने मामले की जांच कर रहे डूंगरपुर पुलिस उपाधीक्षक राकेश कुमार शर्मा से बात की। शर्मा ने द मूकनायक को बताया कि 55 वर्षीय हेड मास्टर स्कूल में पढ़ने वाली 9 से 12 साल उम्र की बच्चियों को ही टारगेट करता था।
डीवाईएसपी शर्मा ने द मूकनायक को बताया कि आरोपी हेड मास्टर जानता है कि बड़ी बच्चियों के साथ गलत काम करूंगा तो राज खुल जाएगा। या वह अपने परिजनों को उसकी हरकतों के बारे में बता देंगी।
आरोपी ने यह बात पुलिस पूछताछ में स्वीकार भी की है। उसने यह भी कहा कि वह यह भी जनता था कि छोटी बच्चियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध कायम किया तो ब्लीडिंग हो सकती है। इसलिए वह जबरन ओरल सेक्स के लिए बाध्य करता था। पुलिस का कहना कि आरोपी हेड मास्टर होने से स्कूल में उसका प्रभाव था। इसलिए यह बच्चियां डरती थीं।
पुलिस उपाधीक्षक राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हुईं तो आरोपी हेड मास्टर राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक खेलों की तैयारी के बहाने इन बच्चियों को स्कूल बुलाने लगा था। यहां उन्हें कमरों में ले जाकर कपड़े खुलवाता था। उनके साथ तरह-तरह से दुष्कर्म करता था।
जांच अधिकारी राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि शारीरिक सम्बन्ध बनाना ही दुष्कर्म नहीं है। दुष्कर्म की कानून में विस्तार से व्याख्या की गई है। हेड मास्टर के द्वारा नाबालिग छात्राओं के साथ की गई हरकत दुष्कर्म की श्रेणी में आती है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी हेड मास्टर के पास लग्जरी कार है। खेल प्रैक्टिस के बहाने स्कूल आने वाली बच्चियों को कार में बैठाकर स्कूल से 8 किलोमीटर दूर स्थित अपने घर भी ले जाता था।
"आरोपी के दो मकान हैं। इनमें से एक मकान निर्माणाधीन है। नए मकान पर कोई नहीं रहता है। इसी सूने मकान में ले जाकर आरोपी हेड मास्टर बच्चियों के साथ गलत काम करता था। यह बात आरोपी ने भी स्वीकार की है", पुलिस अधिकारी ने बताया।
घटनास्थल की तसदीक के लिए पुलिस आरोपी हेड मास्टर को घर व स्कूल लेकर गई। जहां पुलिस ने दोनों जगहों पर आरोपी से घटना की तसदीक की है
उधर, शिक्षक के इन कृत्यों के सामने आने के बाद गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते पर विश्वास डगमगाने लगा है। अभिभावक इसी पवित्र रिश्ते के विश्वास पर अपनी नन्ही बेटियों को छुट्टी के बाद स्कूल भेजने से कोई गुरेज भी नहीं कर रहे थे। शिक्षक की काली करतूत सामने आने के बाद उन अभिभावकों को भी सदमा लगा जो बेटियों को खेल प्रशिक्षण के लिए स्कूल भेज रहे थे।
भारत मे चाइल्ड पोर्न मूवी देखने पर पाबन्दी है। इसके बावजूद आरोपी हेड मास्टर मोबाइल में ऐसी मूवीज के देखने का आदि था। उसे इस तरह की पोर्न फिल्मों की लत लग गई थी। यही वजह है कि पुलिस ने आरोपी का मोबाइल फोन भी जब्त किया है।
इस मोबाइल की जांच के बाद ही खुलासा होगा कि कही आरोपी ने पीड़ित नाबालिग छात्राओं की गलत फोटो वीडियो तो नहीं बना रखी है।
जांच अधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक राकेश कुमार शर्मा ने द मूकनायक को बताया कि आरोपी को हरकतों से एक नाबालिग छात्रा के व्यवहार में बदलाव आने लगा था। वह बार-बार अपने नाजुक अंगों को टच करती तथा बार- बार बाथरूम में जाने लगी थी। अभिभावकों ने उसकी हरकतों को नोटिस किया तो उन्हें सन्देह हुआ। उन्होंने बच्ची की काउंसलिंग कर प्रेम से उससे पूछताछ की तो उसने हेड मास्टर की करतूतों के बारे में बता दिया। उसने अन्य पीड़ित बच्चियों के नाम भी बताए। इसके बाद अभिभावकों की शिकायत पर हेड मास्टर के खिलाफ दुष्कर्म व पोक्सो की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई।
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