जयपुर। राजस्थान में बाल यौन हिंसा के अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते दिनों दौसा जिले में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने चार साल की मासूम बच्ची से बलात्कार किया। इसके कुछ दिनों बाद एक 28 वर्षीय युवक ने शादी समारोह में मौका पाकर 6 साल की बच्ची से बलात्कार किया था।
उक्त घटनाओं में अभी न्याय भी नहीं मिल पाया था कि ब्यावर जिले के सेंदड़ा थाना इलाके के एक गांव में दो वहशी पड़ोसियों ने मिलकर सात साल की मासूम बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार कर मानवता की सारी हदें पार कर दीं। घायल बालिका को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उपचार करने वाले चिकित्सक भी चकित रह गए। मासूम के गुप्तांग पर टांके तक लगाने पड़े हैं।
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पीड़िता के पड़ोसी है। पुलिस घटना के संबंध में पूछताछ कर रही है। मामले की जांच कर रही जैतारण पुलिस वृताधिकारी सीमा चौधरी ने द मूकनायक को बताया कि नाबालिग से बलात्कार के दो आरोपियों को हमने गिरफ्तार कर लिया है। एक का नाम रामू व दूसरे का नाम श्याम (बदला नाम) है। दोनों आरोपी पीड़िता के पड़ोस में रहते हैं। घटना वाले दिन बच्ची के मां-बाप घर से बाहर थे। वह घर पर अकेली थी। इस दौरान आरोपी नाबालिग बच्ची को बहला फुसला कर खेतों की तरफ ले गए। जहां दोनों ने बलात्कार किया।
जांच अधिकारी ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया है। संदेह के आधार पर पुलिस ने उक्त दोनों आरोपियों को डिटेन कर पूछताछ की तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। घटना में और लोगों के शामिल होने की आशंका को देखते हुए पूछताछ कर रहे हैं।
आपको बता दें कि गत शनिवार को एक सात साल की नाबालिग लड़की के साथ ब्लात्कार हुआ था। लहूलुहान हालत में परिजनों ने पीड़िता को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने भी संबंधित अस्पताल में पहुंच कर पीड़िता के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। इस दौरान परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी।
उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए अजमेर रेंज आईजी लता मनोज ने भी राजकीय अमृत कौर अस्पताल पहुंच कर बच्ची से मुलाकात की थी। इस दौरान रेंज आईजी ने मीडिया से कहा कि प्रकरण पहले ही दर्ज हो चुका था। घटना के डेड़ घंटे बाद एक आरोपी को दस्तयाब किया गया। इसके बाद दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। चिकित्सकों से बात की है। बच्ची के उपचार व देखभाल में कोई कमी नहीं है। सभी तरह की मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
इससे पूर्व उदयपुर के मावली में नाबालिग के साथ बलात्कार कर आरोपी ने उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके शव को कई टुकड़ों में काटकर घर के पास एक सुनसान जगह पर फेंक दिया था। इसी प्रकार मांडलगढ़ में नाबालिग से बलात्कार के बाद कोयला भट्टी में जिंदा जलाने की घटना सामने आ चुकी है।
उदयपुर-राजसमंद में सक्रिय एक स्वयंसेवी संगठन 'महिला मंच' की निदेशक शकुन्तला पामेचा ने बताया कि मोबाइल पर आसानी से उपलब्ध पोर्न व हिंसक सामग्री से बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। बच्चों पर आसानी से हावी हुआ जा सकता है। इसके चलते वे आसान शिकार है। इसके अलावा सामंती और पितृसत्तात्मक समाज के चलते भी ऐसी घटनाएं होती है।
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